*धरती के अन्नदाता किसान की जय!*
(एक कम्पनी के कुछ एम्प्लोयी का ग्रुप शहर की भाग दौड़ से ऊबकर पिकनिक मनाना तय करता है, सभी अपने जीवन साथी और बच्चों के साथ एक फार्म हाउस आते है। दूसरे दिन सब बैठकर खेल करते हैं उसी वक़्त चर्चा होती है कि कौन सा कार्य सबसे बड़ा है?)
*रवि* - मेरे हिसाब से चिकित्सक सबसे ज्यादा सम्माननीय है क्योंकि मानव जीवन बचाता है।
*मोहन* - इंजीनियर, क्यूंकि जीवन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस देकर आसान बनाता है।
*मैत्री* - अध्यापक, क्योंकि मानव गढ़ने की टकसाल है। इनके हाथों में देश का भविष्य है।
*तृप्ति* - वैसे वकील भी सम्मानीय हैं, क्योंकि कानून व्यवस्था और न्याय में यही मदद करते हैं।
*मोहित* - यह सब तो ठीक है, कि सबकी अपनी अपनी अहमियत है लेकिन इन सबमें सर्वश्रेष्ठ और सम्माननीय कौन हुआ?
*ईषना* - मैं अपना मत बताने से पहले कुछ प्रश्न पूंछना चाहती हूँ? कि आप सब अपने बच्चों को क्या बनाना चाहते हो?
(कोई MBA कराके मैनेजमेंट में बच्चों के कैरियर बनाने की बात करता है, कोई डॉक्टर, कोई इंजीनियर, कोई बिज़नेस मैन, कोई अध्यापक इत्यादि की बात करता है)
*ईषना* - इन सभी के लिए क्या जरूरी है?
(सब एक साथ बोलते हैं कुशाग्र बुद्धि, कड़ी मेहनत और सही इंस्टिट्यूट और टीचर पढ़ाने वाले)
*ईषना* - यदि मान लो उपरोक्त सब उपलब्ध हो, लेकिन विद्यार्थी और अध्यापक दोनों भूखे हों तो क्या दिमाग़ चलेगा।
(😂😂सब हंस पड़ते है, ये क्या बोल रही हो, भूखे भजन न होइँ गोपाला। अत्यंत भूख लगी हो तो जब भजन नहीं हो पाता तो भला पढ़ाई कैसे होगी? जीवन ही सम्भव नहीं यदि अन्न न मिले तो...😊😊😊)
*ईषना* - यदि आपके पास बहुत पैसा हो, लेकिन आसपास कहीं किसी दुकान पर अन्न ही न मिले तो क्या करोगे?
(अरे कुछ और खा लेंगे पिज़्ज़ा बर्गर बिस्किट नमकीन)
*ईषना* - ये सब अन्न से ही निर्मित है। अगर अन्न कोई पैदा ही न करे, कोई किसान ही न बने, कृषि ही न करे तो... फिर क्या होगा?
(अरे सब भूखे मर जायेंगे, सब एक साथ बोले... एक मुट्ठी अन्न के लिए महाभारत हो जाएगी...)
*ईषना* - तो सभी सहमत हो कि डॉक्टर इंजीनियर वकील नेता व्यवसायी देश में हों न हों किसान होना जरूरी है। अन्न उपजाना जरूरी है। नहीं तो देश की जिंदगी और अर्थव्यवस्था ठप्प पड़ जाएगी।
(हां सहमत हैं)
*ईषना* - क्रिकेट वर्ल्डकप चल रहा हो या पसंदीदा फ़िल्म क्या भूखे हो तो एन्जॉय कर पाओगे? या जॉब हो या व्यवसाय कर पाओगे?
*रवि* - बिल्कुल नहीं,ईषना ये बताओ कि तुम साबित क्या करना चाहती हो? कहना क्या चाहती हो?
*ईषना* - यही कि दुनियां की सर्वश्रेष्ठ जॉब - किसान बनना है। सर्वश्रेष्ठ सम्मान किसान को मिलना चाहिए....अन्नदाता किसान से बड़ा कोई नहीं...
लेकिन दुर्भाग्यवश... लोग अन्न से जुड़े कर्म करने वाले किसान का महत्त्व समझते ही नहीं. .
मॉल में होटल में पिज़्ज़ा बर्गर पॉपकॉर्न चाकलेट खाओगे साथ मे वेटर को टिप भी देते हो.... कभी सब्जी वाले को टिप दी...कभी किसी किसान को टिप दी...उन्हें कोई उपहार दिया...उनका सम्मान किया.... उल्टा उनसे मोलभाव करते हो...शर्म आती है जब हाई फाई लोग गाड़ी से उतरकर पार्टी में खर्च तो कर सकते है...लेकिन सब्जी में दो रुपये छोड़ने को राज़ी नहीं होते....
🙏🏻🇮🇳 *सिर्फ़ दो की इज़्ज़त सबसे ऊपर है, पहले नम्बर पर किसान की और दूसरे नम्बर पर देश की सीमा पर रक्षा कर सैनिक जवान की।* 🇮🇳
👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻 सब खड़े होकर ईषना के लिए ताली बजाते हैं, और पूंछते हैं कि क्या हम इन किसानों के लिए कुछ कर सकते हैं?
*ईषना* - हम कम से कम एक गांव गोद ले सकते हैं, उसे आदर्श ग्राम बना सकते हैं। उन्हें गांव में ही पशु खरीद के दे सकते हैं, उनके बच्चों को पढ़ा सकते हैं, वहां तालाब जल संरक्षण के लिए खुदवा सकते हैं। किसान आत्महत्या न करे इसके लिए व्यवस्था बना सकते हैं।
*रवि* - लेकिन इसके लिए मार्गदर्शन कहां से मिलेगा? हम ज्यादा खर्च भी नहीं कर सकते?
*ईषना* - अखिलविश्व गायत्री परिवार , शान्तिकुंज, हरिद्वार में इसकी ट्रेनिंग मुफ्त मिलती है। थोड़े थोडे अंशदान से किसान कल्याण के प्रोजेक्ट हम लोग कर सकते हैं।
(सब मिलकर कहते हैं, ईषना नेक्स्ट टाइम हम लोग छूट्टी में शान्तिकुंज चलेंगे। हमारे लिए ट्रेनिंग की व्यवस्था करवाओ प्लीज़। हम भी राष्ट्र निर्माण में और किसान कल्याण में योगदान देना चाहते है। सब ईषना के लिए पुनः ताली बजाते हैं)
गायत्री मंत्र बोलकर अन्न को प्रणाम कर भोजन करते हैं, और सब एक दूसरे को झूठन न छोड़ने के लिए प्रेरित करते हैं। आज सबको अन्न की कीमत समझ आयी। और अन्नदाता किसान को हृदय से धन्यवाद देकर, उसकी जयकार लगाई।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
(एक कम्पनी के कुछ एम्प्लोयी का ग्रुप शहर की भाग दौड़ से ऊबकर पिकनिक मनाना तय करता है, सभी अपने जीवन साथी और बच्चों के साथ एक फार्म हाउस आते है। दूसरे दिन सब बैठकर खेल करते हैं उसी वक़्त चर्चा होती है कि कौन सा कार्य सबसे बड़ा है?)
*रवि* - मेरे हिसाब से चिकित्सक सबसे ज्यादा सम्माननीय है क्योंकि मानव जीवन बचाता है।
*मोहन* - इंजीनियर, क्यूंकि जीवन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस देकर आसान बनाता है।
*मैत्री* - अध्यापक, क्योंकि मानव गढ़ने की टकसाल है। इनके हाथों में देश का भविष्य है।
*तृप्ति* - वैसे वकील भी सम्मानीय हैं, क्योंकि कानून व्यवस्था और न्याय में यही मदद करते हैं।
*मोहित* - यह सब तो ठीक है, कि सबकी अपनी अपनी अहमियत है लेकिन इन सबमें सर्वश्रेष्ठ और सम्माननीय कौन हुआ?
*ईषना* - मैं अपना मत बताने से पहले कुछ प्रश्न पूंछना चाहती हूँ? कि आप सब अपने बच्चों को क्या बनाना चाहते हो?
(कोई MBA कराके मैनेजमेंट में बच्चों के कैरियर बनाने की बात करता है, कोई डॉक्टर, कोई इंजीनियर, कोई बिज़नेस मैन, कोई अध्यापक इत्यादि की बात करता है)
*ईषना* - इन सभी के लिए क्या जरूरी है?
(सब एक साथ बोलते हैं कुशाग्र बुद्धि, कड़ी मेहनत और सही इंस्टिट्यूट और टीचर पढ़ाने वाले)
*ईषना* - यदि मान लो उपरोक्त सब उपलब्ध हो, लेकिन विद्यार्थी और अध्यापक दोनों भूखे हों तो क्या दिमाग़ चलेगा।
(😂😂सब हंस पड़ते है, ये क्या बोल रही हो, भूखे भजन न होइँ गोपाला। अत्यंत भूख लगी हो तो जब भजन नहीं हो पाता तो भला पढ़ाई कैसे होगी? जीवन ही सम्भव नहीं यदि अन्न न मिले तो...😊😊😊)
*ईषना* - यदि आपके पास बहुत पैसा हो, लेकिन आसपास कहीं किसी दुकान पर अन्न ही न मिले तो क्या करोगे?
(अरे कुछ और खा लेंगे पिज़्ज़ा बर्गर बिस्किट नमकीन)
*ईषना* - ये सब अन्न से ही निर्मित है। अगर अन्न कोई पैदा ही न करे, कोई किसान ही न बने, कृषि ही न करे तो... फिर क्या होगा?
(अरे सब भूखे मर जायेंगे, सब एक साथ बोले... एक मुट्ठी अन्न के लिए महाभारत हो जाएगी...)
*ईषना* - तो सभी सहमत हो कि डॉक्टर इंजीनियर वकील नेता व्यवसायी देश में हों न हों किसान होना जरूरी है। अन्न उपजाना जरूरी है। नहीं तो देश की जिंदगी और अर्थव्यवस्था ठप्प पड़ जाएगी।
(हां सहमत हैं)
*ईषना* - क्रिकेट वर्ल्डकप चल रहा हो या पसंदीदा फ़िल्म क्या भूखे हो तो एन्जॉय कर पाओगे? या जॉब हो या व्यवसाय कर पाओगे?
*रवि* - बिल्कुल नहीं,ईषना ये बताओ कि तुम साबित क्या करना चाहती हो? कहना क्या चाहती हो?
*ईषना* - यही कि दुनियां की सर्वश्रेष्ठ जॉब - किसान बनना है। सर्वश्रेष्ठ सम्मान किसान को मिलना चाहिए....अन्नदाता किसान से बड़ा कोई नहीं...
लेकिन दुर्भाग्यवश... लोग अन्न से जुड़े कर्म करने वाले किसान का महत्त्व समझते ही नहीं. .
मॉल में होटल में पिज़्ज़ा बर्गर पॉपकॉर्न चाकलेट खाओगे साथ मे वेटर को टिप भी देते हो.... कभी सब्जी वाले को टिप दी...कभी किसी किसान को टिप दी...उन्हें कोई उपहार दिया...उनका सम्मान किया.... उल्टा उनसे मोलभाव करते हो...शर्म आती है जब हाई फाई लोग गाड़ी से उतरकर पार्टी में खर्च तो कर सकते है...लेकिन सब्जी में दो रुपये छोड़ने को राज़ी नहीं होते....
🙏🏻🇮🇳 *सिर्फ़ दो की इज़्ज़त सबसे ऊपर है, पहले नम्बर पर किसान की और दूसरे नम्बर पर देश की सीमा पर रक्षा कर सैनिक जवान की।* 🇮🇳
👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻 सब खड़े होकर ईषना के लिए ताली बजाते हैं, और पूंछते हैं कि क्या हम इन किसानों के लिए कुछ कर सकते हैं?
*ईषना* - हम कम से कम एक गांव गोद ले सकते हैं, उसे आदर्श ग्राम बना सकते हैं। उन्हें गांव में ही पशु खरीद के दे सकते हैं, उनके बच्चों को पढ़ा सकते हैं, वहां तालाब जल संरक्षण के लिए खुदवा सकते हैं। किसान आत्महत्या न करे इसके लिए व्यवस्था बना सकते हैं।
*रवि* - लेकिन इसके लिए मार्गदर्शन कहां से मिलेगा? हम ज्यादा खर्च भी नहीं कर सकते?
*ईषना* - अखिलविश्व गायत्री परिवार , शान्तिकुंज, हरिद्वार में इसकी ट्रेनिंग मुफ्त मिलती है। थोड़े थोडे अंशदान से किसान कल्याण के प्रोजेक्ट हम लोग कर सकते हैं।
(सब मिलकर कहते हैं, ईषना नेक्स्ट टाइम हम लोग छूट्टी में शान्तिकुंज चलेंगे। हमारे लिए ट्रेनिंग की व्यवस्था करवाओ प्लीज़। हम भी राष्ट्र निर्माण में और किसान कल्याण में योगदान देना चाहते है। सब ईषना के लिए पुनः ताली बजाते हैं)
गायत्री मंत्र बोलकर अन्न को प्रणाम कर भोजन करते हैं, और सब एक दूसरे को झूठन न छोड़ने के लिए प्रेरित करते हैं। आज सबको अन्न की कीमत समझ आयी। और अन्नदाता किसान को हृदय से धन्यवाद देकर, उसकी जयकार लगाई।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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