एक दिन एक बड़ा यज्ञ होगा,
अग्नि प्रज्वल्लित होगी,
अग्नि या समिधा से जलेगी,
या अग्नि विद्युत शवदाह में होगी।
हवन सामग्री स्वरूप,
मेरा मृत शरीर होगा,
और मां गायत्री के मंत्रोच्चार से,
मेरा शरीर आहूत होगा।
एक एक शरीर का कण जलेगा,
पुनः पंचतत्वों में,
सब कुछ विलीन होगा,
शरीर जलेगा,
रिश्ते जलेंगे,
पहचान जलेगा,
एक मुट्ठी राख में सबकुछ,
परिणित होगा।
परिजनों की श्रद्धा रही तो,
श्राद्ध मिलेगा,
अच्छे कर्म किये तो,
लाखों की श्रद्धा का भाव मिलेगा।
पुण्य और पाप की दो गठरी,
बस मेरे साथ चलेगी,
इनके आधार पर ही,
परमात्म सत्ता मेरा हिसाब करेगी।
पुनः जन्म मिलेगा या नहीं,
नर्क की आग में जलूँगा या नहीं,
स्वर्ग के सुख का साम्राज्य मिलेगा या नहीं,
इन सबका पहले हिसाब होगा,
तब जाके मेरा चिता यज्ञ स्वीकार्य होगा,
अनन्त जन्मों से यही क्रम चल रहा है,
वो न्यायकारी सबके,
कर्मो का बराबर हिसाब रख रहा है।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
अग्नि प्रज्वल्लित होगी,
अग्नि या समिधा से जलेगी,
या अग्नि विद्युत शवदाह में होगी।
हवन सामग्री स्वरूप,
मेरा मृत शरीर होगा,
और मां गायत्री के मंत्रोच्चार से,
मेरा शरीर आहूत होगा।
एक एक शरीर का कण जलेगा,
पुनः पंचतत्वों में,
सब कुछ विलीन होगा,
शरीर जलेगा,
रिश्ते जलेंगे,
पहचान जलेगा,
एक मुट्ठी राख में सबकुछ,
परिणित होगा।
परिजनों की श्रद्धा रही तो,
श्राद्ध मिलेगा,
अच्छे कर्म किये तो,
लाखों की श्रद्धा का भाव मिलेगा।
पुण्य और पाप की दो गठरी,
बस मेरे साथ चलेगी,
इनके आधार पर ही,
परमात्म सत्ता मेरा हिसाब करेगी।
पुनः जन्म मिलेगा या नहीं,
नर्क की आग में जलूँगा या नहीं,
स्वर्ग के सुख का साम्राज्य मिलेगा या नहीं,
इन सबका पहले हिसाब होगा,
तब जाके मेरा चिता यज्ञ स्वीकार्य होगा,
अनन्त जन्मों से यही क्रम चल रहा है,
वो न्यायकारी सबके,
कर्मो का बराबर हिसाब रख रहा है।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
No comments:
Post a Comment