स्वयं बुद्ध बनके ही,
अंगुलीमाल को,
अहिंसक में बदला जाएगा,
भीतर ठहर के ही,
दूसरे को अनाचार करने से,
कोई रोक पायेगा।
कानून परशुराम की तरह,
अपराधी मिटाएगा,
बुद्ध की तरह,
केवल अपराध मिटा न पाएगा।
युगऋषि बुद्ध की राह पर चलके,
अनेकों सद्गृहस्थ भिक्षुक,
तैयार कर रहे हैं,
विचारक्रांति की तलवार थामने को,
सबल साधक कलाई,
नित्य गढ़ रहे रहे हैं।
अनेकों अंगुलिमालों को अहिंसक बनाना है,
हर भूले भटके को सही राह दिखाना है,
पापवृत्ति को जड़ से मिटाना है,
गायत्री परिवार को यह कार्य करके दिखाना है,
स्थूल में हम सबको प्रयास करना है,
सूक्ष्म में तो गुरुचेतना को ही विचार बदलना है।
अंगुलीमाल को,
अहिंसक में बदला जाएगा,
भीतर ठहर के ही,
दूसरे को अनाचार करने से,
कोई रोक पायेगा।
कानून परशुराम की तरह,
अपराधी मिटाएगा,
बुद्ध की तरह,
केवल अपराध मिटा न पाएगा।
युगऋषि बुद्ध की राह पर चलके,
अनेकों सद्गृहस्थ भिक्षुक,
तैयार कर रहे हैं,
विचारक्रांति की तलवार थामने को,
सबल साधक कलाई,
नित्य गढ़ रहे रहे हैं।
अनेकों अंगुलिमालों को अहिंसक बनाना है,
हर भूले भटके को सही राह दिखाना है,
पापवृत्ति को जड़ से मिटाना है,
गायत्री परिवार को यह कार्य करके दिखाना है,
स्थूल में हम सबको प्रयास करना है,
सूक्ष्म में तो गुरुचेतना को ही विचार बदलना है।
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