*यज्ञ एक समग्र उपचार पद्धति है,* यह पूरी पृथ्वी और समस्त जीवों के उपचार हेतु कार्य करता है। युगऋषि श्रीराम शर्मा जी आचार्य से प्रेरणा लेकर और उनके बताए रिसर्च पैटर्न के आधार पर कई विद्वानों, डॉक्टरों ने रिसर्च किया और बहुत अच्छे परिणाम सभी को मिले।
युगऋषि के अनुसार उपचार स्थूल और सूक्ष्म दोनो स्तर पर होता है। स्थूल के उपचार को आप मशीनों से चेक कर सकते हैं:-
1- यज्ञ हवा में व्याप्त पॉल्युशन को दूर करता है। PM2.5 और PM10 को आप किसी भी एयर इंडेक्स मीटर मशीन से चेक कर सकते हैं। हम लोग एयरवेदा से चेक करके परिणाम लोगो को दिखाते हैं।
2- डॉक्टर ममता सक्सेना ने दिल्ली पॉल्युशन बोर्ड के साथ मिलकर हवा के प्रदूषण को और रोगाणुओं पर रिसर्च किया और पाया कि यज्ञ से इस पर बहुत प्रभाव पड़ता है।रोगाणु तेजी से कम होते है।
3- डॉक्टर वंदना और डॉक्टर रंजू ने रिसर्च में पाया कि शरीर मे व्यापत बीमारी को दूर करने में भी यज्ञ अन्य पैथी से ज्यादा असरकारक है। साउंड एनर्जी-मन्त्र, यज्ञ की अग्नि-हीट एनर्जी और औषधियों के संयोजन से बने धूम्र रोगी की श्वांस और रोमछिद्रों से शरीर मे प्रवेश करते है। रोगी को रोग मुक्त करते हैं।
4- डॉक्टर हिमांशु और डॉक्टर बेरीवाल के अनुसार मानसिक रोगों पर तो यज्ञ ही एकमात्र उपचार है। दुनियां में इतने सारे मानसिक रोगी है जिन्हें पता ही नहीं कि वो रोगी है। उनसे आसपास के लोग भी धीरे धीरे मानसिक अशांति से रोगग्रस्त होने लगते हैं। यज्ञ के धूम्र से मानसिक रोगी के साथ साथ पूरा परिवार स्वस्थ होता है।
5- डॉक्टर ममता सक्सेना ने रिसर्च में पाया कि घर के वातावरण में व्याप्त निगेटिविटी को यज्ञ दूर करता है। उसे सकारात्मक बनाता है। इसे औरा मीटर से देखा जा सकता है।
6- प्राण एनर्जी का प्रवाह जब अवरूद्ध होता है तो शरीर रोगी बनता है। प्राण एनर्जी को बढ़ाने और नियंत्रित करने में यज्ञ चिकित्सा सबसे ज्यादा प्रभावशाली है।
7- विभिन्न रोगों और समस्याओं के लिए हवन सामग्री अलग अलग होती है। अतः रोगनिदान के लिए विशेष हवन सामग्री आयुर्वेद डॉक्टर की सलाह पर तैयार कर उपयोग में ली जाती है।
8- यज्ञ एक चिकित्सक की भूमिका में कार्य करता है। अगर रोगी की किसी भी पैथी के चिकित्सक पर श्रद्धा न हो तो दवाई ज्यादा प्रभावशाली ढंग से असर नहीं करेगी। क्यूंकि रोगी के मन को दवा के असर को स्वीकृति देनी होती है। असर आएगा लेकिन वक्त लगेगा।
9- यज्ञ एक प्राचीन चिकित्सा विज्ञान है जिसमें औषधियों के कारण को जगा के उसके प्रभाव को अग्नि और मन्त्र के संयोजन से गुणा करके हज़ार गुना तक बढ़ाया जा सकता है। लाल मिर्च को जलाने का असर सबने देखा है।
10- भावनाओं(Emotion) के विकृति से उतपन्न रोगों पर यज्ञ ज्यादा असरकारी है। क्योंकि अन्य कोई औषधि भावनात्मक स्तर तक नहीं पहुंच सकती।
गायत्री जप और यज्ञ से किस्मत तक का उपचार सम्भव है। किस्मत बदली जा सकती है। कठिन प्रारब्ध को नष्ट कर सौभाग्य को जगाया जा सकता है। लाभ अनेक हैं इसे विस्तार से पढ़े पुस्तक -📖 *यज्ञ एक समग्र उपचार*, 📖 *यज्ञ का ज्ञान विज्ञान और*, 📖 *यज्ञ चिकित्सा*
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
युगऋषि के अनुसार उपचार स्थूल और सूक्ष्म दोनो स्तर पर होता है। स्थूल के उपचार को आप मशीनों से चेक कर सकते हैं:-
1- यज्ञ हवा में व्याप्त पॉल्युशन को दूर करता है। PM2.5 और PM10 को आप किसी भी एयर इंडेक्स मीटर मशीन से चेक कर सकते हैं। हम लोग एयरवेदा से चेक करके परिणाम लोगो को दिखाते हैं।
2- डॉक्टर ममता सक्सेना ने दिल्ली पॉल्युशन बोर्ड के साथ मिलकर हवा के प्रदूषण को और रोगाणुओं पर रिसर्च किया और पाया कि यज्ञ से इस पर बहुत प्रभाव पड़ता है।रोगाणु तेजी से कम होते है।
3- डॉक्टर वंदना और डॉक्टर रंजू ने रिसर्च में पाया कि शरीर मे व्यापत बीमारी को दूर करने में भी यज्ञ अन्य पैथी से ज्यादा असरकारक है। साउंड एनर्जी-मन्त्र, यज्ञ की अग्नि-हीट एनर्जी और औषधियों के संयोजन से बने धूम्र रोगी की श्वांस और रोमछिद्रों से शरीर मे प्रवेश करते है। रोगी को रोग मुक्त करते हैं।
4- डॉक्टर हिमांशु और डॉक्टर बेरीवाल के अनुसार मानसिक रोगों पर तो यज्ञ ही एकमात्र उपचार है। दुनियां में इतने सारे मानसिक रोगी है जिन्हें पता ही नहीं कि वो रोगी है। उनसे आसपास के लोग भी धीरे धीरे मानसिक अशांति से रोगग्रस्त होने लगते हैं। यज्ञ के धूम्र से मानसिक रोगी के साथ साथ पूरा परिवार स्वस्थ होता है।
5- डॉक्टर ममता सक्सेना ने रिसर्च में पाया कि घर के वातावरण में व्याप्त निगेटिविटी को यज्ञ दूर करता है। उसे सकारात्मक बनाता है। इसे औरा मीटर से देखा जा सकता है।
6- प्राण एनर्जी का प्रवाह जब अवरूद्ध होता है तो शरीर रोगी बनता है। प्राण एनर्जी को बढ़ाने और नियंत्रित करने में यज्ञ चिकित्सा सबसे ज्यादा प्रभावशाली है।
7- विभिन्न रोगों और समस्याओं के लिए हवन सामग्री अलग अलग होती है। अतः रोगनिदान के लिए विशेष हवन सामग्री आयुर्वेद डॉक्टर की सलाह पर तैयार कर उपयोग में ली जाती है।
8- यज्ञ एक चिकित्सक की भूमिका में कार्य करता है। अगर रोगी की किसी भी पैथी के चिकित्सक पर श्रद्धा न हो तो दवाई ज्यादा प्रभावशाली ढंग से असर नहीं करेगी। क्यूंकि रोगी के मन को दवा के असर को स्वीकृति देनी होती है। असर आएगा लेकिन वक्त लगेगा।
9- यज्ञ एक प्राचीन चिकित्सा विज्ञान है जिसमें औषधियों के कारण को जगा के उसके प्रभाव को अग्नि और मन्त्र के संयोजन से गुणा करके हज़ार गुना तक बढ़ाया जा सकता है। लाल मिर्च को जलाने का असर सबने देखा है।
10- भावनाओं(Emotion) के विकृति से उतपन्न रोगों पर यज्ञ ज्यादा असरकारी है। क्योंकि अन्य कोई औषधि भावनात्मक स्तर तक नहीं पहुंच सकती।
गायत्री जप और यज्ञ से किस्मत तक का उपचार सम्भव है। किस्मत बदली जा सकती है। कठिन प्रारब्ध को नष्ट कर सौभाग्य को जगाया जा सकता है। लाभ अनेक हैं इसे विस्तार से पढ़े पुस्तक -📖 *यज्ञ एक समग्र उपचार*, 📖 *यज्ञ का ज्ञान विज्ञान और*, 📖 *यज्ञ चिकित्सा*
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
No comments:
Post a Comment