Sunday 15 April 2018

प्रश्न ,- नहीं एक ईच्छा है कि मैं अस्पताल में रोगी बनके नहीं मरना चाहता।

प्रश्न - *श्वेता बेटा, मैं रोज तुम्हारी पोस्ट फेसबुक में पढ़ता हूँ। मेरा प्रश्न नहीं एक ईच्छा है कि मैं अस्पताल में रोगी बनके नहीं मरना चाहता। और न ही मैं अपने बेटे बहू पर बोझ बनना चाहता हूँ। इस वर्ष दिसम्बर 2018 में मैं रिटायर हो रहा हूँ। मेरा मार्गदर्शन करो कि मेरी यह ईच्छा पूरी हो कि अब्दुल कलाम की तरह मैं कार्य करते हुए मरूँ। तुम्हारी जानकारी के लिए बता दूं, के मेरी पत्नी का स्वर्गवास हो चुका है और मैं बैंक में जॉब करता हूँ।*

उत्तर - चरण स्पर्श बाबूजी, हम जो दिल की गहराई से चाहते हैं उस इच्छा को पूरा करने के लिए पूरी क़ायनात हमारी मदद करती है। ईश्वर उसकी मदद जरूर करता है जो अपनी मदद आप करता है। आप तो मुझसे बड़े है, आपकी सेवा का सौभाग्य और मार्गदर्शन का सौभाग्य देने के लिए धन्यवाद। कुछ युगऋषि के मार्गदर्शन पॉइंट्स आपके लिए:-

1- बाबूजी आत्मा कभी बूढ़ी नहीं होती, लेकिन आत्मा तेजवान और सुसुप्त दोनो अवस्था मे जाती है। यदि आप नित्य - गायत्री जप, ध्यान, प्राणायाम, योग और स्वाध्याय करेंगे तो आपके प्राण की अग्नि प्रखर रहेगी। मुख में तेज और शरीर मे ऊर्जा अनवरत बनी रहेगी।

2- बाबूजी मनोविज्ञान कहता है, मनुष्य की बीमारी का जड़ मन होता है। मन एक जंगली घोड़ा है इसे निरन्तर अभ्यास से साधना पड़ता है, जब यह साध लिया जाता है तो हर वक्त आनन्द देने लगता है। तो इसके लिए यूट्यूब में श्रद्धेय डॉक्टर प्रणव पंड्या के देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में दिए ध्यान के लेक्चर रोज़ सुनिये। जो वाला ध्यान आनन्द दे बस उसे रोज कीजिये, कल्पना शक्ति बढाइये एक ही दिशा में और आनन्द में खो जाइये।

3- बाबूजी मस्तिष्क उस व्यक्ति का कभी रिटायर नहीं होगा जो नियमित अखण्डज्योति का एक पेज का स्वाध्याय और नियमित दोनों हाथों से मन्त्रलेखन करेगा। कभी भी पैरालिसिस का अटैक उस पर नहीं हो सकता जिसके मष्तिष्क में ज्ञान का प्रकाश हो और हाथ जिसके नित्य मन्त्रलेखन कर रहे हों।

4- शान्तिकुंज प्रकाशन की पुस्तक 📖 स्वस्थ रहने के सरल उपाय के साथ अन्य स्वास्थ्यपरक साहित्य पढ़ लीजिये। और उसके अनुसार जीवनचर्या निर्धारित कर लीजिए।

5- बाबूजी जैसे प्रत्येक पढ़ाई के दिनों में जो बच्चा वर्षभर मन लगाकर पढ़ता हैं वो तो अच्छे से पास हो ही जाता है लेकिन जो बच्चा अंतिम एग्जाम के कुछ दिनों में भी ठीक से पढ़ ले तो अच्छे अंक भले न ला पाये पास तो हो ही जाता है। इसी तरह वैसे तो वृद्धावस्था रूपी एग्जाम की तैयारी 21 वर्ष की आयु में ही शुरू कर देनी चाहिए, लेकिन 54-55 वर्ष में भी जो वृद्धावस्था की तैयारी में जुट जाएं वो पास हो ही जायेगा। कुछ पुस्तके जरूर पढ़ लीजिये 📖 जो पचपन के हो चले, बुढ़ापे से टक्कर लें इत्यादि।

6- बाबूजी कभी भी पुरानी यादों के खंडहर में प्रवेश मत करना वो शरीर को जर्जर बनाती है। इसलिए नई ऊर्जा और नई कल्पना से जुड़ना जो शरीर मे नई ऊर्जा का संचार करेगी। इसलिए अपनी पेंशन का एक अंश से अच्छी बाल निर्माण की कहानियां और कुछ चोकलेट खरीद लेना। किसी भी सरकारी स्कूल में पहले अच्छी कहानियां सुनाना, छोटे बच्चों के साथ हंसना खिलखिलाकर और उन्हें अच्छी अच्छी बातें सिखाना। बड़े बच्चो को फ्री में कॉमर्स की और बैंकिंग की तैयारी करवाना।

7- बाबूजी कोई ऐसा शौक जो पारिवारिक जिम्मेदारियों में पूरा नहीं कर पाए जैसे गायक बनना, कोई वाद्य यंत्र बजाना, पेंटिंग करना, कोई नई भाषा सीखना इत्यादि को पुनः शुरू करके इसी जीवन में उसका आनन्द उठाइये।

8- रिटायरमेंट के बाद खुद को सन्यासी समझना जिसने मोह-माया से सन्यास ले लिया है। तो घर में प्रवेश करने पर जो बना हो वो खा लेना, अपनी पसंद के अंकुरित और खीरा ककड़ी काला नमक चाट मसाला नींबू इत्यादि समान घर आते वक्त खुद ही ले आना। सुबह उषापान अर्थात बैठ के पहले दो ग्लास पानी पी लेना, फिर ब्रश करते जाने से पूर्व अंकुरित फ्रिज से निकाल के पानी मे डाल देना। नित्य क्रिया और पूजा ध्यान पाठ करके पानी निकाल के उसमें सभी सलाद का सामान स्वयं गायत्री मंत्र जपते हुए काटना, बढ़िया सलाद बना के खा लेना। और वाक पर निकल जाना, जो हमउम्र मिले उनके पुस्तक जीवन जीने की कला के कुछ सूत्र जरूर बता देना।

9- कोई छोटी पुस्तक युगऋषि की साथ मे रखना पढ़कर वो आगे किसी और को पढ़ने को दे देना। भूल के भी स्वयं को वृद्ध मत मानना। युवावस्था में जिस उमंग को लेकर चलते थे उसी उमंग को लेकर चलते रहना।

10- बहु-बेटे यदि कुछ उच्च स्वर में बोले तो एक कान से सुनना और दूसरे कान से निकाल देना। गृहकार्य जो आसानी से हो सके उसमें मदद कर देना। पोता-पोती की होमवर्क में मदद हेतु पहले उस सब्जेक्ट को खुद पढ़ लेना, कुछ समझ न आये तो यूट्यूब से उससे सम्बन्धित वीडियो देख लेना, फिर उसे आसान तरीके से उन्हें पढ़ा देना। उपयोगिता अपनी चहुँ ओर स्थापित करने का प्रयास करना लेकिन परिणाम को मत सोचना। कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन- गीता के अनुसार कर्म करना लेकिन फल की चिंता मत करना।

11- अपने नजदीकी शक्तिपीठ पर साप्ताहिक यज्ञ और सामाजिक लोककल्याणार्थ मिशन गतिविधियों में भाग लेना। अखण्डज्योति पत्रिका स्वयं साइकिल चलकर बांटने जाना, चाहे भले आपके घर चार चार गाड़ियां क्यों न हो साइकिल दिन में कुछ देर के लिए जरूर चलना।

12- शरीर है तो बीमारी हजारी तो लगी रहती है, एक स्पोर्ट्स पर्सन की तरह बीमारी के चौके छक्के छुड़ाते रहिये, दवा करवा के पुनः जिंदगी के खेल में जुट जाईये। प्रत्येक फ़ूड प्रोडक्ट और इलेक्ट्रॉनिक सामान की तरह हमारी भी Expiry निश्चित है। तो जब बुलावा आएगा तब चल देंगे। जब तक जिंदगी के मैच का ओवर खत्म नहीं होता बैटिंग करते रहेंगे। जिंदगी हंसते मुस्कुराते जीते रहेंगे।

विश्वास मानिए बाबूजी जो निरन्तर जप-ध्यान-प्राणायाम-योग के साथ साथ अच्छी पुस्तको को पढ़ता-लिखता रहता है, समाज की गतिविधियों से जुड़ा रहता है। उसके पास टेंशन लेने का वक्त नहीं बचता और न हीं उसके पास पुराने खंडहरों में घूमने का वक्त होता है। अतः उपरोक्त युगसाहित्य के अध्ययन से उपजे विचारअनुसार हमने आपको बताया है।

वैसे भी रिटायर का अर्थ है - टायर बदलना,  नए मानसिक टायर लगाएं और जीवन के सफर का आनंद लें। सुनहरे उम्र (Golden Age) में सुहाना जीवन का सफर हो ऐसी शुभकामनाएं और प्रार्थना महाकाल से करते हैं।

समस्त पुस्तके आप फ्री निम्नलखित वेबसाइट से डाउनलोड करके पढ़ सकते हैं:-

http://vicharkrantibooks.org

यूट्यूब वीडियो इस लिंक पर जाकर देखें

https://www.youtube.com/user/shantikunjvideo

अपने शहर के नजदीकी शक्तिपीठ का अड्र्स इस लिंक पर प्राप्त करे -

For india
http://www.awgp.org/contact_us/india_contacts

For abroad/Global Contact
http://www.awgp.org/contact_us/global_contacts

बाबूजी एक विनम्र अनुरोध है 9 दिवसीय या एक मासीय साधना कार्यशाला रिटारमेंट के पहले शान्तिकुंज या तपोभूमि मथुरा में कर लें, इससे शरीर और मन साधनात्मक कार्य हेतु सध जाएगा:- अड्र्स:-

Address & Contact

1). Gayatri Teerth Shantikunj
Haridwar, Uttaranchal, India – 249411
Phone no : 91-1334- 260602, 260403, 260309, 261955, 261485
Fax no : 91-1334-260866
E-mail : shantikunj@awgp.org

2). Yug Nirman Yojana
Gayatri Tapobhumi
Mathura, Uttar Pradesh, India – 281003
Phone no : 91-0565-2530115, 2530128, 2530399
Mobile no : +91 99270 86287
E-mail : yugnirman@awgp.org

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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