Wednesday 18 April 2018

कविता- सपनों की दुनियां में अपनो को शामिल कर लें

*सपनों की दुनियां में अपनो को शामिल कर लें*

सपनो की दुनियां में,
अपनो की दुनियां भूल गए,
फेसबुक के चक्कर में,
अपनों के चेहरे देखना भूल गए।

सपनों की दुनियां में...........

Whatsapp के चक्कर में,
अपनो से हालचाल पूंछना भूल गए,
Email के चक्कर में,
अपनों से मेल मिलाप भूल गए।

सपनों की दुनियां में...........

World Wide Web के चक्कर में,
वसुधैव कुटुम्बकम भूल गए,
लैपटॉप-मोबाईल के चक्कर में,
आसपड़ोस को जानना भूल गए।

सपनों की दुनियां में...........

सपनों की मंजिल पर चढ़ने के चक्कर में,
अपनो की नज़रों में गिरते चले गए,
बाहरी अमीरी के चक्कर में,
अंतर में ग़रीबी गढ़ते चले गए।

सपनों की दुनियां में...........

सब ठीक हो जाएगा,
सद्बुद्धि विवेक स्वाध्याय से,
इंटरनेट सर्फ़िंग के साथ साथ,
बस अन्तर्मन की भी सर्फ़िंग कर लें।

बाह्य मैकअप के साथ साथ,
आंतरिक कायाकल्प भी कर लें,
फेसबुक-व्हाट्सएप के साथ साथ,
सहज आत्मीयता विस्तार भी कर लें।

सपनों की दुनियां में,
अपनों को भी शामिल कर लें,
अध्यात्म की टेक लेकर,
संसार की भी सवारी कर लें।

विज्ञान और इंटरनेट का,
भरपूर सदुपयोग कर लें,
सपनों की दुनियां में,
अपनों को भी शामिल कर लें।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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