प्रश्न - *दी, मेरा बिज़नेस में लगातार घाटे हो रहे हैं, हमेशा सर में दर्द बना रहता है। एक समय सफ़ल बिजनेस मैंन हुआ करता था, अब असफ़लता से परेशान हूँ। घर में भी कलह का वातावरण है।*
उत्तर - *सुख के सब साथी, दुःख का न कोय।* सफ़ल व्यक्ति उगते हुए सूर्य की तरह पूजा जाता है, असफ़ल व्यक्ति अस्त होता सूर्य होता है। सूर्य एक ही है लेकिन उनकी स्टेट अलग अलग है।
👉🏻 गाड़ी अच्छी चल भी रही हो तो भी मेंटेनेंस मांगती है, लेकिन सफ़लता के समय तुमने बुद्धि और बिज़नेस दोनों का मेंटेनेंस नहीं किया। ईंधन की भी व्यवस्था नहीं की, जिसके कारण असफ़ल हो रहे हो।
👉🏻 अब उठो! जागो और तब तक मत रुकना जब तक सफ़ल न बन जाओ! तुम सफ़ल थे सफ़ल हो और सदा रहोगे। वर्तमान का समय कठिन परीक्षा हैं जिसमे तुम्हे मेहनत लगन सद्बुद्धि और सामर्थ्य से अच्छे अंको से पास होना है।
👉🏻 सबसे पहले बुद्धि को शुद्ध करने का उपाय करो, और बुद्धि और भाग्य में जमा कचरा साफ़ करो। कम से कम 5 माला गायत्री मन्त्र,एक माला गुरु गायत्री मन्त्र, एक माला लक्ष्मी गायत्री मन्त्र और एक माला गणेश गायत्री मन्त्र की जपो। साथ में 24 महामृत्युंजय मन्त्र। जप के वक़्त उगते हुए सूर्य का ध्यान करो और विश्वास करो क़ि अब तुम्हारा भाग्योदय निश्चयतः होगा। सूर्य भगवान को जल चढ़ाओ।
👉🏻 परिवार में सबसे अच्छे से बात करो, ताना/अपशब्द एक कान से सुनो और दूसरे कान से बाहर निकाल दो। सफ़ल बनते ही यही लोग पुनः तुम्हारे आगे पीछे दौड़ेंगे। क्यूंकि ये सफ़लता के साथी हैं।
👉🏻 गुरुदेव की लिखी 📖पुस्तक *व्यवस्था बुद्धि की गरिमा* एवं *प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल* कम से कम 5 बार पूरी पढ़ो। यह पुस्तक बिजनेस करने वालों के लिए अनिवार्य है। दो ख़रीद लो एक ओफ़ीस और दुसरी घर पर रखो। साथ में एक एक बार पुस्तक निम्नलिखित पुस्तकें जरूर पढ़ लें -
*आगे बढ़ने की तैयारी*
*सफ़ल जीवन की दिशा धारा*
*दृष्टिकोण ठीक रखें*
*निराशा को पास न फटकने दें*
http: //literature. awgp.org/book/vyavastha_buddhi_ki_garima/v3
👉🏻 *आपके बिजनेस की सफ़लता के 12 सूत्र पढ़कर अपनाये, इस पर गहन चिंतन कर इस को मूर्त रूप में बिजनेस में अपनाए*ं:-
1- कस्टमर आपके शॉप या बिजनेस से क्या और क्यों ख़रीदेगा? कस्टमर को अपनी शॉप/बिजनेस तक लाने के लिए कोई इनोवेटिव आईडिया क्या आपके पास है? कस्टमर आपसे जुड़कर क्या फ़ायदा मिलेगा? कस्टमर कैसे खुश होगा?
2- आप क्या आसपास रहने वाले कस्टमर की आवश्यकता को समझ के अपनी शॉप/बिज़नेस में सोल्युशन बेंच रहे हैं?
3- नक़द कैश फ्लो कितना है? बिजनेस को सपोर्ट करने के लिए बैकअप पैसा है?
4- स्वयं को सैलरी दीजिये, घर परिवार का ख़र्च सैलरी से निकालिये। बिज़नेस का प्रॉफ़िट बिजनेस को बढ़ाने में लगाइये। घर की दुकान है तो भी स्वयं को उधार दीजिये यदि सैलरी कम पड़ गयी किसी महीने तो, और वो पैसा पुनः बिजनेस में लौटा दीजिये। नक़द लीजिये, उधार किसी को कम से कम दीजिये। पेमेंट या तो अड्वान्स लें या समय पर लें। बिजनेस को बिजनेस की तरह करें।
5- प्रॉफिट मार्जिन बिज़नेस की हमेशा मेंटेन रखें, वो बिजनेस ही क्या जिसमें प्रॉफिट ही न हों। शुरू से ही बिजनेस में प्रॉफ़िट का प्लान बना के चलिए। कभी भी प्रॉफिट निगेटिव में नहीं जाना चाहिए।
6- बिजनेस के लिए मैनपॉवर कुशल लोगों का होना चाहिए। अकुशल एम्प्लॉयी दीमक की तरह बिज़नेस को खत्म कर देंगें। स्वयं भी बिजनेस में कुशलता हांसिल कीजिये साथ ही कुशल लोगों को ही एम्प्लॉयी रखिये, हेल्पर को भी कुशल बनाते चलिए। अकबर अकबर तब बना जब नव रत्न कुशल दरबारियों/एम्प्लॉयी थे उसके पास। ऐसे अच्छे एम्प्लोयी ढूँढो जो कदम से कदम उत्साह, लगन और कुशलता के साथ आपके साथ काम कर सकें, बिजनेस कभी अकेले नहीं किया जा सकता।
7- बिज़नेस को ग्रोथ देने का आईडिया आपके पास है? अभी जो भी स्थिति है बिजनेस की उसे अगले 5 साल में कितना ग्रोथ दे सकेंगे? अगले पांच साल का प्लान रेडी है? कस्टमर को रेगुलर बना पा रहे हो? नए कस्टमर का विश्वास अर्जित करने के लिए क्या कर रहे हो, और पुराने कस्टमर हमेशा साथ बने रहे इसके लिए क्या कर रहे हो?
8- अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग से पहले कस्टमर की नीड समझ के अपना प्रोडक्ट स्ट्रेटजी के साथ सोल्युशन बना के बेंच पा रहे हो या नहीं? प्रोडक्ट की प्लानिंग, कस्टमर प्लानिंग, फ़्यूचर में कस्टमर को और ज्यादा अपने पास खींचने की प्लानिंग बनाई है? साथ में धन और मैंनपॉवर है जो इसे एक्सीक्यूट कर सकें?
9- अपने बिज़नेस की आइडेंटिटी पता कीजिये। किस चीज़ में आप बेस्ट हो? समय पर कस्टमर को डिलिवरी दे रहे हो?
10- अपने बिजनेस की स्ट्रेटजी कम्पटीटर को पता न लगने दें। सफ़लता का कुछ यूनिक फ़ार्मूला बनाएं।
11- कस्टमर से फ़ीडबैक लें और जो सम्भव हो उसमें सुधार करते चलें, जो सम्भव न हो उसे छोड़ दें। कम्प्लेन हमेशा गिफ़्ट की तरह लें, वो आपको नए चेंज की दिशा देगा।
12- जीव-जीवस्य-जीवनम् (ecosystem), एक जीव दूसरे जीव पर निर्भर है। कुछ ऐसा करो क़ि लोग आपके बिजनेस पर निर्भर करें, आपके बिज़नेस से उन्हें फ़र्क पड़े। लोगों को अपना जीवन आप के बिजनेस से आसान लगे।
उपरोक्त एक वर्ष की कार्ययोजना है, जिस विश्वास से प्रश्न पूंछा है उसी विश्वास से इस पर अमल भी कर लो। सफ़लता जरूर मिलेगी। प्रारब्ध को मात्र गायत्री साधना(जप-ध्यान) से ही नष्ट किया जा सकता है और बुद्धि में प्रखरता मात्र स्वाध्याय से ही प्राप्त की जा सकती है। अतः जप-ध्यान- स्वाध्याय ईंधन है जो नियमित बुद्धि को दिया तो बुद्धि शार्प बनेगी और सफ़लता के नए आयाम देगी।
आपके व्यवसाय और परिवार में सफ़लता हेतु हम महाकाल से प्रार्थना करते हैं।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाईन इण्डिया यूथ एसोसिएशन
गायत्री मन्त्र - *ॐ भूर्भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात्*
गुरु गायत्री मन्त्र - *ॐ ऐं श्रीराम आनन्दनाथाय गुरुवे नमः ॐ*
लक्ष्मी गायत्री मन्त्र - *ॐ महालक्ष्म्यै विद्महे, विष्णुप्रियायै धीमहि। तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्।*
गणेश गायत्री - *ॐ एक दन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो बुद्धिः प्रचोदयात्।*
महामृत्युंजय मन्त्र - *ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम् पुष्टि वर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्*
उत्तर - *सुख के सब साथी, दुःख का न कोय।* सफ़ल व्यक्ति उगते हुए सूर्य की तरह पूजा जाता है, असफ़ल व्यक्ति अस्त होता सूर्य होता है। सूर्य एक ही है लेकिन उनकी स्टेट अलग अलग है।
👉🏻 गाड़ी अच्छी चल भी रही हो तो भी मेंटेनेंस मांगती है, लेकिन सफ़लता के समय तुमने बुद्धि और बिज़नेस दोनों का मेंटेनेंस नहीं किया। ईंधन की भी व्यवस्था नहीं की, जिसके कारण असफ़ल हो रहे हो।
👉🏻 अब उठो! जागो और तब तक मत रुकना जब तक सफ़ल न बन जाओ! तुम सफ़ल थे सफ़ल हो और सदा रहोगे। वर्तमान का समय कठिन परीक्षा हैं जिसमे तुम्हे मेहनत लगन सद्बुद्धि और सामर्थ्य से अच्छे अंको से पास होना है।
👉🏻 सबसे पहले बुद्धि को शुद्ध करने का उपाय करो, और बुद्धि और भाग्य में जमा कचरा साफ़ करो। कम से कम 5 माला गायत्री मन्त्र,एक माला गुरु गायत्री मन्त्र, एक माला लक्ष्मी गायत्री मन्त्र और एक माला गणेश गायत्री मन्त्र की जपो। साथ में 24 महामृत्युंजय मन्त्र। जप के वक़्त उगते हुए सूर्य का ध्यान करो और विश्वास करो क़ि अब तुम्हारा भाग्योदय निश्चयतः होगा। सूर्य भगवान को जल चढ़ाओ।
👉🏻 परिवार में सबसे अच्छे से बात करो, ताना/अपशब्द एक कान से सुनो और दूसरे कान से बाहर निकाल दो। सफ़ल बनते ही यही लोग पुनः तुम्हारे आगे पीछे दौड़ेंगे। क्यूंकि ये सफ़लता के साथी हैं।
👉🏻 गुरुदेव की लिखी 📖पुस्तक *व्यवस्था बुद्धि की गरिमा* एवं *प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल* कम से कम 5 बार पूरी पढ़ो। यह पुस्तक बिजनेस करने वालों के लिए अनिवार्य है। दो ख़रीद लो एक ओफ़ीस और दुसरी घर पर रखो। साथ में एक एक बार पुस्तक निम्नलिखित पुस्तकें जरूर पढ़ लें -
*आगे बढ़ने की तैयारी*
*सफ़ल जीवन की दिशा धारा*
*दृष्टिकोण ठीक रखें*
*निराशा को पास न फटकने दें*
http: //literature. awgp.org/book/vyavastha_buddhi_ki_garima/v3
👉🏻 *आपके बिजनेस की सफ़लता के 12 सूत्र पढ़कर अपनाये, इस पर गहन चिंतन कर इस को मूर्त रूप में बिजनेस में अपनाए*ं:-
1- कस्टमर आपके शॉप या बिजनेस से क्या और क्यों ख़रीदेगा? कस्टमर को अपनी शॉप/बिजनेस तक लाने के लिए कोई इनोवेटिव आईडिया क्या आपके पास है? कस्टमर आपसे जुड़कर क्या फ़ायदा मिलेगा? कस्टमर कैसे खुश होगा?
2- आप क्या आसपास रहने वाले कस्टमर की आवश्यकता को समझ के अपनी शॉप/बिज़नेस में सोल्युशन बेंच रहे हैं?
3- नक़द कैश फ्लो कितना है? बिजनेस को सपोर्ट करने के लिए बैकअप पैसा है?
4- स्वयं को सैलरी दीजिये, घर परिवार का ख़र्च सैलरी से निकालिये। बिज़नेस का प्रॉफ़िट बिजनेस को बढ़ाने में लगाइये। घर की दुकान है तो भी स्वयं को उधार दीजिये यदि सैलरी कम पड़ गयी किसी महीने तो, और वो पैसा पुनः बिजनेस में लौटा दीजिये। नक़द लीजिये, उधार किसी को कम से कम दीजिये। पेमेंट या तो अड्वान्स लें या समय पर लें। बिजनेस को बिजनेस की तरह करें।
5- प्रॉफिट मार्जिन बिज़नेस की हमेशा मेंटेन रखें, वो बिजनेस ही क्या जिसमें प्रॉफिट ही न हों। शुरू से ही बिजनेस में प्रॉफ़िट का प्लान बना के चलिए। कभी भी प्रॉफिट निगेटिव में नहीं जाना चाहिए।
6- बिजनेस के लिए मैनपॉवर कुशल लोगों का होना चाहिए। अकुशल एम्प्लॉयी दीमक की तरह बिज़नेस को खत्म कर देंगें। स्वयं भी बिजनेस में कुशलता हांसिल कीजिये साथ ही कुशल लोगों को ही एम्प्लॉयी रखिये, हेल्पर को भी कुशल बनाते चलिए। अकबर अकबर तब बना जब नव रत्न कुशल दरबारियों/एम्प्लॉयी थे उसके पास। ऐसे अच्छे एम्प्लोयी ढूँढो जो कदम से कदम उत्साह, लगन और कुशलता के साथ आपके साथ काम कर सकें, बिजनेस कभी अकेले नहीं किया जा सकता।
7- बिज़नेस को ग्रोथ देने का आईडिया आपके पास है? अभी जो भी स्थिति है बिजनेस की उसे अगले 5 साल में कितना ग्रोथ दे सकेंगे? अगले पांच साल का प्लान रेडी है? कस्टमर को रेगुलर बना पा रहे हो? नए कस्टमर का विश्वास अर्जित करने के लिए क्या कर रहे हो, और पुराने कस्टमर हमेशा साथ बने रहे इसके लिए क्या कर रहे हो?
8- अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग से पहले कस्टमर की नीड समझ के अपना प्रोडक्ट स्ट्रेटजी के साथ सोल्युशन बना के बेंच पा रहे हो या नहीं? प्रोडक्ट की प्लानिंग, कस्टमर प्लानिंग, फ़्यूचर में कस्टमर को और ज्यादा अपने पास खींचने की प्लानिंग बनाई है? साथ में धन और मैंनपॉवर है जो इसे एक्सीक्यूट कर सकें?
9- अपने बिज़नेस की आइडेंटिटी पता कीजिये। किस चीज़ में आप बेस्ट हो? समय पर कस्टमर को डिलिवरी दे रहे हो?
10- अपने बिजनेस की स्ट्रेटजी कम्पटीटर को पता न लगने दें। सफ़लता का कुछ यूनिक फ़ार्मूला बनाएं।
11- कस्टमर से फ़ीडबैक लें और जो सम्भव हो उसमें सुधार करते चलें, जो सम्भव न हो उसे छोड़ दें। कम्प्लेन हमेशा गिफ़्ट की तरह लें, वो आपको नए चेंज की दिशा देगा।
12- जीव-जीवस्य-जीवनम् (ecosystem), एक जीव दूसरे जीव पर निर्भर है। कुछ ऐसा करो क़ि लोग आपके बिजनेस पर निर्भर करें, आपके बिज़नेस से उन्हें फ़र्क पड़े। लोगों को अपना जीवन आप के बिजनेस से आसान लगे।
उपरोक्त एक वर्ष की कार्ययोजना है, जिस विश्वास से प्रश्न पूंछा है उसी विश्वास से इस पर अमल भी कर लो। सफ़लता जरूर मिलेगी। प्रारब्ध को मात्र गायत्री साधना(जप-ध्यान) से ही नष्ट किया जा सकता है और बुद्धि में प्रखरता मात्र स्वाध्याय से ही प्राप्त की जा सकती है। अतः जप-ध्यान- स्वाध्याय ईंधन है जो नियमित बुद्धि को दिया तो बुद्धि शार्प बनेगी और सफ़लता के नए आयाम देगी।
आपके व्यवसाय और परिवार में सफ़लता हेतु हम महाकाल से प्रार्थना करते हैं।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाईन इण्डिया यूथ एसोसिएशन
गायत्री मन्त्र - *ॐ भूर्भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात्*
गुरु गायत्री मन्त्र - *ॐ ऐं श्रीराम आनन्दनाथाय गुरुवे नमः ॐ*
लक्ष्मी गायत्री मन्त्र - *ॐ महालक्ष्म्यै विद्महे, विष्णुप्रियायै धीमहि। तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्।*
गणेश गायत्री - *ॐ एक दन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि। तन्नो बुद्धिः प्रचोदयात्।*
महामृत्युंजय मन्त्र - *ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम् पुष्टि वर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्*
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