Friday, 6 April 2018

ॐ पंच वक़्त्राय विद्महे, महाकालाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात

वक्र का अर्थ टेढ़ा होता है,  अतः रुद्र गायत्री  मन्त्र में वक्राय (vakray) न बोलें। अनर्थ बनता है पांच मुंह का टेढ़ा।

सही है वक़्त्राय (vaktray) अर्थात बोलने वाला, पञ्च वक़्त्राय अर्थात पांच मुंह से बोलने वाला।


तो सही मन्त्र हुआ

ॐ पंच वक़्त्राय विद्महे, महाकालाय धीमहि,  तन्नो रुद्रः प्रचोदयात

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