वक्र का अर्थ टेढ़ा होता है, अतः रुद्र गायत्री मन्त्र में वक्राय (vakray) न बोलें। अनर्थ बनता है पांच मुंह का टेढ़ा।
सही है वक़्त्राय (vaktray) अर्थात बोलने वाला, पञ्च वक़्त्राय अर्थात पांच मुंह से बोलने वाला।
तो सही मन्त्र हुआ
ॐ पंच वक़्त्राय विद्महे, महाकालाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात
सही है वक़्त्राय (vaktray) अर्थात बोलने वाला, पञ्च वक़्त्राय अर्थात पांच मुंह से बोलने वाला।
तो सही मन्त्र हुआ
ॐ पंच वक़्त्राय विद्महे, महाकालाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात
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