Friday, 6 April 2018

गायत्री मंत्र जप, यज्ञ और स्वाध्याय का चमत्कार

*गायत्री मंत्र जप, यज्ञ और स्वाध्याय का चमत्कार*

डॉक्टर माता-पिता की एक 15 वर्ष की बेटी घर के अन्तर्कलह और विपरीत परिस्थितियों से परेशान थी। नींद नहीं आती थी, माता-पिता भी नींद की गोली खा कर सोते थे।

बेटी अपनी एक सहेली के घर जन्मदिन पर गयी, वहां गायत्री परिवार के परिजन जन्मदिन संस्कार द्वारा जन्मदिन मनवाए उसके बाद यज्ञ हुआ। उन्होंने बड़ी अच्छी अच्छी बात बताई, हर दिन एक नया जन्म और हर रात एक नई मौत , जीवन देवता की साधना आराधना और गायत्री मंत्र के बारे में बताया गया। और बच्चों को जाते वक्त कुछ युगसाहित्य की पुस्तकें दी। गाड़ी में आते आते उसने *सफ़ल जीवन की दिशा धारा* के कुछ अंश पढ़े। उसे बहुत अच्छा लगा। घर गयी अपने नित्य कार्य करके रात को बिस्तर पर पड़ते ही सो गई।

सुबह उठी, तो मेड के हाथ से खुद चाय की ट्रे लेकर मम्मी-पापा के कमरे में गयी। मां-पापा को प्रणाम किया, तो वो दोनों आश्चर्य से भर गए। उन्हें विश्वास नहीं हुआ। रात को बेटी ने मां-पापा से कहा कि मुझे मेरे जन्मदिन पर गिफ़्ट चाहिए। उन्होंने पूंछा बोलो क्या चाहिए। एक रविवार पूरा दिन आप हमारे साथ हमारे हिसाब से मनाएंगे। मुझे और कुछ नहीं चाहिए। दोनों ने बिना मन के हांमी भर दी। शनिवार की शाम को बेटी ने रविवार का टाइम टेबल माता-पिता को दिया तो उनके होश उड़ गए। लेकिन वादा वो तोड़ नहीं सके बेटी की ख़ुशी के लिए एक दिन देना जो था।

रविवार सुबह साढ़े तीन बजे टाइम टेबल के हिसाब से सब उठे तैयार होकर शक्तिपीठ गए। उसकी सहेली जो गायत्री परिवार की थी उसने पूरी तैयारी शक्तिपीठ पर पहले से ही की हुई थी। वो लोग शक्तिपीठ पहुंचे, सुबह का ध्यान किया और फ़िर यज्ञ में सम्मिलित हुए। लेकिन ये क्या आज उनकी शादी की सालगिरह थी ये उन्हें याद भी न था। उनकी शादी की सालगिरह मनाई गई। फूलों की वर्षा हुई और आशीर्वचन बोले गए।

जिंदगी की भागम दौड़ में बहूत कुछ छूट गया था जैसे पुराना बहुत कुछ यज्ञ भगवान के समक्ष याद आ गया। मां भगवती के भोजनालय में भोजन किया। थोड़ी देर पूरा परिवार मां गायत्री के मंदिर में वो बैठे रहे। फ़िर उठे और 3200 पुस्तकों से सजी युगऋषि लिखित साहित्य देखा। कुछ पुस्तकें पढ़ी, फ़िर बाल संस्कार शाला शुरू हुई। टाइम टेबल के हिसाब से माता-पिता दोनो को बच्चो की एक एक क्लास लेनी थी। दोनो ने पढ़ाया। शाम को सपरिवार घर आये यहां भी उनका सरप्राइज इंतज़ार कर रहा था। घर मे नादयोग में 15 मिनट सबने ध्यान किया। फिर मम्मी - पापा की पसंद का भोजन पूरे परिवार ने साथ खाया। रात को टाइम टेबल के हिसाब से प्रज्ञा पुराण से एक कहानी मां को और एक कहानी पिता को पढ़कर सुनानी थी। मां की गोद में बेटी सर रख के लेटी थी मां उसके सर को सहला रही थी और पिता ने प्रज्ञा पुराण की कहानी सुनाई। फ़िर पिता ने बेटी के सर पर हाथ फेरा और एक कहानी मां ने पढ़कर सुनाई। फ़िर तीन बार गायत्री मंत्र जप कर सब सोने चले गए। बेटी तो बिस्तर पर पड़ते ही मुस्कुराते हुए सो गई। और माता पिता कुछ पुरानी मीठी यादो को याद करते हुए कब सो गए पता ही नहीं चला। कितने दिनों बाद आज बिना नींद दवा के सब सो गए। लेकिन कुछ संकल्पों के साथ सोये।

सुबह एक नया दिन एक नई सुबह हुई, पूरा परिवार मुस्कुराते हुए उठा। बेटी के जागने से पहले आज माता-पिता उसके कमरे में गए। प्यार से सर पर हाथ फेरा। वो उठी तो खुश हो गयी माता-पिता को साथ देखकर। दोनों ने कहा हम पूरी कोशिश करेंगे कि बेटा अब घर मे अन्तर्कलह न हो। और रोज रात को नादयोग और प्रज्ञा पुराण का स्वाध्याय साथ करेंगे। चलो मरने से पहले जी भर के जी लें, शानदार सच्ची जिंदगी जियें। झूठ की दुनियां छोड़ दें। अब प्रत्येक रविवार को यज्ञ में सम्मिलित होंगे।

आज अस्पताल में सब आश्चर्यचकित थे जब दोनों डॉक्टर मुस्कुराते हुए प्रवेश किये। पूरे दिन खुश होकर मरीज़ों को देखा।

जिंदगी को स्वर्ग और नर्क हमारी सोच बनाती है। अच्छे विचारों का स्वाध्याय दिमाग़ को चुस्त दुरुस्त रखता है। नियमित मन्त्र जप, ध्यान और स्वाध्याय द्वारा अन्तःकरण निर्मल बनता है, आत्मीयता का विस्तार होता है। झूठा अहंकार मिटता है और जिंदगी को देखने और जीने का नज़रिया बदल जाता है। स्वयं के सुधरते ही जीवन सुधर और बदल जाता है। फिर चिकित्सा पीड़ित मानवता की सेवा का सुअवसर बन जाता है और जीवनसाथी हमसफ़र बनता है। अधिकार की जगह कर्तव्य ले लेते हैं और सन्तान को प्यारा परिवार मिल जाता है।

अगर कोई डिप्रेशन में जीता व्यक्ति मिले उसे कहें कि 5 रविवार नज़दीकी शक्तिपीठ में सुबह के यज्ञ में सम्मिलित हो जाये जो फ्री है। साथ में वहां का सुबह का प्रसाद ले और दोपहर वहां स्वाध्याय करने को कहें। किसी भी दिया या गायत्री परिवार के स्वाध्याय ग्रुप में जोड़ दें। एक महीने में वो बिन दवाओं के डिप्रेशन से बाहर निकल आएगा ये गारन्टी है।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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