जब चित्त शुद्ध और हृदय निर्मल होता है,
ईश्वर का प्रतिबिंब उसमें दिखता है,
तब न कोई नर और न कोई नारी रहता है,
बस परमात्म चेतना से भरा होता है।
ईश्वर का प्रतिबिंब उसमें दिखता है,
तब न कोई नर और न कोई नारी रहता है,
बस परमात्म चेतना से भरा होता है।
सभी चिकित्सक, योग करवाने वाले भाइयों बहनों, आपसे अनुरोध है कि आप मेरे डायबटीज और ब्लडप्रेशर ठीक करने वाले रिसर्च में सहयोग करें। निम्नलिखित...
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