*युगनिर्माण हेतु सप्तसूत्री योजना*
पढ़ो अखण्डज्योति में,
अपनो से अपनी बात,
करो हृदय में बैठे गुरु से,
नित्य अंतर संवाद।।
युगनिर्माण योजना हेतु,
सप्तसूत्री कार्यक्रम अपना लो,
गुरुसत्ता से निकटता का,
परम् सौभाग्य जगा लो।
*प्रथम सूत्र* में बंधकर,
निरन्तर *गायत्री उपासना करो*,
तपोमय पुण्य प्रकाश से,
स्वयं को आलोकित करो।
*दूसरे सूत्र* में बंधकर,
निज *व्यक्तित्व का विकास* करो,
जीवन की समीक्षा हेतु,
एकांत *चिंतन* करो,
भविष्य की योजना हेतु,
सम्यक *मनन* करो।
*तीसरे सूत्र* में बंधकर,
*परिवार का समग्र आध्यात्मिक विकास* करो,
शिष्टता, आस्था और नैतिक मूल्यों से,
परिवार में सँस्कार गढ़ो।
*चौथे सूत्र* से जुड़कर,
*स्वाध्याय परम्परा* का घर में विकास करो,
*क्रांतिधर्मी साहित्य* पढ़कर,
युगनिर्माण का आगाज़ करो।
*पाँचवे सूत्र* से जुड़कर,
*हरीतिमा सम्वर्धन* करो,
और *स्वावलम्बी युवा* गढ़कर,
देश का चहुमुखी विकास करो।
*छठे सूत्र* से जुड़कर,
*अपेक्षित साहस-विश्वास* जागृत करो,
अवांछनीयता के शमन हेतु,
संगठित सृजन सेना तैयार करो।
*सप्त सूत्र* से जुड़कर,
*गुरुचेतना से* जन जन को जोड़ो,
*विचारक्रांति अभियान* हेतु,
घर-घर जाकर जन-जन से सम्पर्क करो।
उठो! जागो! युगशिल्पियों! आगे आओ,
युगनिर्माण के महान कार्य में जुट जाओ,
पीड़ित कराहती मानवता को,
श्रद्धासिक्त आत्मीयता का मरहम लगाओ,
सद्चिन्तन और सत्कर्म की प्रेरणा देकर,
सतयुग की वापसी का मार्ग प्रशस्त कराओ।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
Reference Book - अखण्डज्योति, मई 2018, अपनो से अपनी बात
पढ़ो अखण्डज्योति में,
अपनो से अपनी बात,
करो हृदय में बैठे गुरु से,
नित्य अंतर संवाद।।
युगनिर्माण योजना हेतु,
सप्तसूत्री कार्यक्रम अपना लो,
गुरुसत्ता से निकटता का,
परम् सौभाग्य जगा लो।
*प्रथम सूत्र* में बंधकर,
निरन्तर *गायत्री उपासना करो*,
तपोमय पुण्य प्रकाश से,
स्वयं को आलोकित करो।
*दूसरे सूत्र* में बंधकर,
निज *व्यक्तित्व का विकास* करो,
जीवन की समीक्षा हेतु,
एकांत *चिंतन* करो,
भविष्य की योजना हेतु,
सम्यक *मनन* करो।
*तीसरे सूत्र* में बंधकर,
*परिवार का समग्र आध्यात्मिक विकास* करो,
शिष्टता, आस्था और नैतिक मूल्यों से,
परिवार में सँस्कार गढ़ो।
*चौथे सूत्र* से जुड़कर,
*स्वाध्याय परम्परा* का घर में विकास करो,
*क्रांतिधर्मी साहित्य* पढ़कर,
युगनिर्माण का आगाज़ करो।
*पाँचवे सूत्र* से जुड़कर,
*हरीतिमा सम्वर्धन* करो,
और *स्वावलम्बी युवा* गढ़कर,
देश का चहुमुखी विकास करो।
*छठे सूत्र* से जुड़कर,
*अपेक्षित साहस-विश्वास* जागृत करो,
अवांछनीयता के शमन हेतु,
संगठित सृजन सेना तैयार करो।
*सप्त सूत्र* से जुड़कर,
*गुरुचेतना से* जन जन को जोड़ो,
*विचारक्रांति अभियान* हेतु,
घर-घर जाकर जन-जन से सम्पर्क करो।
उठो! जागो! युगशिल्पियों! आगे आओ,
युगनिर्माण के महान कार्य में जुट जाओ,
पीड़ित कराहती मानवता को,
श्रद्धासिक्त आत्मीयता का मरहम लगाओ,
सद्चिन्तन और सत्कर्म की प्रेरणा देकर,
सतयुग की वापसी का मार्ग प्रशस्त कराओ।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
Reference Book - अखण्डज्योति, मई 2018, अपनो से अपनी बात
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