*।।कोई कारण शेष नहीं।।*
जब जीवन के संघर्षों में
मन में अदम्य मनोबल और साहस हो,
तब चुनौतियों से डरने का,
*रह जाता कोई कारण शेष नहीं*।।
जब किसान बनना स्वीकार किया
कठिन परिश्रम को अंगीकार किया,
फिर बदलते मौसम से डरने का
*रह जाता कोई कारण शेष नहीं।।*
जब रिश्ते और सम्बन्धो में,
प्रेम और त्याग का समागम हो,
जब देने का ही भाव बचे तो रिश्ते के टूटने का,
*रह जाता कोई कारण शेष नहीं।।*
जब जीवन का हर पल,
जी भर के रोज जीते है,
फ़िर मृत्यु से किसी प्रकार के भय का
*रह जाता कोई कारण शेष नहीं।।*
जब अन्तर्मन और हृदय निर्मल हो
मन में विवेक का जागरण हो,
संतोष भरे अन्तःकरण में किसी अशांति का,
*रह जाता कोई कारण शेष नहीं।।*
जब अंतर्जमन में ज्ञान गंगा बहती हो,
आत्मसंतुष्टि और आत्मतृप्ति रहती हो,
फिर संसार से और कुछ पाने की इच्छा का,
*रह जाता कोई कारण शेष नहीं।।*
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
जब जीवन के संघर्षों में
मन में अदम्य मनोबल और साहस हो,
तब चुनौतियों से डरने का,
*रह जाता कोई कारण शेष नहीं*।।
जब किसान बनना स्वीकार किया
कठिन परिश्रम को अंगीकार किया,
फिर बदलते मौसम से डरने का
*रह जाता कोई कारण शेष नहीं।।*
जब रिश्ते और सम्बन्धो में,
प्रेम और त्याग का समागम हो,
जब देने का ही भाव बचे तो रिश्ते के टूटने का,
*रह जाता कोई कारण शेष नहीं।।*
जब जीवन का हर पल,
जी भर के रोज जीते है,
फ़िर मृत्यु से किसी प्रकार के भय का
*रह जाता कोई कारण शेष नहीं।।*
जब अन्तर्मन और हृदय निर्मल हो
मन में विवेक का जागरण हो,
संतोष भरे अन्तःकरण में किसी अशांति का,
*रह जाता कोई कारण शेष नहीं।।*
जब अंतर्जमन में ज्ञान गंगा बहती हो,
आत्मसंतुष्टि और आत्मतृप्ति रहती हो,
फिर संसार से और कुछ पाने की इच्छा का,
*रह जाता कोई कारण शेष नहीं।।*
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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