Thursday 26 July 2018

कविता - अन्तस् में गुरुपूर्णिमा - पूरे माह सद्गुरु के श्री चरणों में*

*अन्तस् में गुरुपूर्णिमा - पूरे माह सद्गुरु के श्री चरणों में*

जीवन एक समुद्र है,
सतह में लहरों का शोर है,
समस्याओं का रोर है,

सतह पर झंझावात है,
अनवरत द्वंद्व और संघर्ष है,
संघर्षरत लहर उन्मत्त है।

अन्तर्मन समुद्र का केंद्र है,
यहां गहन शांति और मौन है,
अन्तस् सब खोज़ो का अंत है।

जब बाह्य सतह से मन का तादात्म्य रहता है,
तब मन संघर्षरत अशांत संतप्त रहता है,
जब अन्तस् केंद्र से मन का तादात्म्य रहता है,
तब मन शांत सन्तुष्ट और तृप्त रहता है।

भीतर मौन हो तो,
जीवन मधुर संगीतमय होता है,
अन्तस् केंद्र में ध्यान स्थित हो तो,
धरती पर ही स्वर्ग अनुभूत होता है।

श्रावण माह हर रोज़ गुरुपूर्णिमा मनाना है,
अन्तस् में सद्गुरु के साथ बिताना है,
चन्द्रायण व्रत में स्वयं को तपाना है,
हर रोज़ परम् सत्य को अनुभूत करना है।

🙏🏻 *गुरुपूर्णिमा 27 जुलाई से 26 अगस्त श्रावणी पूर्णिमा तक अन्तस् में ध्यानस्थ हो आइये हम सब गहन विश्राम करें और चांद्रायण साधना में ज्यादा से ज्यादा वक्त मौन रहें। इसलिए एक माह तक शोशल मीडिया व्हाट्सएप फेसबुक से यथासम्भव दूर रहें। साधना के समय फोन स्विचऑफ या साइलेंट करके साधना करें। अन्तस् से तादात्म्य स्थापित करें । पिछले 11 महीनों में इतनी सारी पोस्ट पढ़ी, साहित्य पढ़ा, अब उस पर एकांत में मनन चिंतन का सही वक्त  चांद्रायण साधना माह-श्रावण माह है ।*

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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