Monday 23 July 2018

प्रश्न - *पूजन और जप के वक़्त जब तन्मयता बढ़ती है, तो मन में गुरुदेब के बताए सत सूत्रीय कार्यक्रम के बहुत से कार्य करने का साहस और योजना उभरती है।

प्रश्न - *पूजन और जप के वक़्त जब तन्मयता बढ़ती है, तो मन में गुरुदेब के बताए सत सूत्रीय कार्यक्रम के बहुत से कार्य करने का साहस और योजना उभरती है। लेकिन जप के बाद अन्य समय मे जब उन योजना पर विचार करती हूँ, तो कभी समयाभाव तो कभी सहयोगियों के अभाव में उन योजनाओं पर कार्य करना सम्भव नहीं दिखता। मार्गदर्शन करें कि क्या इन विचारों को इग्नोर करूँ या इन पर कार्य करने का प्रयास करूँ?*

उत्तर - आत्मीय बहन, साधनात्मक स्थिर मन में साफ़ पानी की तरह मन क्रिस्टल क्लियर हो जाता है। जैसे साफ स्थिर नदी या तालाब के पानी में ज़मीन तक क्लियर दिखता है कि नीचे क्या क्या है? इसी तरह शांत स्थिर मन में हमारी असीम संभावनाएं दिखती हैं। लेकिन जैसे ही हम साधना क्षेत्र से बाहर आते है सांसारिक विचार की गाड़ी उसे फ़िर से गन्दा कर देती है जैसे मानो साफ़ उथली नदी में या तालाब में बड़ा ट्रैक्टर या घोड़ा गाड़ी गुजर जाए और पुनः गन्दा और अनक्लियर कर दें।

सम्भावनाये एक कुशाग्र विद्यार्थी में कितनी ही क्यों न हो वो एक साथ डॉक्टर, इंजीनियर, वक़ील, खिलाड़ी, व्यवसायी, सैनिक इत्यादि नहीं बन सकता। उसे अपने कैरियर की एक निश्चित विचारधारा/दिशाधारा चुननी ही पड़ेगी। उस के मार्ग में जो साथ चल सके उन् पर ही कार्य करना होगा। कॉलेज में बहुत सारी स्ट्रीम होने पर भी सबमे एक साथ एडमिशन नहीं ले सकते। इसी तरह शत सूत्रीय मिशन का कार्यक्रम होने पर भी सब कार्य कोई एक व्यक्ति नहीं कर सकता। हमें अपनी योग्यता क्षमता अनुसार कुछ का चयन करना है और उसे बेहतरीन करना है।

इसी तरह अब जब भी जप में बैठना ध्यानस्थ होना, तो उससे पूर्व अपनी योग्यता क्षमता को सोच लेना। अब जब मन में क्रिस्टल क्लियर सम्भावनाये दिखें तो मन को कम्प्यूटर की तरह उस सम्भावना में फोकस कर zoom/जूम करना/केंद्रित करना जिसे तुम कर सकती हो। जिसे तुम लीड कर सकती हो, जिसके लिए तुम सहयोगी बना सकती हो।

अब जैसे ही एकाग्र एक योजना पर होगी, बाकी अन्य धुंधले हो जायेगे और वो एक योजना और क्लियर रोड मैप की तरह दिखेगी। देवतागण उस योजना से सम्बंधित क्लियर इंडिकेशन और मार्गदर्शन प्रस्तूत करेंगे।

मन की सम्भावनाओ को देखने की जो क्षमता जागृत हो रही है अब उस पर और ज्यादा काम करो और उस एक को ढूढ निकालो जिसे तुम सबसे बेहतर ढंग से कर सकती हो। प्रयास करो सफलता जरूर मिलेगी। गुरुदेब से प्रार्थना है तुम्हें तुम्हारा गुरुकार्य का लक्ष्य, योजना, सहयोगी और उस हेतु समय प्रबंधन की क्षमता मिले।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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