प्रश्न - *दी, श्रद्धेय डॉक्टर साहब और जीजी को जब हम प्रणाम करने जाते हैं तो विभूति/यज्ञ भष्म पैकेट में मिलती है। उसका कैसे उपयोग करना होता है? उसका क्या लाभ है?*
उत्तर - शान्तिकुंज के यज्ञ में स्थापित अग्नि अखण्ड है, जिसे परमपूज्य गुरुदेव हिमालय से सुरक्षित लाये थे, पहले यह अखण्ड अग्नि मथुरा में स्थापित हुआ फिर शान्तिकुंज हरिद्वार में स्थापित हुई।
यह अग्नि करोड़ो-अरबों मन्त्र की आहुति ग्रहण करने के कारण तीव्र ऊर्जा स्पंदन/वाईब्रेशन से भरी होती है। अभिमंत्रित होती है।
हम लोग इसे एक डिब्बी में सुरक्षित रखते हैं, रोज सुबह माथे में गायत्री मंत्र बोलकर लगाते हैं। साथ ही घर से बाहर निकलने से पहले माथे में लगाते हैं।
कभी यदि सर भारी हुआ या काम की थकान से ऊर्जा कम लगती है, तो एक ग्लास पानी मे नन्ही एक चुटकी यज्ञ भष्म मिलाकर गायत्री मंत्र बोलकर पी लेते हैं।
इस यज्ञ भष्म के लाभ की अनेक घटनाएं है, उनमें से एक बहन जो इस यज्ञ भष्म के कारण मुसीबत से बाहर आई थी, उसे सुनाती हूँ:-
वर्ष 2016 में गुरुग्राम की एक सोसायटी में एक एजेंसी के ज़रिए कई लोगों ने बांग्लादेश से आई मेड रखी। उन मेड में से दो मेड अलग अलग घरों में मृत पाई गई, एक लापता थी और पुलिस उन दोनों फ़ैमिली को पकड़ कर ले गयी, और तीसरी फैमिली से पूँछताछ कर रही थी।
इस घटना से गायत्री परिजन बहन पहले से ही आतंकित थी, उन्होंने ने भी उसी एजेंसी 24 घण्टे काम करने वाली मेड ली थी।
एक दिन सुबह जब मेड नहीं उठी, तो उन्होंने रूम का दरवाजा खटखटाया। बाथरूम में पानी गिरने तथा अन्य आवाज़े आ रही थी लेकिन गेट मेड ने नहीं खोला।
तब उन्होंने पति को आवाज दी साथ ही सिक्योरिटी गार्ड को ऊपर बुलाया। दोनों ने धक्का देकर दरवाजा खोला। मेड बदहवास बेड पर पड़ी थी, हिलाने डुलाने पर कोई आवाज नहीं दे रही थी। सब डर गए हुआ क्या मेड को, तब उन बहन ने नोएडा की सीनियर गायत्री परिजन दी को फोन किया।
उन सीनियर दी ने उन बहन से कहा, शान्तिकुंज में शैल जीजी के हाथ से मिली भष्म के सात चक्कर थोड़ा थोड़ा जमीन में डालते हुए गायत्री मंत्र बोलते हुए मेड के चारो ओर घूमो। फिर उसके मुंह मे थोड़ी यज्ञ भष्म डाल दो और उसके माथे में लगा दो। गुरु कृपा से उसे होश आया जाएगा।
उन बहन ने कहे अनुसार जैसे ही 6 चक्कर पूरे किए और 7 वें चक्कर यज्ञभष्म लेकर उस मेड के चारो तरफ कर रही थी वो लड़की कर्कश मोटी आदमी की आवाज में बोल पड़ी। मुझे मत बांधो, मुझे मत बांधो। तब गार्ड और उनके पति ने उस लड़की को पकड़ा तो उसने उन दोनों को धक्का बड़ी जोर से मारा। जबकि लड़की मेड पतली दुबली थी। अंततः बड़ी मुश्किल से उसके मुंह मे यज्ञ भष्म में डाला। जैसे ही यज्ञ भष्म उसके मुंह मे डली और माथे में लगी वो लड़की शांत होकर सो गई। थोड़ी देर में उठी तो उसे कुछ भी याद नहीं था।
उसे उसी दिन शाम को एजेंसी में वापस भेज दिया। यज्ञ भष्म की मदद से वो बहन बड़ी मुसीबत से बच गयीं।
यज्ञभष्म की ऐसी अनेक घटनाएं है, जिनसे यह पता चलता है कि इससे नकारात्मक वाईब्रेशन को भगाया जा सकता है और सकारात्मक वाईब्रेशन को आकर्षित किया जा सकता है।
अभिमंत्रित यज्ञ भष्म को सम्हाल के रखें, और थोड़ा थोड़ा उपयोग में लें।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - शान्तिकुंज के यज्ञ में स्थापित अग्नि अखण्ड है, जिसे परमपूज्य गुरुदेव हिमालय से सुरक्षित लाये थे, पहले यह अखण्ड अग्नि मथुरा में स्थापित हुआ फिर शान्तिकुंज हरिद्वार में स्थापित हुई।
यह अग्नि करोड़ो-अरबों मन्त्र की आहुति ग्रहण करने के कारण तीव्र ऊर्जा स्पंदन/वाईब्रेशन से भरी होती है। अभिमंत्रित होती है।
हम लोग इसे एक डिब्बी में सुरक्षित रखते हैं, रोज सुबह माथे में गायत्री मंत्र बोलकर लगाते हैं। साथ ही घर से बाहर निकलने से पहले माथे में लगाते हैं।
कभी यदि सर भारी हुआ या काम की थकान से ऊर्जा कम लगती है, तो एक ग्लास पानी मे नन्ही एक चुटकी यज्ञ भष्म मिलाकर गायत्री मंत्र बोलकर पी लेते हैं।
इस यज्ञ भष्म के लाभ की अनेक घटनाएं है, उनमें से एक बहन जो इस यज्ञ भष्म के कारण मुसीबत से बाहर आई थी, उसे सुनाती हूँ:-
वर्ष 2016 में गुरुग्राम की एक सोसायटी में एक एजेंसी के ज़रिए कई लोगों ने बांग्लादेश से आई मेड रखी। उन मेड में से दो मेड अलग अलग घरों में मृत पाई गई, एक लापता थी और पुलिस उन दोनों फ़ैमिली को पकड़ कर ले गयी, और तीसरी फैमिली से पूँछताछ कर रही थी।
इस घटना से गायत्री परिजन बहन पहले से ही आतंकित थी, उन्होंने ने भी उसी एजेंसी 24 घण्टे काम करने वाली मेड ली थी।
एक दिन सुबह जब मेड नहीं उठी, तो उन्होंने रूम का दरवाजा खटखटाया। बाथरूम में पानी गिरने तथा अन्य आवाज़े आ रही थी लेकिन गेट मेड ने नहीं खोला।
तब उन्होंने पति को आवाज दी साथ ही सिक्योरिटी गार्ड को ऊपर बुलाया। दोनों ने धक्का देकर दरवाजा खोला। मेड बदहवास बेड पर पड़ी थी, हिलाने डुलाने पर कोई आवाज नहीं दे रही थी। सब डर गए हुआ क्या मेड को, तब उन बहन ने नोएडा की सीनियर गायत्री परिजन दी को फोन किया।
उन सीनियर दी ने उन बहन से कहा, शान्तिकुंज में शैल जीजी के हाथ से मिली भष्म के सात चक्कर थोड़ा थोड़ा जमीन में डालते हुए गायत्री मंत्र बोलते हुए मेड के चारो ओर घूमो। फिर उसके मुंह मे थोड़ी यज्ञ भष्म डाल दो और उसके माथे में लगा दो। गुरु कृपा से उसे होश आया जाएगा।
उन बहन ने कहे अनुसार जैसे ही 6 चक्कर पूरे किए और 7 वें चक्कर यज्ञभष्म लेकर उस मेड के चारो तरफ कर रही थी वो लड़की कर्कश मोटी आदमी की आवाज में बोल पड़ी। मुझे मत बांधो, मुझे मत बांधो। तब गार्ड और उनके पति ने उस लड़की को पकड़ा तो उसने उन दोनों को धक्का बड़ी जोर से मारा। जबकि लड़की मेड पतली दुबली थी। अंततः बड़ी मुश्किल से उसके मुंह मे यज्ञ भष्म में डाला। जैसे ही यज्ञ भष्म उसके मुंह मे डली और माथे में लगी वो लड़की शांत होकर सो गई। थोड़ी देर में उठी तो उसे कुछ भी याद नहीं था।
उसे उसी दिन शाम को एजेंसी में वापस भेज दिया। यज्ञ भष्म की मदद से वो बहन बड़ी मुसीबत से बच गयीं।
यज्ञभष्म की ऐसी अनेक घटनाएं है, जिनसे यह पता चलता है कि इससे नकारात्मक वाईब्रेशन को भगाया जा सकता है और सकारात्मक वाईब्रेशन को आकर्षित किया जा सकता है।
अभिमंत्रित यज्ञ भष्म को सम्हाल के रखें, और थोड़ा थोड़ा उपयोग में लें।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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