*हे कृष्ण, तुम्हारे भक्त,*
*गीता का ज्ञान भूल गए,*
*और रासलीला में उलझ गए*
*जन्माष्टमी पर्व की बधाई*
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
प्रभु तुमने अर्जुन को,
कर्तव्यबोध कराया,
धर्मस्थापना हेतु,
अनेकों कष्ट उठाया,
तुम्हारे जीवन की,
कर्तव्यबोध की विराटता को ही,
प्रभु, तुम्हारे भक्त भूल,
और रासलीला में उलझ गए।
प्रभु जितने भक्त तुम्हारे मन्दिर में,
मनोकामना हेतु आते हैं,
उनमें से आधे भी प्रभु,
तुम्हारी गीता का स्वाध्याय नहीं करते हैं,
न जाने कैसी भक्ति करते हैं,
तुम्हे तो अपनी सुनाते हैं,
पर तुम्हारी कही गीता नहीं पढ़ते हैं,
प्रभु, तुम्हारे भक्त,
गीता का ज्ञान भूल गए,
और रासलीला में उलझ गए।
प्रभु, आज जगह जगह,
तुम्हारे जन्मपर उत्सव मनेगे,
भक्ति गीतों के भाव सजेंगे,
नृत्य रासलीला के साज सजेंगे,
भक्तिमय मनोरंजन की पूर्ण व्यवस्था होगी,
ज्ञानमय गीता के मनोमन्जन की पूर्ण उपेक्षा होगी,
प्रभु, तुम्हारे भक्त,
गीता का ज्ञान भूल गए,
और रासलीला में उलझ गए।
मंदिरों में तुम्हारी मूर्ति में,
मुरली तो साथ जरूर दिखेगी,
कृष्णमूर्ति गीता लिए,
कदाचित किसी मंदिर में मौजूद होगी,
भजन कीर्तन के मंडल बहुतायत मिलेंगे,
गीता स्वाध्याय मंडल कदाचित ही मिलेंगे।
प्रभु, तुम्हारे भक्त,
गीता का ज्ञान भूल गए,
और रासलीला में उलझ गए।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
🙏🏻भक्तों भगवान की उनके जन्मदिन पर सुन लो, एक बार ही सही गीता पुनः आज पढ़ लो। गीता युद्ध के मैदान में युवा को सुनाई गई थी, अतः इसे पेंशन प्लान की तरह वृद्धावस्था में पढने हेतु न रखें। इसे संघर्षमय जीवन जॉब और व्यस्त परिस्थिति में ही जरूर पढ़ें और मार्गदर्शन लें।🙏🏻
*गीता का ज्ञान भूल गए,*
*और रासलीला में उलझ गए*
*जन्माष्टमी पर्व की बधाई*
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प्रभु तुमने अर्जुन को,
कर्तव्यबोध कराया,
धर्मस्थापना हेतु,
अनेकों कष्ट उठाया,
तुम्हारे जीवन की,
कर्तव्यबोध की विराटता को ही,
प्रभु, तुम्हारे भक्त भूल,
और रासलीला में उलझ गए।
प्रभु जितने भक्त तुम्हारे मन्दिर में,
मनोकामना हेतु आते हैं,
उनमें से आधे भी प्रभु,
तुम्हारी गीता का स्वाध्याय नहीं करते हैं,
न जाने कैसी भक्ति करते हैं,
तुम्हे तो अपनी सुनाते हैं,
पर तुम्हारी कही गीता नहीं पढ़ते हैं,
प्रभु, तुम्हारे भक्त,
गीता का ज्ञान भूल गए,
और रासलीला में उलझ गए।
प्रभु, आज जगह जगह,
तुम्हारे जन्मपर उत्सव मनेगे,
भक्ति गीतों के भाव सजेंगे,
नृत्य रासलीला के साज सजेंगे,
भक्तिमय मनोरंजन की पूर्ण व्यवस्था होगी,
ज्ञानमय गीता के मनोमन्जन की पूर्ण उपेक्षा होगी,
प्रभु, तुम्हारे भक्त,
गीता का ज्ञान भूल गए,
और रासलीला में उलझ गए।
मंदिरों में तुम्हारी मूर्ति में,
मुरली तो साथ जरूर दिखेगी,
कृष्णमूर्ति गीता लिए,
कदाचित किसी मंदिर में मौजूद होगी,
भजन कीर्तन के मंडल बहुतायत मिलेंगे,
गीता स्वाध्याय मंडल कदाचित ही मिलेंगे।
प्रभु, तुम्हारे भक्त,
गीता का ज्ञान भूल गए,
और रासलीला में उलझ गए।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
🙏🏻भक्तों भगवान की उनके जन्मदिन पर सुन लो, एक बार ही सही गीता पुनः आज पढ़ लो। गीता युद्ध के मैदान में युवा को सुनाई गई थी, अतः इसे पेंशन प्लान की तरह वृद्धावस्था में पढने हेतु न रखें। इसे संघर्षमय जीवन जॉब और व्यस्त परिस्थिति में ही जरूर पढ़ें और मार्गदर्शन लें।🙏🏻
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