*ज्ञानरथ के जीवंत अनुभव - स्थान आगरा*
एक दिन सर्दी के मौसम में योगेश भैया ज्ञानरथ लेकर घूम रहे थे। रात को परतापपुरा आगरा मे करीब 8:30 का समय था, बिक्री कम हुई थी अतः बैठे बैठे मन उधेड़बुन में लग गया।
ज्ञानरथ में दिनभर हुए कम बिक्री और समय की बर्बादी मन मान रहा था। रुपये और खर्च का हिसाब लगाने लगे और सोचने लगे कि ज्ञानरथ में भी आज कुछ ख़ास विक्री नहीं हुई। और यह भी सोचने लगे कि गायत्री शक्ति पीठ तो बन गया है करोड़ो खर्च भी हो गए। लेकिन पूरे दिन मे केवल दस बीस लोग ही रोज आते है और भी तरह तरह के निगेटिव विचार उनके दिमाग़ में आने लगे।
थोड़ी देर इसी उधेड़बुन में थे कि एक व्यक्ति खादी का कुर्ता और जैकेट पहने आया। पुस्तक देखने लगा और कुछ पुस्तकें खरीदी।
और कहने लगा कि बहुत शानदार और जीवनोपयोगी काम कर रहे हो भैया, बहुत बढ़िया गाड़ी बनाई है आपने। आज के ज़माने में विकृत चिंतन ने पूरे समाज को खोखला और मन को रुग्ण बना दिया है। रुग्ण मन और खोखले समाज का इलाज़ आप लोगों को मुहैया करवा रहे हो।
पूरे आगरा मे लगभग 30 लाख की आबादी है, ऐसे में अकेले तुम इतने लोगों के भला करने हेतु दिन रात बिना किसी लोभ लालच के काम कर रहे हो। आपकी तो किताबें इतनी अमूल्य है और जीवनोपयोगी है, फ़िर भी इतनी सस्ती है। मुझे लगता है वास्तव में ये तो प्रिंटिंग मूल्य ही है, क्योंकि इस ज्ञान का तो कोई मूल्य दे नहीं सकता। मैं आपकी प्रशंशा करता हूँ कि इस अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य को आप कर रहे हैं।
योगेश भैया की निगेटिव सोच को बदल कर वो व्यक्ति चला गया, उसकी बातें योगेश भैया के दिलो दिमाग को झकझोर के चली गयी। उसका खादी का कुर्ता खादी की धोती और जैकेट् याद आ रहा था।
उस दिन से आज़तक फिर कभी योगेश भैया ने ज्ञानरथ के फ़ायदे और नुकसान के बारे में नहीं सोचा। जो भी उनके ज्ञानरथ में आता उसे जीवन जीने और तनावप्रबन्धन के सूत्र देते है। उनका उत्साहवर्धन करके साहित्य देते हैं। न जाने कितनों की उलझने अब योगेश भैया सुलझाते है, अब खुद कभी नहीं उलझते।
योगेश भैया मानते है, कि मेरी निगेटिव सोच को बदलने शायद गुरुदेव स्वयं हिमालय से आये या किसी अन्य को प्रेरित करके भेज दिया। मेरी सोच बदलकर चले गए।
ज्ञानरथ के जीवंत अनुभव के एपिसोड जो मैं लोगों के संग्रह करके आप तक पहुंचा रही हूँ कैसे लग रहे हैं, इसका फ़ीडबैक मुझे व्हाट्सएप और फेसबुक पर कमेंट करके जरूर दें।साथ ही यदि आप ज्ञानरथ चलाते है और ऐसे ही कुछ अनुभव आपके है तो मुझे शेयर करें या फोन करके बतायें।
क्रमशः....
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
एक दिन सर्दी के मौसम में योगेश भैया ज्ञानरथ लेकर घूम रहे थे। रात को परतापपुरा आगरा मे करीब 8:30 का समय था, बिक्री कम हुई थी अतः बैठे बैठे मन उधेड़बुन में लग गया।
ज्ञानरथ में दिनभर हुए कम बिक्री और समय की बर्बादी मन मान रहा था। रुपये और खर्च का हिसाब लगाने लगे और सोचने लगे कि ज्ञानरथ में भी आज कुछ ख़ास विक्री नहीं हुई। और यह भी सोचने लगे कि गायत्री शक्ति पीठ तो बन गया है करोड़ो खर्च भी हो गए। लेकिन पूरे दिन मे केवल दस बीस लोग ही रोज आते है और भी तरह तरह के निगेटिव विचार उनके दिमाग़ में आने लगे।
थोड़ी देर इसी उधेड़बुन में थे कि एक व्यक्ति खादी का कुर्ता और जैकेट पहने आया। पुस्तक देखने लगा और कुछ पुस्तकें खरीदी।
और कहने लगा कि बहुत शानदार और जीवनोपयोगी काम कर रहे हो भैया, बहुत बढ़िया गाड़ी बनाई है आपने। आज के ज़माने में विकृत चिंतन ने पूरे समाज को खोखला और मन को रुग्ण बना दिया है। रुग्ण मन और खोखले समाज का इलाज़ आप लोगों को मुहैया करवा रहे हो।
पूरे आगरा मे लगभग 30 लाख की आबादी है, ऐसे में अकेले तुम इतने लोगों के भला करने हेतु दिन रात बिना किसी लोभ लालच के काम कर रहे हो। आपकी तो किताबें इतनी अमूल्य है और जीवनोपयोगी है, फ़िर भी इतनी सस्ती है। मुझे लगता है वास्तव में ये तो प्रिंटिंग मूल्य ही है, क्योंकि इस ज्ञान का तो कोई मूल्य दे नहीं सकता। मैं आपकी प्रशंशा करता हूँ कि इस अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य को आप कर रहे हैं।
योगेश भैया की निगेटिव सोच को बदल कर वो व्यक्ति चला गया, उसकी बातें योगेश भैया के दिलो दिमाग को झकझोर के चली गयी। उसका खादी का कुर्ता खादी की धोती और जैकेट् याद आ रहा था।
उस दिन से आज़तक फिर कभी योगेश भैया ने ज्ञानरथ के फ़ायदे और नुकसान के बारे में नहीं सोचा। जो भी उनके ज्ञानरथ में आता उसे जीवन जीने और तनावप्रबन्धन के सूत्र देते है। उनका उत्साहवर्धन करके साहित्य देते हैं। न जाने कितनों की उलझने अब योगेश भैया सुलझाते है, अब खुद कभी नहीं उलझते।
योगेश भैया मानते है, कि मेरी निगेटिव सोच को बदलने शायद गुरुदेव स्वयं हिमालय से आये या किसी अन्य को प्रेरित करके भेज दिया। मेरी सोच बदलकर चले गए।
ज्ञानरथ के जीवंत अनुभव के एपिसोड जो मैं लोगों के संग्रह करके आप तक पहुंचा रही हूँ कैसे लग रहे हैं, इसका फ़ीडबैक मुझे व्हाट्सएप और फेसबुक पर कमेंट करके जरूर दें।साथ ही यदि आप ज्ञानरथ चलाते है और ऐसे ही कुछ अनुभव आपके है तो मुझे शेयर करें या फोन करके बतायें।
क्रमशः....
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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