प्रश्न - *मैहर माता का गायत्री मंत्र यज्ञ में आहुति देने के लिए बताइये*
उत्तर - किसी भी देवी देवता का गायत्री मंत्र बनाने के लिए मंन्त्र का निम्नलिखित फार्मूला होता है। सबसे पहले देवी देवता के प्रथम नाम का स्मरण करके उन्हें बुद्धि में आह्वाहन (विद्महे) किया जाता है और दूसरे नाम के साथ बुद्धि में ध्यान(धीमहि) किया जाता है। तथा अंतिम में उनसे सन्मार्ग दिखाने(प्रचोदयात) की प्रार्थना नाम से की जाती है।
उदाहरण- गणेश जी का गायत्री मंन्त्र हेतु उनके नाम क्रमशः एकदन्त, वक्रतुण्ड, बुद्धि: या दंतिः
ॐ *एकदन्ताय* विद्महे, *वक्रतुण्डाय* धीमहि, तन्नो *बुद्धि:* प्रचोदयात।
इसी तरह मैहर माता का मंन्त्र बनाने के लिए, माता के तीन नाम क्रमशः शारदा, महाशक्ति ,मैहर माता,
जप हेतु
ॐ *शारदाय* विद्महे, *महाशक्त्यै* धीमहि, तन्नो *मैहर माता* प्रचोदयात।
अब यदि यज्ञ में उपयोग करना है तो...
ॐ *शारदाय* विद्महे, *महाशक्त्यै* धीमहि, तन्नो *मैहर माता* प्रचोदयात स्वाहा।इदं *शारदा माँ* इदं न मम्
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - किसी भी देवी देवता का गायत्री मंत्र बनाने के लिए मंन्त्र का निम्नलिखित फार्मूला होता है। सबसे पहले देवी देवता के प्रथम नाम का स्मरण करके उन्हें बुद्धि में आह्वाहन (विद्महे) किया जाता है और दूसरे नाम के साथ बुद्धि में ध्यान(धीमहि) किया जाता है। तथा अंतिम में उनसे सन्मार्ग दिखाने(प्रचोदयात) की प्रार्थना नाम से की जाती है।
उदाहरण- गणेश जी का गायत्री मंन्त्र हेतु उनके नाम क्रमशः एकदन्त, वक्रतुण्ड, बुद्धि: या दंतिः
ॐ *एकदन्ताय* विद्महे, *वक्रतुण्डाय* धीमहि, तन्नो *बुद्धि:* प्रचोदयात।
इसी तरह मैहर माता का मंन्त्र बनाने के लिए, माता के तीन नाम क्रमशः शारदा, महाशक्ति ,मैहर माता,
जप हेतु
ॐ *शारदाय* विद्महे, *महाशक्त्यै* धीमहि, तन्नो *मैहर माता* प्रचोदयात।
अब यदि यज्ञ में उपयोग करना है तो...
ॐ *शारदाय* विद्महे, *महाशक्त्यै* धीमहि, तन्नो *मैहर माता* प्रचोदयात स्वाहा।इदं *शारदा माँ* इदं न मम्
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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