Monday, 8 October 2018

*जब दुःख में सब इंसानियत में एक हैं, तो फिर दुःख से उबरते ही उपद्रव क्यों?*

*जब दुःख में सब इंसानियत में एक हैं, तो फिर दुःख से उबरते ही उपद्रव क्यों?*

सर गंगा राम हॉस्पिटल, दिल्ली में रिश्तेदार  के रेगुलर चेकअप के लिए साथ आई हूँ।

 अभी बैठे बैठे सोच रही थी, कि हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई तथा अन्य धर्मों में एकता केवल हॉस्पिटल में ही ठीक से देखने को मिलती है। किसी को किसी की जाति धर्म से कोई प्रॉब्लम नहीं। सभी धर्म वाले बड़े आराम से एक दूसरे से बाते कर रहे हैं।

इससे यह सिद्ध होता है, कि धर्म के नाम पर उपद्रव केवल फुर्सत का काम है। पेट भरा हो और कुछ करने के लिए काम न हो, कोई अपना बीमार न हो, तभी दुनियाँ में धर्म के नाम पर उपद्रव होते हैं।

यदि सभी मनुष्यों का DNA रिपोर्ट निकाली जाए तो सबके अंदर सनातन धर्म पालकों के DNA अवश्य मिलेंगे। कपड़े और हुलिया बदलने से कोई इंसान नहीं बदलता। किसी विचार धारा या मान्यता स्वीकारने पर धर्म परिवर्तन नहीं होता।

युगऋषि परमपूज्य गुरुदेव कहते है कि आने वाला युग केवल वैज्ञानिक अध्यात्म वाद को मानेगा। सब पुनः एक होंगे।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

No comments:

Post a Comment

डायबिटीज घरेलू उपाय से 6 महीने में ठीक करें - पनीर फूल(पनीर डोडा)

 सभी चिकित्सक, योग करवाने वाले भाइयों बहनों, आपसे अनुरोध है कि आप मेरे डायबटीज और ब्लडप्रेशर ठीक करने वाले रिसर्च में सहयोग करें। निम्नलिखित...