प्रश्न - *जब कोई सीनियर आपको बुरी तरह से बेवजह नीचा दिखाए तो ऐसे में कैसे रेस्पॉन्स करें?*
उत्तर - जब हमें कोई नीचा दिखाता है और हमारे लिए षड्यंत्र रचता है, तो यह हमारे जीवन की चुनौती होती है। हमें कुछ और बड़ा कर गुजरने को बोलती है।
कुत्ते के भौंकने पर रिस्पांस देना जरूरी नहीं, बल्कि निर्भय होकर उसका सामना करना चाहिए। कुत्ता और दुर्जन व्यक्ति तभी आपको परेशान करेंगे जब आपके अंदर से भय और निराशा के हार्मोन रिलीज़ होंगे। आपके भयमुक्त होते ही यह दोनों ही गधे के सर के सींग की तरह गायब हो जाते हैं।
जो आपका शुभचिंतक नहीं और आपका भला नहीं चाहता, उसकी बातों का बातों से प्रतिक्रिया न दें, उससे उलझने में अपनी ऊर्जा नष्ट न करें। क्योंकि उलझने के लिए ठहरना अर्थात स्वयं की तरक्की रोक देना है।
वह षड्यंत्र में सफल हुआ क्योंकि हमारी स्वयं के प्रति जागरूकता और सुरक्षा में कहीं न कहीं कमी थी। अतः हमें षड्यंत्र कारी की पहुंच से ऊपर उठना है। बैंक को एक चोर से नहीं निपटना होता, बल्कि ऐसी सुरक्षा रखनी होती है कि अन्य कोई चोर भी चोरी न कर सके। इसलिए आपको स्वयं की तरक़्क़ी और सुरक्षा एक षड्यंत्र को विफल बनाने के लिए केवल नहीं करनी चाहिए, बल्कि जीवन मे दोबारा कोई आपके विरुद्ध षड्यंत्र न कर सके और नीचा गिराने का अवसर प्राप्त न कर सके इस हेतु स्वयं को साधना है।
केवल अपने जीवन लक्ष्य और कैरियर पर ध्यान दें और अपनी ऊर्जा इसी पर खर्च करें। कुछ समय बाद आप पाएंगे कि आप ने उस व्यक्ति को जिसने आपको नीचा दिखाने में कोई कसर न छोड़ी थी उसे बिन बोले बहुत पीछे छोड़ दिया है।
पीठ पीछे तो राजा की भी बुराई होती है, अतः पीठ पीछे वाली बुराई इग्नोर करें। जब मुंह पर कोई आपकी बुराई करे, तब भी क्रोध न करें, इस चुनौती का मुस्कुराहट के साथ धैर्यपूर्वक शांत चित्त से विवेक का प्रयोग करते हुए तथ्य तर्क प्रमाण सहित उत्तर दें।
परम पूज्य गुरुदेव युगऋषि पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य जी लिखित निम्नलिखित पांच पुस्तकें पढ़े और स्वयं की सुरक्षा मजबूत करें:-
1- प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
2- व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
3- मानसिक संतुलन
4- निराशा को पास न फटकने दे
5- जीवन जीने की कला
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - जब हमें कोई नीचा दिखाता है और हमारे लिए षड्यंत्र रचता है, तो यह हमारे जीवन की चुनौती होती है। हमें कुछ और बड़ा कर गुजरने को बोलती है।
कुत्ते के भौंकने पर रिस्पांस देना जरूरी नहीं, बल्कि निर्भय होकर उसका सामना करना चाहिए। कुत्ता और दुर्जन व्यक्ति तभी आपको परेशान करेंगे जब आपके अंदर से भय और निराशा के हार्मोन रिलीज़ होंगे। आपके भयमुक्त होते ही यह दोनों ही गधे के सर के सींग की तरह गायब हो जाते हैं।
जो आपका शुभचिंतक नहीं और आपका भला नहीं चाहता, उसकी बातों का बातों से प्रतिक्रिया न दें, उससे उलझने में अपनी ऊर्जा नष्ट न करें। क्योंकि उलझने के लिए ठहरना अर्थात स्वयं की तरक्की रोक देना है।
वह षड्यंत्र में सफल हुआ क्योंकि हमारी स्वयं के प्रति जागरूकता और सुरक्षा में कहीं न कहीं कमी थी। अतः हमें षड्यंत्र कारी की पहुंच से ऊपर उठना है। बैंक को एक चोर से नहीं निपटना होता, बल्कि ऐसी सुरक्षा रखनी होती है कि अन्य कोई चोर भी चोरी न कर सके। इसलिए आपको स्वयं की तरक़्क़ी और सुरक्षा एक षड्यंत्र को विफल बनाने के लिए केवल नहीं करनी चाहिए, बल्कि जीवन मे दोबारा कोई आपके विरुद्ध षड्यंत्र न कर सके और नीचा गिराने का अवसर प्राप्त न कर सके इस हेतु स्वयं को साधना है।
केवल अपने जीवन लक्ष्य और कैरियर पर ध्यान दें और अपनी ऊर्जा इसी पर खर्च करें। कुछ समय बाद आप पाएंगे कि आप ने उस व्यक्ति को जिसने आपको नीचा दिखाने में कोई कसर न छोड़ी थी उसे बिन बोले बहुत पीछे छोड़ दिया है।
पीठ पीछे तो राजा की भी बुराई होती है, अतः पीठ पीछे वाली बुराई इग्नोर करें। जब मुंह पर कोई आपकी बुराई करे, तब भी क्रोध न करें, इस चुनौती का मुस्कुराहट के साथ धैर्यपूर्वक शांत चित्त से विवेक का प्रयोग करते हुए तथ्य तर्क प्रमाण सहित उत्तर दें।
परम पूज्य गुरुदेव युगऋषि पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य जी लिखित निम्नलिखित पांच पुस्तकें पढ़े और स्वयं की सुरक्षा मजबूत करें:-
1- प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
2- व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
3- मानसिक संतुलन
4- निराशा को पास न फटकने दे
5- जीवन जीने की कला
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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