Monday 26 November 2018

कवित्व - आत्मियता न रहीं तो जीवन नफरतों से भर जायेगा

*आत्मियता न रहीं तो जीवन नफरतों से भर जायेगा* - ३
दूर दूर तक नफरतों का सिलसिला नजर आयेगा ...
आत्मियता न रहीं तो ...

जाति पाती की उलझने और सांप्रदायिक हादसे - २
सुख चैन वैन छीन जायेगा, हादसा ही हादसा रह जायेगा ...
आत्मियता न रहीं तो जीवन नफरतों से भर जायेगा ...
जीवन बेरंग उदास हो जाएगा ...

यूं भी होगा पड़ोसी पड़ोसी को  भुला देगा... (२)
ये भी होगा खुद भी नफरत की आग में जल जायेगा ...
आत्मियता न रहीं तो जीवन नफरतों से भर जायेगा ...
जीवन जीते जी नरक बन जायेगा...

जीवन में यूँ न भरो नफ़रतें मायूशियाँ...
मजहबी नफरतों का चश्मा हटा के देखो दुनियाँ ...
फिर कण कण में वो परमात्मा नज़र आएगा...
हर इंसान अपना अपना सा नज़र आएगा...
नफ़रतें न रहीं तो जीवन आत्मियता से भर जायेगा ...
प्यार सहकार भरी दुनियाँ में जीने का बड़ा मज़ा आएगा...

युगऋषि श्रीराम प्रज्ञावतार बन धरा पर आये...
आत्मियता विस्तार का भाव जन जन में जगाए...
भाव सम्वेदना की गंगोत्री में जन जन को नहलाये..(2)
आओ नफ़रतें भुला के आत्मियता बढ़ाये,
प्यार सहकार से भरी एक दुनियाँ बनाएं,
नफ़रतें न रहीं तो जीवन आत्मियता से भर जायेगा ...
प्यार सहकार भरी दुनियाँ में जीने का बड़ा मज़ा आएगा...

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

No comments:

Post a Comment

प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद्यमहे’, ' धीमही’ और 'प्रचोदयात्’ का क्या अर्थ है?

 प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद...