Tuesday 25 December 2018

प्रश्न:- *दीदी मेरी उम्र 24 साल है अभी अविवाहित हूँ भारत की जनसंख्या के आकंड़े पर जब भी नजर पड़ती है मन बहुत दुःखी होता है

प्रश्न:-  *दीदी मेरी उम्र 24 साल है अभी अविवाहित हूँ भारत की जनसंख्या के आकंड़े पर जब भी नजर पड़ती है मन बहुत दुःखी होता है  चाहे हम या भारत सरकार कितनी भी योजनाये बना ले अगर जनसँख्या नियंत्रण नही की गयी तो सारी योजनाये किसी काम की नही रहेंगी सब व्यर्थ है। मैं अपने लेवल पर इसमें क्या योगदान दे सकता हूँ ? मार्गदर्शन करें।*

उत्तर - आत्मीय भाई, श्रेष्ठ आत्माएं ही श्रेष्ठ प्रश्न पूँछती है।

अब मानव जाति के विनाश के लिए प्रलय की आवश्यकता नहीं और न हीं युद्ध के गोली बारूद की आवश्यकता है। जनसंख्या विष्फोट स्वतः विनाश ले आएगा।

हमारे ग्राम में एक फ़ैमिली है, एक समय उनके पास 50 बीघे जमीन थी। उन्होंने पाँच पुत्र जन्म दिए और एक पुत्री। पुत्री को तो जमीन जायजाद में हिस्सा मिलता नहीं, अतः 10 - 10 बीघे जमीन पांचों बच्चो में बांट दिया। उन सबके भी  4 से 6 बच्चे हुए। अब उनके पोतों के भी बच्चे हो गए। अब आलम यह है कि उनके किसी भी बच्चे के पास खेती को जमीन ही नहीं बची और अब घर बनाने को भी जमीन हेतु झगड़े हो रहे हैं। शहर की तरफ़ कमाने गए, अब कुछ एक ठीक ठाक पोस्ट पर हैं लेकिन बाकियों में से अधिकतर मजदूर या ड्राइवर की जॉब कर रहे हैं।

अन्न ही नहीं होगा तो खरीदोगे कहाँ से? कृषि के बिना जीवन बचेगा कहाँ? जो कंकरीट के जंगल घर-मकान-फ्लैट बन रहे हैं, यह न छाया देंगे, न ऑक्सीज़न देंगे और न ही फ़ल फूल। बढ़ती आबादी, बढ़ता प्रदूषण, घटते संसाधन और कटते वृक्ष जीने के लिए श्वांस भी न मिलेगी। बेतहाशा जनसँख्या विष्फोट से भूख प्यास और बिना श्वांस वैसे भी सब सामूहिक मौत मरेंगे।

100 पदों की जॉब ओपनिंग के लिए लाख उम्मीदवार भारत मे अप्पलाई करते हैं। अगर 1000 भी 99% से 100% लाएं तो भी जॉब तो केवल 100 को ही मिलेगी। जॉब नहीं होगी, खेती भी नहीं होगी और काम भी न मिलेगा तो जीवन मे भोजन कैसे जुटेगा?

तुम व्यक्तिगत तौर पर लोगों में अवेयरनेस जगा सकते हो, जो बात तुम्हें समझ आ गयी है लोगों को समझा सकते हो।शादी के बाद केवल एक सन्तान रख कर अपने जीवन से लोगो के लिए आदर्श प्रस्तुत कर सकते हो।

सामूहिक तौर पर *जनसँख्या वृद्धि रोको कानून पास करवाने* हेतु मुहिम चला सकते हो। पम्पलेट छपवा के हस्ताक्षर अभियान स्कूल कॉलेज और कॉरपोरेट में चलाओ। *हमारे दो तो सबके दो*, सरकार  बाध्य होगी दो बच्चों से अधिक को गैर कानूनी बना देगी, यह तभी सम्भव होगा जब लगभग 5 करोड़ युवा लोगों के सिग्नेचर मिल जाएं। जिस ओर जवानी चलती है उस ओर जमाना चलता है।

युवा को जगाना होगा, आने वाली विभीषिका को मिलकर रोकना होगा। सामूहिक मौत को रोकने के लिए व्यक्तिगत सङ्कल्प, सामूहिक प्रयास चाहिए और ठोस कानून चाहिए।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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