प्रश्न - *दी, मेरे पति का स्वास्थ्य कारणों से मेरा और उनका जीवन संघर्षों से भरा पड़ा है, मेरा छोटा सा बिजनेस है, लेकिन बीमारी के कारण ख़र्च और लोन बढ़ गया है। मिशन के कार्य और यज्ञ करवाने जाओ तो घर वाले ताने मारते है। कैसे सब हैंडल करूँ और इस परिस्थिति से कैसे निकलूँ? साथ ही पतिदेव और स्वयं का मनोबल कैसे बढ़े? मार्गदर्शन करें..*
उत्तर - आत्मीय बहन, संघर्ष ही जीवन है। लोग कहते हैं...शांति तो केवल हिमालयीन योगियों को मिलती है या मृतक को मिलती है। जीवन है तो संघर्ष है, गृहस्थ और संघर्ष एक दूसरे के पूरक है।
रही बात..मिशन के कार्य हेतु घरवालों के ताने का...तो बहन ..किसी के मुंह मे ताला नहीं लगा, अतः *ॐ इग्नोराय नमः* ध्यान रखो, अर्थात सबकी बात एक कान से सुनो और दूसरी कान से निकाल दो। यही हम भी करते है..हम जब भी ताने सुनते है..एन्जॉय करते हुए सोचते है कि जब यह नोटिस कर रहे है तो भगवान भी मेरे कार्य को नोटिस कर रहे है😇, वाह अर्थात कुछ कर रही हूँ।
बहन, जन्म के लिए अपने जैसे लाखों शुक्राणुओं से तेज दौड़े तो शरीर मिला, वहां भी संघर्ष किया और मां के गर्भ तक पहुंचे। 9 महीने एक झिल्ली में कैद रहे, संघर्षरत रहे और बाहर आने के लिए संघर्ष किया, बचपन से गिरे पड़े सम्हले संघर्ष किया, बड़े होने पर विभिन्न एग्जाम, जॉब, व्यवसाय, बीमारी, हजारी से निपटते हुए संघर्ष करते हुए जीवन जी रहे हैं।रास्ता केवल मुर्दों को जनता देती है, जिंदा व्यक्ति को तो संघर्ष करके ही रास्ते पर चलना पड़ता है। वास्तव में संघर्ष ही ज़िंदगी है।
कोई सीरियल फ़िल्म तभी हिट होती है जब उस फिल्म के हीरो हेरोइन का संघर्ष बड़ा, जिसका जितना बड़ा संघर्ष उसको उतना बड़ा महान माना जाता है। ऐसे किसी व्यक्ति को महापुरुष से तुमने कभी सम्बोधित किया जो सोने की चम्मच लेकर पैदा हुआ हो और आराम से जिंदगी काटा हो?
अतः तुम्हारे जीवन मे संघर्ष है अर्थात जीवन बोरिंग नहीं है, इस संघर्ष को खिलाड़ी की तरह एन्जॉय करो, क्रिकेट का खेल का मैदान हो या वीडियो गेम की तरह, एक लेवल पार करने के बाद दूसरे कठिन लेवल को जीतने की तैयारी करो, यदि कोई लेवल हार गई तो पुनः प्रयास करो। जिंदगी के क्रिकेट के मैदान में और वीडियो गेम दोनों में कोई हमे गेम से हटा नहीं सकता, हम ब्रेक ले ले कर आराम से नित्य खेल सकते है।
छोटे बिज़नेस का मत्स्यावतार करो, अपने बिजनेस का पार्टनर गुरूदेव को बना दो, जो भी कमाई हो उसका 1% या 2% गुरूदेव को दान दे देना और आत्मविश्वास में वृद्धि के लिए , निम्नलिखित पाँच पुस्तकें पढ़ो- दिशा निर्देश मिलेगा, सब कुशल मंगल होगा:-
👉🏼 सफलता आत्मविश्वासी को मिलती है
👉🏼 निराशा को पास न फटकने दें
👉🏼 प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
👉🏼 व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
👉🏼 जीवन जीने की कला
अपने पति के साथ सप्ताह में कम से कम एक बार उन लोगो के यूट्यूब में वीडियो देखो जिन्होंने कठिन संघर्ष के बाद जीवन लक्ष्य को पाया। महापुरुषों और वीरांगनाओं की कहानियां पढ़ो, यह वो एनर्जी टॉनिक है जो तुम्हें हमेशा ऊर्जावान बनाये रखेगा और नकारात्मक विचारो से निपटने हेतु सार्थक -सकारात्मक विचारों की सेना देगा।
परिवार और पड़ोसियों से निपटने के लिए बुद्धि की चतुराई सीखने हेतु अकबर-बीरबल, तेनालीराम इत्यादि की कहानियां या यूट्यूब कार्टून देखो, जिस तरह बीरबल और तेनालीराम हाजिर जवाब थे, प्रत्येक संकट से स्वयं को और दूसरों को बुद्धिप्रयोग से बचाते थे। सोचो यदि आज वो तुम्हारी जगह होते तो कैसे सोचते, इस तरह दिमाग़ में विचारो का मंथन करो। जो मक्खन निकलेगा वो तुम्हें आनन्द देगा।
प्रारब्ध शमन के लिए- 40 दिन का सवा लाख गायत्री जप का अनुष्ठान कर लो, एक बार 40 दिन लगातार प्रतिदिन रोग से सम्बंधित औषधि देवसंस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार से मंगवा कर स्वास्थ्य लाभ और प्रारब्धजन्य रोगों से मुक्ति के लिए *भेषज यज्ञ* कर लो। गुरुवार का व्रत रखो-सुबह फलाहार और रात को एक वक्त भोजन। पति और स्वयं के हाथ से चने की दाल और गुड़ को स्पर्श करके नजदीकी गौ शाला में खिलाकर आओ। एक घण्टे सप्ताह में एक बार गौ सेवा करो। सबकुशल मंगल होगा।
याद रखो, मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। ईश्वर उसकी मदद अवश्य करता है जो अपनी मदद स्वयं करता है। मनःस्थिति बदलो देखो परिस्थितिति स्वयं बदलने लग जायेगी। नजरिया बदलते ही नजारे बदल जाते हैं। तुम विजेता हो उस पर ध्यान केंद्रित करो जो वर्तमान में कर सकती हो, जो गुजर गया उसे भूलने में भलाई है। स्वयं पर विश्वास रखे बिना ईश्वर पर विश्वास रख पाना सम्भव नहीं होता। क्योंकि तुम उसी सर्वशक्तिमान ईश्वर का अंश सर्वशक्तिमान आत्मा हो, तुम सबकुछ ठीक कर सकती हो, ईश्वर तुम्हारे साथ है।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
Https://awgpggn.blogspot.com
उत्तर - आत्मीय बहन, संघर्ष ही जीवन है। लोग कहते हैं...शांति तो केवल हिमालयीन योगियों को मिलती है या मृतक को मिलती है। जीवन है तो संघर्ष है, गृहस्थ और संघर्ष एक दूसरे के पूरक है।
रही बात..मिशन के कार्य हेतु घरवालों के ताने का...तो बहन ..किसी के मुंह मे ताला नहीं लगा, अतः *ॐ इग्नोराय नमः* ध्यान रखो, अर्थात सबकी बात एक कान से सुनो और दूसरी कान से निकाल दो। यही हम भी करते है..हम जब भी ताने सुनते है..एन्जॉय करते हुए सोचते है कि जब यह नोटिस कर रहे है तो भगवान भी मेरे कार्य को नोटिस कर रहे है😇, वाह अर्थात कुछ कर रही हूँ।
बहन, जन्म के लिए अपने जैसे लाखों शुक्राणुओं से तेज दौड़े तो शरीर मिला, वहां भी संघर्ष किया और मां के गर्भ तक पहुंचे। 9 महीने एक झिल्ली में कैद रहे, संघर्षरत रहे और बाहर आने के लिए संघर्ष किया, बचपन से गिरे पड़े सम्हले संघर्ष किया, बड़े होने पर विभिन्न एग्जाम, जॉब, व्यवसाय, बीमारी, हजारी से निपटते हुए संघर्ष करते हुए जीवन जी रहे हैं।रास्ता केवल मुर्दों को जनता देती है, जिंदा व्यक्ति को तो संघर्ष करके ही रास्ते पर चलना पड़ता है। वास्तव में संघर्ष ही ज़िंदगी है।
कोई सीरियल फ़िल्म तभी हिट होती है जब उस फिल्म के हीरो हेरोइन का संघर्ष बड़ा, जिसका जितना बड़ा संघर्ष उसको उतना बड़ा महान माना जाता है। ऐसे किसी व्यक्ति को महापुरुष से तुमने कभी सम्बोधित किया जो सोने की चम्मच लेकर पैदा हुआ हो और आराम से जिंदगी काटा हो?
अतः तुम्हारे जीवन मे संघर्ष है अर्थात जीवन बोरिंग नहीं है, इस संघर्ष को खिलाड़ी की तरह एन्जॉय करो, क्रिकेट का खेल का मैदान हो या वीडियो गेम की तरह, एक लेवल पार करने के बाद दूसरे कठिन लेवल को जीतने की तैयारी करो, यदि कोई लेवल हार गई तो पुनः प्रयास करो। जिंदगी के क्रिकेट के मैदान में और वीडियो गेम दोनों में कोई हमे गेम से हटा नहीं सकता, हम ब्रेक ले ले कर आराम से नित्य खेल सकते है।
छोटे बिज़नेस का मत्स्यावतार करो, अपने बिजनेस का पार्टनर गुरूदेव को बना दो, जो भी कमाई हो उसका 1% या 2% गुरूदेव को दान दे देना और आत्मविश्वास में वृद्धि के लिए , निम्नलिखित पाँच पुस्तकें पढ़ो- दिशा निर्देश मिलेगा, सब कुशल मंगल होगा:-
👉🏼 सफलता आत्मविश्वासी को मिलती है
👉🏼 निराशा को पास न फटकने दें
👉🏼 प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
👉🏼 व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
👉🏼 जीवन जीने की कला
अपने पति के साथ सप्ताह में कम से कम एक बार उन लोगो के यूट्यूब में वीडियो देखो जिन्होंने कठिन संघर्ष के बाद जीवन लक्ष्य को पाया। महापुरुषों और वीरांगनाओं की कहानियां पढ़ो, यह वो एनर्जी टॉनिक है जो तुम्हें हमेशा ऊर्जावान बनाये रखेगा और नकारात्मक विचारो से निपटने हेतु सार्थक -सकारात्मक विचारों की सेना देगा।
परिवार और पड़ोसियों से निपटने के लिए बुद्धि की चतुराई सीखने हेतु अकबर-बीरबल, तेनालीराम इत्यादि की कहानियां या यूट्यूब कार्टून देखो, जिस तरह बीरबल और तेनालीराम हाजिर जवाब थे, प्रत्येक संकट से स्वयं को और दूसरों को बुद्धिप्रयोग से बचाते थे। सोचो यदि आज वो तुम्हारी जगह होते तो कैसे सोचते, इस तरह दिमाग़ में विचारो का मंथन करो। जो मक्खन निकलेगा वो तुम्हें आनन्द देगा।
प्रारब्ध शमन के लिए- 40 दिन का सवा लाख गायत्री जप का अनुष्ठान कर लो, एक बार 40 दिन लगातार प्रतिदिन रोग से सम्बंधित औषधि देवसंस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार से मंगवा कर स्वास्थ्य लाभ और प्रारब्धजन्य रोगों से मुक्ति के लिए *भेषज यज्ञ* कर लो। गुरुवार का व्रत रखो-सुबह फलाहार और रात को एक वक्त भोजन। पति और स्वयं के हाथ से चने की दाल और गुड़ को स्पर्श करके नजदीकी गौ शाला में खिलाकर आओ। एक घण्टे सप्ताह में एक बार गौ सेवा करो। सबकुशल मंगल होगा।
याद रखो, मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। ईश्वर उसकी मदद अवश्य करता है जो अपनी मदद स्वयं करता है। मनःस्थिति बदलो देखो परिस्थितिति स्वयं बदलने लग जायेगी। नजरिया बदलते ही नजारे बदल जाते हैं। तुम विजेता हो उस पर ध्यान केंद्रित करो जो वर्तमान में कर सकती हो, जो गुजर गया उसे भूलने में भलाई है। स्वयं पर विश्वास रखे बिना ईश्वर पर विश्वास रख पाना सम्भव नहीं होता। क्योंकि तुम उसी सर्वशक्तिमान ईश्वर का अंश सर्वशक्तिमान आत्मा हो, तुम सबकुछ ठीक कर सकती हो, ईश्वर तुम्हारे साथ है।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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