छमा युवाओं को चाहिए,
बूढे मात-पिता को उत्पात,
बुद्धि इनकी बूढ़ी हो गयी,
इनका अंत समय तक दो साथ।
जब तुम बच्चे थे,
इन्होंने दिया था तुम्हारा साथ,
अब बारी तुम्हारी है,
इनका दो हमेशा साथ।
इनके कड़वे वचनों को,
सहज बन इग्नोर करो,
इनकी की गलतियों को,
बड़े हृदय से माफ़ करो।
गिले शिकवे भूलकर,
इनका सदा दो साथ,
इस वृद्धावस्था में,
सह लो इनका बालपन सा उत्पात।
कभी मचलेंगे,
कभी बिगड़ेंगे,
कभी डॉक्टर की भी,
सलाह न मानेंगे।
इन्हें कभी प्यार से,
कभी प्यार भरी फटकार से,
सम्हाल लो इन्हें,
विवेक युक्त बुद्धि धैर्य और प्यार से।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
बूढे मात-पिता को उत्पात,
बुद्धि इनकी बूढ़ी हो गयी,
इनका अंत समय तक दो साथ।
जब तुम बच्चे थे,
इन्होंने दिया था तुम्हारा साथ,
अब बारी तुम्हारी है,
इनका दो हमेशा साथ।
इनके कड़वे वचनों को,
सहज बन इग्नोर करो,
इनकी की गलतियों को,
बड़े हृदय से माफ़ करो।
गिले शिकवे भूलकर,
इनका सदा दो साथ,
इस वृद्धावस्था में,
सह लो इनका बालपन सा उत्पात।
कभी मचलेंगे,
कभी बिगड़ेंगे,
कभी डॉक्टर की भी,
सलाह न मानेंगे।
इन्हें कभी प्यार से,
कभी प्यार भरी फटकार से,
सम्हाल लो इन्हें,
विवेक युक्त बुद्धि धैर्य और प्यार से।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
No comments:
Post a Comment