*कैंसर हेतु कीमोथेरेपी के साथ साथ प्रारब्ध का भी इलाज़ भी करिये*
प्रारब्ध जन्य रोगों के त्वरित इलाज़ के उपाय:-
1- यग्योपैथी - भेषजयज्ञ और प्राणायाम। यज्ञीय औषधीय धूम्र मनुष्य के रोगों के कारण को समाप्त करता है, उस की प्राण ऊर्जा चार्ज करता है औऱ प्रारब्ध काटता है।
2- सवा लाख महामृत्युंजय मंन्त्र या गायत्री मंत्र जप करिये या करवाइये, मनुष्य की प्राण ऊर्जा चार्ज करता है औऱ प्रारब्ध काटता है।
3- कम से कम सरकारी स्कूल के प्रायमरी क्लास हज़ारो बच्चों को पेंसिल रबर और कुछ मीठा बाँट दें। जब वो ख़ुश होंगे तो उनके अंदर की विद्युत ऊर्जा प्रवाहित होगी जो रोगी व्यक्ति के प्राण ऊर्जा को चार्ज करेगा। बच्चों की ख़ुशी और सान्निध्य मनुष्य की प्राण ऊर्जा चार्ज करता है औऱ प्रारब्ध काटता है।
4- कुछ घण्टे गौशाला में गोसेवा करते हुए बिताएं, अपने हाथों गुड़ और चना खिलाएं। गाय का सान्निध्य मनुष्य की प्राण ऊर्जा चार्ज करता है औऱ प्रारब्ध काटता है।
5- तुलसी के वृक्ष के साथ समय बिताएं, तुलसी का सान्निध्य मनुष्य की प्राण ऊर्जा चार्ज करता है औऱ प्रारब्ध काटता है।
6- अच्छी पुस्तको का स्वाध्याय मन को ऊर्जावान बनाता है।
7- आत्मसम्मोहन (self hypnosis) और शशक्त संकेत से रोगोपचार में मदद मिलती है।
प्रारब्धजन्य रोग के उपचार में पुण्यजनित उपचार लाभकारी हैं।
प्रारब्ध जन्य रोगों के त्वरित इलाज़ के उपाय:-
1- यग्योपैथी - भेषजयज्ञ और प्राणायाम। यज्ञीय औषधीय धूम्र मनुष्य के रोगों के कारण को समाप्त करता है, उस की प्राण ऊर्जा चार्ज करता है औऱ प्रारब्ध काटता है।
2- सवा लाख महामृत्युंजय मंन्त्र या गायत्री मंत्र जप करिये या करवाइये, मनुष्य की प्राण ऊर्जा चार्ज करता है औऱ प्रारब्ध काटता है।
3- कम से कम सरकारी स्कूल के प्रायमरी क्लास हज़ारो बच्चों को पेंसिल रबर और कुछ मीठा बाँट दें। जब वो ख़ुश होंगे तो उनके अंदर की विद्युत ऊर्जा प्रवाहित होगी जो रोगी व्यक्ति के प्राण ऊर्जा को चार्ज करेगा। बच्चों की ख़ुशी और सान्निध्य मनुष्य की प्राण ऊर्जा चार्ज करता है औऱ प्रारब्ध काटता है।
4- कुछ घण्टे गौशाला में गोसेवा करते हुए बिताएं, अपने हाथों गुड़ और चना खिलाएं। गाय का सान्निध्य मनुष्य की प्राण ऊर्जा चार्ज करता है औऱ प्रारब्ध काटता है।
5- तुलसी के वृक्ष के साथ समय बिताएं, तुलसी का सान्निध्य मनुष्य की प्राण ऊर्जा चार्ज करता है औऱ प्रारब्ध काटता है।
6- अच्छी पुस्तको का स्वाध्याय मन को ऊर्जावान बनाता है।
7- आत्मसम्मोहन (self hypnosis) और शशक्त संकेत से रोगोपचार में मदद मिलती है।
प्रारब्धजन्य रोग के उपचार में पुण्यजनित उपचार लाभकारी हैं।
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