प्रश्न - *दी मैं ग्रेजुएशन फाइनल ईयर में हूँ? मार्गदर्शन करें कि तनाव को कैसे मिटाएँ? how to remove my tension?*
उत्तर - आत्मीय बेटे, सबसे पहले यह समझो कि जिसे तुम मिटाना चाहते हो उस टेंशन का वजूद क्या है?
*टेंशन कोई स्थूल व्यक्ति या वस्तु नहीं है, जिसे स्थूल रूप से जीवन से हटाया या मिटाया जा सके।*
*टेंशन ऐसे विचारों का समूह है जो किसी वस्तु या घटना को सम्हाल न पाने के कारण होता है। या जानबूझकर अस्वीकरण के कारण होता है। उम्मीद के पहाड़ खड़े करने के कारण होता है।*
*टेंशन को हैंडल करने के लिए सकारात्मक विचारों के शशक्त समूह और सकारात्मक रवैये(positive attitude) विकसित करने की जरूरत है, जो केवल नित्य अच्छी युग साहित्य को पढ़ने और संघर्ष मय जीवन जीकर सफ़लता पाने वाले व्यक्तियों के जीवनियाँ पढ़ने से मिलती है।*
उदाहरण - दो व्यक्ति राम और श्याम घर से एक ही ऑफिस के लिए निकले। किसी एक्सीडेंट के कारण जाम मिल गया, दोनों की गाड़ी जाम में फंसी है।
राम ने एक्सीडेंट की घटना को समझा और स्वीकार लिया, अब जब तक जाम नहीं हटेगा जाना सम्भव तो होगा नहीं, अतः गाड़ी में बैठे बैठे उसने सोचना शुरू किया कि इस देरी को वो कैसे हैंडल करेगा? द्वतीय उसने ऑफिस और घर फोन करके जाम की सूचना दे दी। गाना लगाया और सुनने लगा, गुनगुनाने लगा। समाधान केंद्रित सोच, और समझदारी भरे चिंतन ने सकारात्मक एनर्जी का बादल आसपास क्रिएट कर दिया और उसकी प्राण ऊर्जा को बढ़ा दिया।
श्याम ने एक्सीडेंट की घटना को जानने के बावजूद समझने और स्वीकार करने से मन ही मन इन्कार कर दिया, जब तक जाम नहीं हटेगा जाना सम्भव तो होगा नहीं यह जानते हुए भी चिल्लाने और गुस्सा करने लगा। अतः गाड़ी में बैठे बैठे उसने उल्टा सोचना शुरू किया कि इस देरी के कारण उसे क्या क्या परेशानी होगी? द्वतीय उसने ऑफिस और घर फोन करके जाम की सूचना देने में भी देर दी। गाड़ी में बैठे इतनी नकारात्मक बातें सोची कि उन नकारात्मक बातों और समस्या केंद्रित सोच ने नकारात्मक एनर्जी का बादल आसपास क्रिएट करके उसकी प्राण ऊर्जा को घटा दिया।मन तनाव से भर गया।
*परिस्थिति एक थी परिणाम अलग निकले, क्योंकि दोनों का रवैया(attitude) अलग था।*
इसी तरह तुम सब युवा हो, यदि जीवन की वर्तमान समस्याओं के प्रति समझ विकसित कर लो, जिन समस्याओं को हल कर सकते हो उसे हल करो। जो तुम्हारे हाथ मे है केवल उस पर फ़ोकस करो तो तनाव होगा ही नहीं।
*तनाव में पीड़ित होकर जीवन जीने के उपाय* :-
1- दूसरों को सुधारने का प्रयत्न करो और दूसरों को प्रभावित करने की कोशिश करो
2- दूसरे औऱ परिस्थिति जब ठीक रहेगी तब ही ख़ुश हो सकते है, अतः अपने मन का रिमोट कंट्रोल दुसरो हाथ में अपना रिमोट दे दो।
3- वर्तमान जीवन की परेशानियों के लिए दूसरों को उत्तरदायी मानो
4- उम्मीद का पहाड़ खड़ा करो- उदाहरण घर से निकलते समय मख्खन जैसी रोड, सुहाने मौसम और डिसेंट पब्लिक की उम्मीद करो। इंटरव्यू जाते वक्त 100% सेलेक्ट हो जाओगे इसकी उम्मीद करो।
5- स्वयं की योग्यता और पात्रता बढ़ाने में ध्यान मत दो, केवल उलाहने देने में समय खर्च करो।
अतः परफेक्ट ऑफिस के लोग, परफेक्ट फैमिली मेम्बर और परफेक्ट जीवन साथी की उम्मीद करते रहो।
6- कभी सोने से पूर्व अच्छी पुस्तकों का स्वाध्याय मत करो।
👉🏼 *तनावरहित आनन्दित जीवन जीने के उपाय* :-
1- स्वयं को सुधारने का प्रयत्न करो और स्वयं की आत्मा में प्रकाश के लिए उपासना, साधना, आराधना करो
2- दूसरे की प्रकृति को औऱ परिस्थिति को समझ के उसे कैसे हैंडल करें इस पर विचार करें, अतः अपने मन का रिमोट कंट्रोल अपने हाथ में रखो, मनःस्थिति बदलकर परिस्थितियों को सम्हालो।
3- वर्तमान जीवन की परेशानियों के लिए स्वयं को उत्तरदायी मानो, खिलाड़ी की तरह इसे चुनौती के रूप में लो, इन परेशानी के समाधान में जुट जाओ।
4- उम्मीद किसी से मत करो, जो जैसा है उसे वैसा स्वीकारो- उदाहरण घर से निकलते समय जैसी भी रोड मिले उस पर प्रश्नचित्त ड्राइविंग करो, मौसम बाहर कैसा भी हो, मन मे सुहाने वातावरण का निर्माण करो और लोगों की प्रकृति समझकर उन्हें हैंडल करो।
5- इंटरव्यू में जाते वक्त कम्पनी की आवश्यकता समझो और 100% अपनी तैयारी करो। कम्पनी आपको क्यों नौकरी पर रखे? आप क्या क्या अन्य प्रतियोगी से बेहतर कर सकते है उसकी तैयारी करके जाएं।
6- स्वयं की योग्यता और पात्रता बढ़ाने में ध्यान केंद्रित करो, इस संसार मे कोई परफेक्ट नहीं है। अतः परफेक्ट ऑफिस के लोग, परफेक्ट फैमिली मेम्बर और परफेक्ट जीवन साथी की उम्मीद ही मत करो।
7- रोज़ सोने से पूर्व अच्छी पुस्तकों का स्वाध्याय करो।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - आत्मीय बेटे, सबसे पहले यह समझो कि जिसे तुम मिटाना चाहते हो उस टेंशन का वजूद क्या है?
*टेंशन कोई स्थूल व्यक्ति या वस्तु नहीं है, जिसे स्थूल रूप से जीवन से हटाया या मिटाया जा सके।*
*टेंशन ऐसे विचारों का समूह है जो किसी वस्तु या घटना को सम्हाल न पाने के कारण होता है। या जानबूझकर अस्वीकरण के कारण होता है। उम्मीद के पहाड़ खड़े करने के कारण होता है।*
*टेंशन को हैंडल करने के लिए सकारात्मक विचारों के शशक्त समूह और सकारात्मक रवैये(positive attitude) विकसित करने की जरूरत है, जो केवल नित्य अच्छी युग साहित्य को पढ़ने और संघर्ष मय जीवन जीकर सफ़लता पाने वाले व्यक्तियों के जीवनियाँ पढ़ने से मिलती है।*
उदाहरण - दो व्यक्ति राम और श्याम घर से एक ही ऑफिस के लिए निकले। किसी एक्सीडेंट के कारण जाम मिल गया, दोनों की गाड़ी जाम में फंसी है।
राम ने एक्सीडेंट की घटना को समझा और स्वीकार लिया, अब जब तक जाम नहीं हटेगा जाना सम्भव तो होगा नहीं, अतः गाड़ी में बैठे बैठे उसने सोचना शुरू किया कि इस देरी को वो कैसे हैंडल करेगा? द्वतीय उसने ऑफिस और घर फोन करके जाम की सूचना दे दी। गाना लगाया और सुनने लगा, गुनगुनाने लगा। समाधान केंद्रित सोच, और समझदारी भरे चिंतन ने सकारात्मक एनर्जी का बादल आसपास क्रिएट कर दिया और उसकी प्राण ऊर्जा को बढ़ा दिया।
श्याम ने एक्सीडेंट की घटना को जानने के बावजूद समझने और स्वीकार करने से मन ही मन इन्कार कर दिया, जब तक जाम नहीं हटेगा जाना सम्भव तो होगा नहीं यह जानते हुए भी चिल्लाने और गुस्सा करने लगा। अतः गाड़ी में बैठे बैठे उसने उल्टा सोचना शुरू किया कि इस देरी के कारण उसे क्या क्या परेशानी होगी? द्वतीय उसने ऑफिस और घर फोन करके जाम की सूचना देने में भी देर दी। गाड़ी में बैठे इतनी नकारात्मक बातें सोची कि उन नकारात्मक बातों और समस्या केंद्रित सोच ने नकारात्मक एनर्जी का बादल आसपास क्रिएट करके उसकी प्राण ऊर्जा को घटा दिया।मन तनाव से भर गया।
*परिस्थिति एक थी परिणाम अलग निकले, क्योंकि दोनों का रवैया(attitude) अलग था।*
इसी तरह तुम सब युवा हो, यदि जीवन की वर्तमान समस्याओं के प्रति समझ विकसित कर लो, जिन समस्याओं को हल कर सकते हो उसे हल करो। जो तुम्हारे हाथ मे है केवल उस पर फ़ोकस करो तो तनाव होगा ही नहीं।
*तनाव में पीड़ित होकर जीवन जीने के उपाय* :-
1- दूसरों को सुधारने का प्रयत्न करो और दूसरों को प्रभावित करने की कोशिश करो
2- दूसरे औऱ परिस्थिति जब ठीक रहेगी तब ही ख़ुश हो सकते है, अतः अपने मन का रिमोट कंट्रोल दुसरो हाथ में अपना रिमोट दे दो।
3- वर्तमान जीवन की परेशानियों के लिए दूसरों को उत्तरदायी मानो
4- उम्मीद का पहाड़ खड़ा करो- उदाहरण घर से निकलते समय मख्खन जैसी रोड, सुहाने मौसम और डिसेंट पब्लिक की उम्मीद करो। इंटरव्यू जाते वक्त 100% सेलेक्ट हो जाओगे इसकी उम्मीद करो।
5- स्वयं की योग्यता और पात्रता बढ़ाने में ध्यान मत दो, केवल उलाहने देने में समय खर्च करो।
अतः परफेक्ट ऑफिस के लोग, परफेक्ट फैमिली मेम्बर और परफेक्ट जीवन साथी की उम्मीद करते रहो।
6- कभी सोने से पूर्व अच्छी पुस्तकों का स्वाध्याय मत करो।
👉🏼 *तनावरहित आनन्दित जीवन जीने के उपाय* :-
1- स्वयं को सुधारने का प्रयत्न करो और स्वयं की आत्मा में प्रकाश के लिए उपासना, साधना, आराधना करो
2- दूसरे की प्रकृति को औऱ परिस्थिति को समझ के उसे कैसे हैंडल करें इस पर विचार करें, अतः अपने मन का रिमोट कंट्रोल अपने हाथ में रखो, मनःस्थिति बदलकर परिस्थितियों को सम्हालो।
3- वर्तमान जीवन की परेशानियों के लिए स्वयं को उत्तरदायी मानो, खिलाड़ी की तरह इसे चुनौती के रूप में लो, इन परेशानी के समाधान में जुट जाओ।
4- उम्मीद किसी से मत करो, जो जैसा है उसे वैसा स्वीकारो- उदाहरण घर से निकलते समय जैसी भी रोड मिले उस पर प्रश्नचित्त ड्राइविंग करो, मौसम बाहर कैसा भी हो, मन मे सुहाने वातावरण का निर्माण करो और लोगों की प्रकृति समझकर उन्हें हैंडल करो।
5- इंटरव्यू में जाते वक्त कम्पनी की आवश्यकता समझो और 100% अपनी तैयारी करो। कम्पनी आपको क्यों नौकरी पर रखे? आप क्या क्या अन्य प्रतियोगी से बेहतर कर सकते है उसकी तैयारी करके जाएं।
6- स्वयं की योग्यता और पात्रता बढ़ाने में ध्यान केंद्रित करो, इस संसार मे कोई परफेक्ट नहीं है। अतः परफेक्ट ऑफिस के लोग, परफेक्ट फैमिली मेम्बर और परफेक्ट जीवन साथी की उम्मीद ही मत करो।
7- रोज़ सोने से पूर्व अच्छी पुस्तकों का स्वाध्याय करो।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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