*साल की 24 एकादशी और उनको करने के महत्व*
हिन्दू धर्म मे एकदशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है Iसाल की 24 एकादशी होती है और उनको करने के अपने ही महत्व होते हैI जब अधिकमास या मलमास होता है तब इनकी संख्या 24 से 26 हो जाती है I इन सब एकादशी के बारे मेबताया जा रहा है I आइये जाने इन एकादशी को करने के महत्व के बारे मे .
1. कामदा एकादशी -
चेत्र शुक्ल पक्ष मे कामदा एकादशी आती है I कामदा एकादशी को करने से वाजपेय फल की प्राप्ति होती है I
2. वरुथनी एकादशी -
वैशाख के कृष्ण पक्ष मे वरुथनी एकादशी आती है जिसे करने से मन की सारी इच्छाए पूरी होती है I
3. मोहिनी एकादशी -
वैशाख के शुक्ल पक्ष को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है I इस व्रत को करने से मनुष्य मोहजाल और पातक समूह से छुटकारा पा सकता है I
4. अपरा एकादशी -
ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष को आने वाली एकादशी को अपरा एकादशी कहते है I अपरा एकादशी का व्रत रखने से पाप मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है I
5. निर्जला एकादशी -
ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते है इस व्रत मे पानी का नहीं पीया जाता है, इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहते है। सर्वकामना की पूर्ति हेतु यह व्रत किया जाता है I
6. योगिनी एकादशी -
आषाढ़ मास की क्रष्ण पक्ष मे योगिनी एकादशी आती है, इस व्रत को करने से सारे पाप का नाश हो जाता है ।
7. देवशयनी एकादशी -
आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते है I इस व्रत को करने से व्यक्ति की सारी मनोकामना पूरी होती है I
8. कामिका एकादशी -
श्रावण मास की कृष्ण पक्ष को कामिका एकादशी आती है I उसके सुनने मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है।
9. पुत्रदा एकादशी -
श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम पुत्रदा है। इसको करने से मन की इच्छाए पूरी हो जाती है I
10. अजा एकादशी -
भाद्रपद की क्रष्ण पक्ष मे अजा एकादशी आती है जिसे करने से समस्त पाप दूर किये जाते है I
11. परिवर्तनी एकादशी -
भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की एकादशी को जयंती एकादशी भी कहते है। इसका यज्ञ करने से वाजपेय यज्ञ का फल हैI
12. इंदिरा एकादशी -
आश्विन क्रष्ण पक्ष मे यह एकादशी आती है I यह व्रत सर्वकामना को पूरा करने के लिए किया जाता है I
13. पापकुंशा एकादशी -
आश्विन शुक्ल पक्ष मे यह एकादशी आती है I इस व्रत को करने से दिव्य फल की प्राप्ति होती है I
14. रमा एकादशी -
यह कार्तिक क्रष्ण पक्ष मे आती हैI यह बड़े-बड़े पापों का नाश करने वाली हैI
15. देव प्रबोधनी एकादशी -
कार्तिक के शुक्ल पक्ष मे आती है I यह एकादशी को करने के पीछे सबसे बड़ा कारण है इससे सारे मांगलिक कार्य शुरू हो जाते है I
16. उत्पन्ना एकादशी -
मार्गशीर्ष मास के क्रष्ण पक्ष को आती है। इस व्रत को करने वाला दिव्य फल प्राप्त करता है।
17. मोक्षदा एकादशी -
मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है। मोक्षदाएकादशी बडे-बडे पातकों का नाश करने वाली है।
18.सफला एकादशी -
पोष मास की क्रष्ण पक्ष मे आती है I इसे करने से कल्याण प्राप्ति की जाती हैI
19. षटतिला एकादशी -
माघ कृष्ण एकादशी को यह एकादशी आती है I सर्वकामना पूर्ति की पूर्ति हेतु यह व्रत किया जाता है I
20. जया एकादशी -
माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी को यह आती है I यह एकादशी बहुत ही पुण्यदायी है इसलिए यह एकादशी करनी चाहिए I
21. विजया एकादशी -
फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी को यह आती है I विजया एकादशी अपने नामानुसार विजय प्रदान करने वाली हैI
22. आमलकी एकादशी -
फाल्गुन शुक्ल पक्ष में जो पुष्य नक्षत्र में एकादशी को यह आती है I आवले के रूप मे श्रे विष्णु जी पूजा की जाती है जो अत्यंत श्रेष्ठ होती है I
23. पापमोचिनी एकादशी -
चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी को यह आती है इसे करने से मन की इच्छा की पूर्ति की जा सकती है I
24. पद्मिनी एकादशी -
मलमास की शुक्ल एकादशी को यह आती है I इस प्रकार इस एकादशी का व्रत करने से मनुष्य जीवन सफल होता है, व्यक्ति जीवन का सुख भोगकर मोक्ष प्राप्त करता है I
हिन्दू धर्म मे एकदशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है Iसाल की 24 एकादशी होती है और उनको करने के अपने ही महत्व होते हैI जब अधिकमास या मलमास होता है तब इनकी संख्या 24 से 26 हो जाती है I इन सब एकादशी के बारे मेबताया जा रहा है I आइये जाने इन एकादशी को करने के महत्व के बारे मे .
1. कामदा एकादशी -
चेत्र शुक्ल पक्ष मे कामदा एकादशी आती है I कामदा एकादशी को करने से वाजपेय फल की प्राप्ति होती है I
2. वरुथनी एकादशी -
वैशाख के कृष्ण पक्ष मे वरुथनी एकादशी आती है जिसे करने से मन की सारी इच्छाए पूरी होती है I
3. मोहिनी एकादशी -
वैशाख के शुक्ल पक्ष को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है I इस व्रत को करने से मनुष्य मोहजाल और पातक समूह से छुटकारा पा सकता है I
4. अपरा एकादशी -
ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष को आने वाली एकादशी को अपरा एकादशी कहते है I अपरा एकादशी का व्रत रखने से पाप मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है I
5. निर्जला एकादशी -
ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते है इस व्रत मे पानी का नहीं पीया जाता है, इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहते है। सर्वकामना की पूर्ति हेतु यह व्रत किया जाता है I
6. योगिनी एकादशी -
आषाढ़ मास की क्रष्ण पक्ष मे योगिनी एकादशी आती है, इस व्रत को करने से सारे पाप का नाश हो जाता है ।
7. देवशयनी एकादशी -
आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते है I इस व्रत को करने से व्यक्ति की सारी मनोकामना पूरी होती है I
8. कामिका एकादशी -
श्रावण मास की कृष्ण पक्ष को कामिका एकादशी आती है I उसके सुनने मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है।
9. पुत्रदा एकादशी -
श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम पुत्रदा है। इसको करने से मन की इच्छाए पूरी हो जाती है I
10. अजा एकादशी -
भाद्रपद की क्रष्ण पक्ष मे अजा एकादशी आती है जिसे करने से समस्त पाप दूर किये जाते है I
11. परिवर्तनी एकादशी -
भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की एकादशी को जयंती एकादशी भी कहते है। इसका यज्ञ करने से वाजपेय यज्ञ का फल हैI
12. इंदिरा एकादशी -
आश्विन क्रष्ण पक्ष मे यह एकादशी आती है I यह व्रत सर्वकामना को पूरा करने के लिए किया जाता है I
13. पापकुंशा एकादशी -
आश्विन शुक्ल पक्ष मे यह एकादशी आती है I इस व्रत को करने से दिव्य फल की प्राप्ति होती है I
14. रमा एकादशी -
यह कार्तिक क्रष्ण पक्ष मे आती हैI यह बड़े-बड़े पापों का नाश करने वाली हैI
15. देव प्रबोधनी एकादशी -
कार्तिक के शुक्ल पक्ष मे आती है I यह एकादशी को करने के पीछे सबसे बड़ा कारण है इससे सारे मांगलिक कार्य शुरू हो जाते है I
16. उत्पन्ना एकादशी -
मार्गशीर्ष मास के क्रष्ण पक्ष को आती है। इस व्रत को करने वाला दिव्य फल प्राप्त करता है।
17. मोक्षदा एकादशी -
मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है। मोक्षदाएकादशी बडे-बडे पातकों का नाश करने वाली है।
18.सफला एकादशी -
पोष मास की क्रष्ण पक्ष मे आती है I इसे करने से कल्याण प्राप्ति की जाती हैI
19. षटतिला एकादशी -
माघ कृष्ण एकादशी को यह एकादशी आती है I सर्वकामना पूर्ति की पूर्ति हेतु यह व्रत किया जाता है I
20. जया एकादशी -
माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी को यह आती है I यह एकादशी बहुत ही पुण्यदायी है इसलिए यह एकादशी करनी चाहिए I
21. विजया एकादशी -
फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी को यह आती है I विजया एकादशी अपने नामानुसार विजय प्रदान करने वाली हैI
22. आमलकी एकादशी -
फाल्गुन शुक्ल पक्ष में जो पुष्य नक्षत्र में एकादशी को यह आती है I आवले के रूप मे श्रे विष्णु जी पूजा की जाती है जो अत्यंत श्रेष्ठ होती है I
23. पापमोचिनी एकादशी -
चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी को यह आती है इसे करने से मन की इच्छा की पूर्ति की जा सकती है I
24. पद्मिनी एकादशी -
मलमास की शुक्ल एकादशी को यह आती है I इस प्रकार इस एकादशी का व्रत करने से मनुष्य जीवन सफल होता है, व्यक्ति जीवन का सुख भोगकर मोक्ष प्राप्त करता है I
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