Monday, 4 March 2019

प्रश्न - *दी, क्या प्राणऊर्जा का दूरस्थ संप्रेषण सभी कर सकते है? जो आपने सैनिकों के लिए बताया था।*

प्रश्न - *दी, क्या प्राणऊर्जा का दूरस्थ संप्रेषण सभी कर सकते है? जो आपने सैनिकों के लिए बताया था।*

उत्तर - आत्मीय भाई, प्राणऊर्जा अग्नि की तरह है। जो नज़दीक रहने वाले को दृष्टिगोचर ज्यादा होती है और प्रभावित भी करती है। जिस प्रकार अग्नि से ज्यादा दूर जाने पर उसका प्रभाव और गर्मी महसूस कम होती है, ऐसा ही प्राणऊर्जा से की गई प्राणिक हिंलिंग/रेकी(रे अर्थात ऊर्जा औऱ की अर्थात प्रवेश चिकित्सा) इत्यादि का प्रभाव होता है।

उदाहरण - ऋषिमुनियों की प्राणऊर्जा तप से इतनी बढ़ जाती थी कि आसपास के हिंसक जानवर भी अहिंसक उनके प्रभाव क्षेत्र में हो जाते थे। लेकिन उस प्रभाव क्षेत्र से दूर जाते ही वो पुनः हिंसात्मक ऊर्जा में हिंसक बन जाते थे।

थर्मस या हॉटपॉट का उपयोग तो आपने कभी न कभी किया होगा। अग्नि घर में थी, भोजन और चाय गर्म घर पर किया लेकिन उस गर्मी को इन हॉटपॉट में संरक्षित करके घर से कई किलोमीटर दूर उपयोग कर सकते हैं।

इसी तरह प्राणऊर्जा की गर्मी तो वहीं होगी जहाँ साधक तपलीन है, लेक़िन वो हॉटपॉट की तरह विचारों के सम्प्रेषण से उस गर्मी का कुछ अंश दूरस्थ व्यक्ति तक पहुंचा कर उसे राहत दे सकता है।

एक विधि तो उस दिन सैनिकों के लिए बताई ही थी। आज आपको आम जनता, मित्र और रिश्तेदारों तक अपने फ़ोन कॉल या पर्सनल मिलने पर गर्मजोशी के साथ प्राणऊर्जा आवाज़ के माध्यम से देने की विधि बताते हैं:-

👉🏼गलत तरीका किसी को हतोत्साहित और बीमार को और बीमार बनाने का:- *हेलो, हांजी अब तबियत कैसी है? अरे क्या हुआ, बड़े दुःख की बात है? कैसे हो गया देखो न? बीमारी हज़ारी ने तो सबको दुःखी कर रखा है, इलाज करवाइये, देखो टेंशन मत लेना।*

*इस वाक्य में टेंशन मत लेना के बार बार प्रयोग से वास्तव में आप उसके दिमाग मे टेंशन पहुंचा देते है। आप सोचते हैं कि आपने सांत्वना दी लेकिन वास्तव में आपने उस व्यक्ति ऊर्जा के लेवल पर उस का नुकसान कर दिया। अगर वो टेंशन न भी ले रहा हो, तो आप उसे याद दिला देते है कि भाई टेंशन जरूर लो।*

*हम अक्सर एग्जाम के वक्त बच्चो को बार बार बोलते है, बेटा टेंशन मत लेना। वास्तव में हम उन्हें टेंशन ले लो इसकी याद दिला देते हैं। अच्छी भावना से किया फ़ोन भी सकारात्मक ऊर्जा हमारे सही शब्दो के उपयोग न करने के कारण धूमिल हो जाता है।*

👉🏼  सही तरीका किसी को प्रोत्साहित और बीमार को मानसिक रूप से सुदृढ़ और स्वास्थ्य प्रदान करने का:- *जब किसी बीमार व्यक्ति या उसके परिजन को फोन कर रहे हैं तो कुछ सकारात्मक प्राणऊर्जा सम्प्रेषित करने वाले वाक्य इस तरह बोलें:-*

*हेलो, हाँजी तबियत कैसी है? अरे आप तो बहुत ब्रेव है और मानसिक रूप से स्ट्रांग हैं। आप तो फाइटर है, हर तकलीफ से बाहर जल्द आ जाओगे। आप पर ईश्वर की साक्षात कृपा है आप जल्दी स्वस्थ प्रशन्न होंगे। आपके लिए हमने भी ईश्वर से प्रार्थना की है, आप तो हमारी दुआओं/प्रार्थना में शामिल है। हम शरीर से तो नहीं लेकिन मन से हमेशा आपके पास ही हैं, कोई हमारे लायक सेवा हो तो जरूर बताना। कोई अपडेट हो तो बतायें।*

*उसे सुन लें, फिर बात के अंत मे आपकी उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं। उसको आशीर्वचन बोलते हुए प्रणाम कर फोन रख दें।*

*एग्जाम के वक्त बच्चों को फोन करने पर खूब सारा आशीर्वाद दीजिये, बोलिये बेटा पढ़ाई कैसी चल रही है? कुछ चाहिए हो तो बताना। तुम पढ़ो हम तुम्हारे लिए रोज प्रार्थना कर रहे है, बेटे तुम तो हमारी जिंदगी हो, हमें तुम पर पूर्णविश्वास है। खूब तरक्की करो और खूब आगे बढ़ो।*

परमपूज्य गुरूदेव कहते हैं:- गिफ़्ट में किसी को धन दो या न दो, लेकिन आत्मविश्वास बढ़ाने वाले और प्रोत्साहित करने वाले विचार और शब्द जरूर बोलो। जिससे उसके भीतर अच्छे हार्मोन्स का रिसाव हो और उसको स्वास्थ्य लाभ मिले। ऐसे शब्द जब हृदय से बोले जाते है तो सामने वाले के प्राण ऊर्जा को बढ़ाते हैं।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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