🔥 *यज्ञ विषयक शंका समाधान (प्रश्न 100)* 🔥
प्रश्न - 100 - *मुझे यज्ञ का गहन अध्ययन करना और इसे पूर्णता से समझना है, बतायें कि ब्रह्माण्ड की शक्तियो में से किन किन का अध्ययन करूँ?*
उत्तर - यज्ञ को गहनता और पूर्णता से समझने के लिए ब्रह्माण्ड की निम्नलिखित शक्तियो के अध्ययन की आवश्यकता है:-
👉🏼 यज्ञ के दर्शन को गहराई से समझने के लिए पढ़े
1- शब्द सामर्थ्य (मंन्त्र शक्ति) , शब्द ब्रह्म नाद ब्रह्म, ध्वनितरँग विज्ञान
2- अग्नि तत्व एवं उसका प्रकीर्णन - प्रकाश का प्रकीर्णन (Light scattering)
3- पदार्थ परिवर्तन के मौलिक सिद्धांत
4- सूर्य और उसकी शस्त्रान्शु शक्ति, सूर्य विज्ञान (गायत्री यज्ञों के परिप्रेक्ष्य में)
5- भावना विज्ञान और मानव मन का विज्ञान
👉🏼 यज्ञ को वैज्ञानिक कसौटी से परखने के लिए निम्नलिखित करें
6- यदि यग्योपैथी में रुचि है तो औषधियों का अध्ययन और उसके रोगों पर प्रभाव
7- यज्ञ के धूम्र का विभिन्न रोगों पर प्रभाव का अध्ययन
8- यज्ञ के धूम्र का पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का आधुनिक मशीनों से परीक्षण
9- विभिन्न विषाणुओं रोगाणुओं पर यज्ञ धूम्र का प्रभाव
10- किसे जलाने से क्या गैस बन रही है? किस मंन्त्र से क्या प्रभाव पड़ रहा है?
यज्ञ से स्थूल जगत में भी सब कुछ हासिल करना संभव है और यज्ञ से सूक्ष्म जगत में भी सबकुछ हासिल करना संभव है।
🔥 *यज्ञ विषयक शंका समाधान (प्रश्न 101)* 🔥
प्रश्न - 101 - *क्या यज्ञ से सृष्टि का उतपन्न होना और बिग बैंग सिद्धान्त के अनुसार सृष्टि के उतपन्न होने में कोई समानता है?*
उत्तर - बिग बैंग थ्योरी एक मनगढ़ंत वैज्ञानिक कल्पना है जिसका वैदिक सृष्टि की रचना से कोई सम्बन्ध नहीं है।
ब्रह्मांड का जन्म एक महाविस्फोट(बिग बैंग थ्योरी) के परिणामस्वरूप हुआ। इसी को महाविस्फोट सिद्धान्त या बिग बैंग सिद्धान्त कहते हैं। जिसके अनुसार से लगभग बारह से चौदह अरब वर्ष पूर्व संपूर्ण ब्रह्मांड शून्य के रूप में था। उस समय मानवीय समय और स्थान जैसी कोई अवधारणा अस्तित्व में नहीं थी। महाविस्फोट सिद्धांत के अनुसार लगभग १३.७ अरब वर्ष पूर्व इस धमाके में अत्यधिक ऊर्जा का उत्सजर्न हुआ। यह ऊर्जा इतनी अधिक थी जिसके प्रभाव से आज तक ब्रह्मांड फैलता ही जा रहा है। सारी भौतिक मान्यताएं इस एक ही घटना से परिभाषित होती हैं जिसे महाविस्फोट सिद्धांत कहा जाता है।
*बिगबैंग सिंद्धान्त का खंडन* - यदि शून्य था सबकुछ तो शून्य में विष्फोट कैसे हो सकता है। शून्य में पदार्थ भी शून्य ही होगा। बिन पदार्थ और किसी कारण के फ़िर विष्फोट कैसे हो सकता है?
*यज्ञ से सृष्टि सृजन करने का सिंद्धान्त का प्रतिपादन*- वैदिक और वर्तमान साइंस कहता है सृजन(to create anything) के लिए तीन कारकों का होना अनिवार्य है - 1 - सृजनकर्ता(Creator) , 2 - पदार्थ (matter) , 3- उद्देश्य (objective)
👉🏼 वैदिक प्रतिपादन में
सृजनकर्ता - परमात्मा
पदार्थ और क्रिया - यज्ञ से सृष्टि
उद्देश्य - एको$हम बहुष्यामि
अतः वैदिक साइंस पूर्णता से प्रश्नो के उत्तर देने में सक्षम है, लेकिन विज्ञान आज भी ब्रह्माण्ड के रहस्य को जानने में बहुत पीछे है। चेतन स्तर के रहस्य को आधुनिक विज्ञान अभी स्पर्श भी नहीं कर पाया है। समय अर्थात काल घड़ियों के निर्माण से पहले भी था और अभी भी है। उसी तरह परमात्मा सृष्टि निर्माण से पहले भी था और अभी भी है।
🙏🏻 श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
प्रश्न - 100 - *मुझे यज्ञ का गहन अध्ययन करना और इसे पूर्णता से समझना है, बतायें कि ब्रह्माण्ड की शक्तियो में से किन किन का अध्ययन करूँ?*
उत्तर - यज्ञ को गहनता और पूर्णता से समझने के लिए ब्रह्माण्ड की निम्नलिखित शक्तियो के अध्ययन की आवश्यकता है:-
👉🏼 यज्ञ के दर्शन को गहराई से समझने के लिए पढ़े
1- शब्द सामर्थ्य (मंन्त्र शक्ति) , शब्द ब्रह्म नाद ब्रह्म, ध्वनितरँग विज्ञान
2- अग्नि तत्व एवं उसका प्रकीर्णन - प्रकाश का प्रकीर्णन (Light scattering)
3- पदार्थ परिवर्तन के मौलिक सिद्धांत
4- सूर्य और उसकी शस्त्रान्शु शक्ति, सूर्य विज्ञान (गायत्री यज्ञों के परिप्रेक्ष्य में)
5- भावना विज्ञान और मानव मन का विज्ञान
👉🏼 यज्ञ को वैज्ञानिक कसौटी से परखने के लिए निम्नलिखित करें
6- यदि यग्योपैथी में रुचि है तो औषधियों का अध्ययन और उसके रोगों पर प्रभाव
7- यज्ञ के धूम्र का विभिन्न रोगों पर प्रभाव का अध्ययन
8- यज्ञ के धूम्र का पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का आधुनिक मशीनों से परीक्षण
9- विभिन्न विषाणुओं रोगाणुओं पर यज्ञ धूम्र का प्रभाव
10- किसे जलाने से क्या गैस बन रही है? किस मंन्त्र से क्या प्रभाव पड़ रहा है?
यज्ञ से स्थूल जगत में भी सब कुछ हासिल करना संभव है और यज्ञ से सूक्ष्म जगत में भी सबकुछ हासिल करना संभव है।
🔥 *यज्ञ विषयक शंका समाधान (प्रश्न 101)* 🔥
प्रश्न - 101 - *क्या यज्ञ से सृष्टि का उतपन्न होना और बिग बैंग सिद्धान्त के अनुसार सृष्टि के उतपन्न होने में कोई समानता है?*
उत्तर - बिग बैंग थ्योरी एक मनगढ़ंत वैज्ञानिक कल्पना है जिसका वैदिक सृष्टि की रचना से कोई सम्बन्ध नहीं है।
ब्रह्मांड का जन्म एक महाविस्फोट(बिग बैंग थ्योरी) के परिणामस्वरूप हुआ। इसी को महाविस्फोट सिद्धान्त या बिग बैंग सिद्धान्त कहते हैं। जिसके अनुसार से लगभग बारह से चौदह अरब वर्ष पूर्व संपूर्ण ब्रह्मांड शून्य के रूप में था। उस समय मानवीय समय और स्थान जैसी कोई अवधारणा अस्तित्व में नहीं थी। महाविस्फोट सिद्धांत के अनुसार लगभग १३.७ अरब वर्ष पूर्व इस धमाके में अत्यधिक ऊर्जा का उत्सजर्न हुआ। यह ऊर्जा इतनी अधिक थी जिसके प्रभाव से आज तक ब्रह्मांड फैलता ही जा रहा है। सारी भौतिक मान्यताएं इस एक ही घटना से परिभाषित होती हैं जिसे महाविस्फोट सिद्धांत कहा जाता है।
*बिगबैंग सिंद्धान्त का खंडन* - यदि शून्य था सबकुछ तो शून्य में विष्फोट कैसे हो सकता है। शून्य में पदार्थ भी शून्य ही होगा। बिन पदार्थ और किसी कारण के फ़िर विष्फोट कैसे हो सकता है?
*यज्ञ से सृष्टि सृजन करने का सिंद्धान्त का प्रतिपादन*- वैदिक और वर्तमान साइंस कहता है सृजन(to create anything) के लिए तीन कारकों का होना अनिवार्य है - 1 - सृजनकर्ता(Creator) , 2 - पदार्थ (matter) , 3- उद्देश्य (objective)
👉🏼 वैदिक प्रतिपादन में
सृजनकर्ता - परमात्मा
पदार्थ और क्रिया - यज्ञ से सृष्टि
उद्देश्य - एको$हम बहुष्यामि
अतः वैदिक साइंस पूर्णता से प्रश्नो के उत्तर देने में सक्षम है, लेकिन विज्ञान आज भी ब्रह्माण्ड के रहस्य को जानने में बहुत पीछे है। चेतन स्तर के रहस्य को आधुनिक विज्ञान अभी स्पर्श भी नहीं कर पाया है। समय अर्थात काल घड़ियों के निर्माण से पहले भी था और अभी भी है। उसी तरह परमात्मा सृष्टि निर्माण से पहले भी था और अभी भी है।
🙏🏻 श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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