Sunday, 19 May 2019

बाल सँस्कार शाला - कहानी - सुख का भोजन एवं चैन की नींद का राज़

*बाल सँस्कार शाला - कहानी - सुख का भोजन एवं चैन की नींद का राज़*

एक युवा राजकुमार जो सुख समृद्धि वैभव की खान में रह रहा था।  उसे महल के स्वादिष्ट भोजन भी अरुचि कर लगते और नींद भी ठीक से न आती।

राजा ने बहुत इलाज़ करवाया पर कोई लाभ न हुआ। उसने घोषणा कर दी कि जो राजकुमार को सुख  का स्वादिष्ट भोजन और चैन की नींद दिलवाएगा हज़ार स्वर्ण मुद्राएं पाएगा।

बहुत लोग आए और हारकर चले गए, अंत में एक किसान आया उसने राजा से एकांत में भेंट की और अपनी योजना समझाई।

राजकुमार के समक्ष किसान एक अंगरक्षक के रूप में नियुक्त हो गया, दो दिन बाद राजकुमार एक जंगल में शिकार के लिये गए। गहन जंगल मे मार्ग भटक गए और उनका सैन्यदल पीछे छूट गया। भूख प्यास से त्रस्त हो गए।

थोड़ी देर में उनका घोड़ा न जाने कैसे बेहोश हो गया, समान सब डाकुओं ने लूट लिया। अब फटेहाल पैदल चलने के अलावा कोई रास्ता न था। केवल वह किसान रूपी अंगरक्षक साथ बचा, किसी तरह दोनों जंगल से बाहर आये और 6 किलोमीटर पैदल चलकर दूर गाँव मे एक घर पर पहुंचे और दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खुला तो एक युवती निकली, उसने उन्हें मटके का शीतल जल दिया, 12 घण्टे के प्यासे राजकुमार को वो जल किसी स्वर्ग के अमृत सा मीठा लगा। भोजन में सुखी रोटी और गुड़ दिया। राजकुमार को वो भोजन किसी फाइव स्टार के होटल के भोजन से भी स्वादिष्ट लगा। शरीर थक कर टूट चुका था, किसान के घर चारपाई तो थी नहीं अतः जमीन पर चटाई पर सोना पड़ा। लेकिन वह बिस्तर किसी महल के बिस्तर से कम न था। राजकुमार चैन की नींद सो गया।

उठा, तो युवती ने कहा शाम के भोजन हेतु जंगल से लकड़ियां ले आइये जिससे भोजन बन सके, कुएं से जल भर लाइये, तब तक मैं आटा पीस लेती हूँ। दोनों ने महल का मार्ग पूँछा तो उसने बताया महल तो जंगल के उस पार है अतः बिना घोड़े के जाना खतरे से खाली नहीं है।

इस गाँव में एक व्यक्ति घोड़ा बेचता है, उससे जाकर खरीद लो। दोनों वहां गए उसने घोड़े का मूल्य मांगा तो उनके कुछ था नहीं। राजकुमार ने कहा वो राजकुमार है, लेक़िन राजकुमार के फटे कपड़े पर उसने विश्वास नहीं किया। अंततः राजकुमार और अंगरक्षक उसके यहां मज़दूरी करने लगे। राजकुमार रोज़ थककर घर आता, कड़ी भूख लगने पर वही सुखी रोटी उसे आनन्द देती और थकान में टूटते शरीर को वही चटाई सुख चैन की नींद देती। कुछ महीनों में अपनी कमाई से घोड़ा ख़रीदा और महल वापस आये।

राजा ने राजकुमार का स्वागत किया, महल का भोजन महीनों बाद मिलने के कारण राजकुमार को अति स्वादिष्ट लगा, महल के मुलायम बिस्तर पर पड़ते ही सो गया। राजा ने किसान को पुरस्कृत किया और राजकुमार ने कड़ी मेहनत की कमाई से मिला  भोजन स्वादिष्ट होता है और कड़ी मेहनत के बाद थकान को उतारने के लिए चैन की नींद का राज जान लिया।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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