Saturday 4 May 2019

प्रश्न - *कोई हाई एटीट्यूड दिखाए, अहंम प्रदर्शित करे, उसके हाव्-भाव हमें गुस्सा दिलाये तो ऐसे व्यक्ति के घर यज्ञ करवायें या नहीं।*

प्रश्न - *कोई हाई एटीट्यूड दिखाए, अहंम प्रदर्शित करे, उसके हाव्-भाव हमें गुस्सा दिलाये तो ऐसे व्यक्ति के घर यज्ञ करवायें या नहीं।*

उत्तर - आत्मीय बहन, पहले मुझे भी ऐसे लोगों का सामना करते वक्त बहुत गुस्सा आता था। लेक़िन अब गुस्सा नहीं आता, बल्कि इन भूले भटके लोगों पर दया आती है।

एक सत्य घटना, एक बार यज्ञ करवाने एक घर में गयी। पीले वस्त्रों में तो हम सब साधारण ही दिखते हैं। वो लड़की जूनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी और पति सिविल इंजीनियर। ऐसा लगता था मानो सास-ससुर के कहने पर यज्ञ करवाने की विवशता रही हो। एक तो काफी देर बैठे रहने के बाद सजधज के कमरे से निकली और ऊपर से उसने हमें पानी तक नहीं पूँछा।

गुस्सा बहुत आया, हमारे साथ दो बहनें भी गयी थीं। फिंर गुरूदेव का ध्यान किया, तो एक कहानी याद आयी।
👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻
एक बार, कबीर दास जी से एक व्यक्ति ने पूँछा सन्त कौन है? बोले जो सामने वाले के क्रोध दिलाने पर भी सेवा भाव और धैर्य न खोए।

वो उस व्यक्ति के साथ कई सन्तों के आश्रम में गए और उन लोगों को जानबूझ कर गुस्सा दिलाने लगे। थोड़ी थोड़ी देर में पूँछते आपका नाम क्या है गुरुजी। दो तीन बार नाम बताने के बाद सब धैर्य खो देते और गुस्से में आग बबूला होकर उसे पागल समझ के भगा देते।

एक 84 वर्ष के बूढ़े सन्त से भी कई बार पूँछा, वो जितने बार पूँछते बाबा उतनी ही सहजता से उत्तर में नाम बताते। अब तो हद हो गयी बीसियों बार नाम पूंछने पर वो न थके न क्रोधित हुए बड़ी सहजता से वैसे ही उत्तर देते रहे जैसे पिता नंन्हे बालक के बार बार पूंछने पर भी उत्तर देता रहता है।

अब पहाड़ी से थोड़ी नीचे उतरते हुए कबीर दास जी ने बाबाजी को आवाज लगाई। बूढ़े बाबा हांफते हांफते नीचे आये और पूँछा क्या हुआ बेटा। कबीरदास जी ने पूँछा, बाबा आपका नाम क्या है? बाबा हंसते हुए बोले फिंर भूल गए। और पुनः बताया *गोपालदास* । सन्त चले गए।

कुछ दिन बाद कबीर और वो व्यक्ति क्षमा मांगने गए। बाबाजी पुनः सेवाभाव और प्यार से मिले जैसे कुछ हुआ ही न हो।कबीरदास जी ने क्षमा मांगी। कहा, यह युवक सन्त के दर्शन करना चाहता था। अतः सच्चे सन्त की पहचान करने के लिए हमने उस दिन आपको परेशान किया।

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

बहन, गुरूदेव के हम प्रतिनिधि हैं अनगढ़ से सुगढ़ बनाने का एक अवसर भगवान हमें यज्ञ के माध्यम से देते हैं। तुम अच्छाई का बीज यज्ञ के माध्यम से बोकर आ जाओ।

जब अंगुलिमाल 999 कत्ल के बाद बुद्ध की करुणा से बदल सकता है। डाकू रत्नाकर नारद के प्रवचन से हिंसक से अहिंसक बन सकता है, क्या पता यही चमत्कार तुम्हारे जाने से उस व्यक्ति के अंदर भी हो जाये। पता नहीं कोई ऐसा विचार यज्ञ के दौरान तुम्हारे मुंह से भगवान बुलवा दे जिससे उसका हृदय परिवर्तित हो जाये।

ज्ञान यज्ञ की ज्योति जलाने, घर घर में जाएंगे। यह वादा तुमने गुरु से किया है, इसे पूरी शिद्दत से निभाओ। क्या पता कौन सा बुझा दीपक तुम्हारी चेतना से जल उठे। उसका हृदय परिवर्तित हो जाये।

हमारा तुम्हारा कार्य प्रयास करने का है, कोई भी अवसर हाथ से न जाने देने का है। उपजाऊ जमीन हुई तो बीज अंकुरित होगा। ऊसर जमीन हुई तो नहीं जमेगा। दीपक में जलने की योग्यता होगी तो जल जाएगा। नहीं हुई तो नहीं जलेगा। लेकिन भगवान तुम्हारे सच्चे प्रयास को जरूर सराहेगा।

उस लड़की के घर यज्ञ के दौरान युगनिर्माण की और भावसम्वेदना की बाद बताई। भक्त की भक्ति से ही ईश्वर की शक्ति एक्टिवेट होती है बताया। यज्ञ पूरा करवाया, अंत मे जब परिचय हुआ। तो वो स्वयं शर्मिंदा हुई।  हृदय परिवर्तन हुआ। शान्तिकुंज भी गयी और अब अंशदानी भी है।

हम पोस्टमैन है, भगवान की चिट्ठी हर घर में देकर आएंगे। आगे भगवान जाने और वो जाने। हमारे कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण में चूक नहीं होनी चाहिए। सन्त की तरह कोई कितना भी गुस्सा दिलाये यज्ञ के दौरान हमें धैर्य पूर्वक प्रेम से उसकी चेतना का इलाज़ करना है। यज्ञ सम्पन्न करवाना चाहिए।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

1 comment:

  1. mam can you please provide your e-mail?so that i can clear my queries..

    ReplyDelete

प्रश्न - जप करते वक्त बहुत नींद आती है, जम्हाई आती है क्या करूँ?

 प्रश्न - जप करते वक्त बहुत नींद आती है, जम्हाई आती है क्या करूँ? उत्तर - जिनका मष्तिष्क ओवर थिंकिंग के कारण अति अस्त व्यस्त रहता है, वह जब ...