Saturday 11 May 2019

योग सुखमय जीवन की कुँजी

*योग सुखमय जीवन की कुँजी*

सुख सब चाहते हैं, सुख की तलाश में भटक रहे हैं। लेकिन वास्तविक सुख कहाँ है किसी को पता नहीं है।

विद्यार्थियों का पढ़ने में मन नहीं लग रहा, गृहणियाँ घर मे बोर हो रही हैं या तनावपूर्ण जीवन में है, जॉब वाले जॉब में तनावग्रस्त है और व्यवसाय वाले व्यवसाय में तनावग्रस्त है। जीवन अस्तव्यस्त है, सुख जीवन से गायब है। बाहरी चीज़ों में सुख की तलाश कर रहे हैं और विभिन्न रोगों से शरीर भर रहे हैं।

मष्तिष्क में विराजमान मन हमारा स्वतः आराम कभी नहीं लेता, आप सोएं या जागे वो अनवरत कार्य करता है। दिन में कल्पनाएं और रात में स्वप्न में कल्पनाओं के दर्शन। अब जो गाड़ी अनवरत बिना रुके चलेगी तो गर्म तो होगी ही। तनावग्रस्त तो होगी ही।

अतः इसे बलपूर्वक आराम देने का प्रबन्ध करना पड़ता है। योग ही मात्र एक ऐसा माध्यम है जो इसकी मरम्मत करके इसे आराम कुछ पलों के लिए दे सकता है।

योग बीमारियों से तो निजात देता ही है साथ ही योग चित्त वृत्तियों की चंचलता को रोकता है, योग शरीर को बल देने के साथ साथ मन को भी बल देता है। मन पर नियंत्रण बढ़ाता है। कर्म में कुशलता बढ़ाता है।

योग में व्यक्ति बाहर की जगह भीतर की ओर प्रवेश करता है, स्वयं को जानने की कोशिश करता है, स्वयं को साधने की कोशिश करता है।

योग से हम तन और मन को व्यवस्थित करने में कुशलता हासिल करते हैं। तन की कुशलता से शारीरिक कार्य कुशलता बढ़ती है और मन की कुशलता से बौद्धिक कुशलता बढ़ती है। फ़िर विद्यार्थियों को पढ़ाई में एकाग्रता में दिक्कत नहीं होती। गृहणियों को गृह व्यवस्था और रिश्ते सम्हालने में कुशलता मिलती है। जॉब वाले अपने अपने क्षेत्र में मानसिक शक्तियो के प्रयोग से कुशल होते जाते हैं और व्यवसायी अपने व्यवसाय के प्रति दूर दृष्टि रखकर उसका प्रबन्धन कर पाता है।

नित्य योग तन मन को सुखी स्वस्थ बनाता है। ऋषियों ने योग को ही मानव जीवन की सुखों की चाबी बताया है।

इनके अलावा योग के कई आध्यात्मिक लाभ भी हैं। इनका विवरण करना आसान नहीं है, क्योंकि यह आपको स्वयं योग अभ्यास करके हासिल और फिर महसूस करने पड़ेंगे। हर व्यक्ति को योग विभिन्न रूपों में लाभ पहुँचाता है। तो योग को अवश्य अपनायें और अपनी मानसिक, भौतिक, आत्मिक और अध्यात्मिक सेहत में सुधार लायें। जीवन में सुख और समृद्धि लायें।

No comments:

Post a Comment

प्रश्न - जप करते वक्त बहुत नींद आती है, जम्हाई आती है क्या करूँ?

 प्रश्न - जप करते वक्त बहुत नींद आती है, जम्हाई आती है क्या करूँ? उत्तर - जिनका मष्तिष्क ओवर थिंकिंग के कारण अति अस्त व्यस्त रहता है, वह जब ...