प्रश्न - *तनाव और मनोरोगों में गायत्री मंत्र किस प्रकार सहायक है*?
उत्तर - मनोरोग अर्थात मन की इम्म्युनिटी घटना, सकारात्मक विचारों की सेना का कमज़ोर होना और सकारात्मक विचारों का ताकतवर न होना।
तनाव अर्थात किसी विचार से मन का चिपक जाना और उस विचार से ध्यान हटा कर उसका समाधान ढूंढने में असमर्थता। बार बार चिंता की भावना उठना और नकारात्मक विचारों का आक्रमण होना। इससे मानसिक खिंचाव होना।
गायत्री मंत्र जप से मन पर नियंत्रण मजबूत होता है। मन की इम्म्युनिटी अर्थात सकारात्मक विचारो की सेना बढ़ जाती है। किसी विचार पर ध्यान लगाना और ध्यान हटाना आ जाता है। नकारात्मक विचारों के आक्रमण का सामना करने के लिए मन की सकारात्मक विचारों की सेना खड़ी हो जाती है। सकारात्मक विचारों की सेना त्वरित राहत देते हुए मन को समस्या गिनने की जगह समस्या के समाधान में लगा देती हैं। चिंता को चिंतन में बदलने की शक्ति गायत्री मंत्र से मिलती है।
गायत्री मंत्र की रिसर्च लिंक देखें:-
https://youtu.be/zfJdBT8QkJo
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - मनोरोग अर्थात मन की इम्म्युनिटी घटना, सकारात्मक विचारों की सेना का कमज़ोर होना और सकारात्मक विचारों का ताकतवर न होना।
तनाव अर्थात किसी विचार से मन का चिपक जाना और उस विचार से ध्यान हटा कर उसका समाधान ढूंढने में असमर्थता। बार बार चिंता की भावना उठना और नकारात्मक विचारों का आक्रमण होना। इससे मानसिक खिंचाव होना।
गायत्री मंत्र जप से मन पर नियंत्रण मजबूत होता है। मन की इम्म्युनिटी अर्थात सकारात्मक विचारो की सेना बढ़ जाती है। किसी विचार पर ध्यान लगाना और ध्यान हटाना आ जाता है। नकारात्मक विचारों के आक्रमण का सामना करने के लिए मन की सकारात्मक विचारों की सेना खड़ी हो जाती है। सकारात्मक विचारों की सेना त्वरित राहत देते हुए मन को समस्या गिनने की जगह समस्या के समाधान में लगा देती हैं। चिंता को चिंतन में बदलने की शक्ति गायत्री मंत्र से मिलती है।
गायत्री मंत्र की रिसर्च लिंक देखें:-
https://youtu.be/zfJdBT8QkJo
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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