Sunday 12 May 2019

आपको जन्म दिन हार्दिक शुभकामनाएं

आत्मीय बेटी त्विषा,

आपको जन्म दिन हार्दिक शुभकामनाएं,
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आपके नाम का अर्थ है - तेज, प्रकाश, प्रतिभा । आप अपने नाम को सार्थक करें।

13 वर्ष की उम्र किशोरावस्था में बहुत महत्त्वपूर्ण होती है। बचपन अलविदा कहता है और किशोरावस्था युवा बनने की तैयारी होती है।

इस अवस्था में यदि स्वयं को सम्हाल कर सही दिशा धारा देने में सक्षम बन पाए तो तुम्हें सफल होने से कोई विश्व में नहीं रोक सकता।

यह शरीर तुम नहीं हो, न मन तुम हो। तुम एक श्रेष्ठ आत्मा हो। तुम अनंत यात्री हो, जो यात्रा के दौरान इस शरीर रूपी सराय में है।

मनुष्य शरीर 84 हज़ार योनियों के बाद मिलता है। इस मनुष्य योनि में यदि कुछ सार्थक करते न बना तो पुनः 84 हज़ार के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

यह संसार का माया अंधकार तुम्हें भटकाने के लिए खड़ा है, इस अंधकार में केवल गुरुकृपा से जली आत्मज्योति ही प्रकाश दिखा सकती है। अतः नित्य स्वयं की आत्मज्योति को जलाए रखो, इसमें उपासना-साधना का घी डाले रखो।

ऊपर चढ़ना कठिन है, नीचे खाई में गिरना आसान है। पढ़कर बुद्धिमान बनना कठिन है और बिन पढ़े मूर्ख रह जाना आसान है।

पापा मम्मी के जमाने में इतने सारी बाधाएं - इंटरनेट, व्हाट्सएप, शोशल मीडिया, फ़ेसबुक, मोबाइल गेम, मॉल इत्यादि नहीं थे ध्यान भटकाने और पतन में ले जाने के लिए,
लेकिन डियर यह सब दैत्य हैं तुम्हें भटकाने के लिए, अतः इन दैत्यों से बचने के लिए तुम्हें अपने भीतर देवसेना खड़ी करनी होगी। देवसेना अच्छी पुस्तकों के स्वाध्याय से ही खड़ी और मजबूत होगी। जो इन दैत्यों को परास्त कर तुम्हें जीवन लक्ष्य तक पहुंचाएगी।

13 वर्ष की उम्र में अकबर, शिवाजी, महाराणा प्रताप, लक्ष्मी बाई इत्यादि अपने कर्तव्य पथ और जीवन लक्ष्य का चुनाव कर लिए थे इसलिए इतिहास रच पाए। तुम्हारे हाथ मे भी इतिहास रचने का सुअवसर है, तुम इतिहास रचोगी ऐसा मेरा पूर्ण विश्वास है।

कर्मयोगी जो जूठन छोड़ देते हैं वही भाग्यवादी खाते हैं। अतः कर्म में कुशलता लाओ और कुछ करके दिखाओ। कर्मयोगी बनो।

मन बहुत अच्छा नौकर और बहुत बुरा स्वामी है। यदि मन की गुलाम बनी तो पतन का गर्त निश्चित है, यदि मन की स्वामिनी बनी तो उज्ज्वल भविष्य निश्चित है।

सौभाग्य का वो क्षण होता है, जब माता पिता अपने बच्चों के श्रेष्ठ कार्यो के कारण पहचाने जाते हैं। क्या तुम अपने माता पिता को यह वचन जन्मदिन के रिटर्न गिफ्ट में दोगी, कि एक दिन आप दोनों को मेरे नाम से जाना जाएगा । आप मुझ पर गर्व करें मैं ऐसा कुछ करने का प्रयास करूंगी। क्या यह वचन दोगी?

तुम हमारी नंन्ही परी हो, जो एक दिन सफलता के आसमान में सद्बुद्धि और सामर्थ्य के पंखों से उड़कर त्विषा नाम लिखेगी। ऐसा तुम्हारे मम्मी-पापा और तुम्हारी श्वेता बुआ का पूर्ण विश्वास है। तुम ऐसा जरूर कुछ करोगी जिससे हमें तुम पर नाज़ होगा। आज महानता की ओर बढ़ने का महापरिवर्तन का दिन जन्मदिन है।

तुम्हारी बुआ
श्वेता चक्रवर्ती

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