*एक अनोखा व्रत - सप्ताह में एक बार रखें*
👉🏼 सुबह उठकर भगवान को धन्यवाद दें
👉🏼 फिंर स्वयं को ढेर सारा आशीर्वाद दें
👉🏼 एक दिन परमात्मा के अंश निज आत्मा के नाम
👉🏼 स्वयं को शरीर से अलग कल्पना में करके देखो।
👉🏼 जैसे टीवी देखते हो या घर के किसी अन्य सदस्य को देखते हो। बस केवल साक्षी भाव से स्वयं को देखो।
👉🏼 स्वयं के शरीर की गतिविधियों के साथ साथ शरीर जो कुछ भी खा या पी रहा है। उसे ध्यान से देखो। खाओ या पियो तो उसे मुंह मे महसूस करो। फिंर भीतर जाते हुए महसूस करो।
👉🏼 जब कोई अन्य कार्य न कर रहे हो तो अपने भीतर आती जाती श्वांस को देखो। महसूस करो। अंतिम छोर तक महसूस करो।
👉🏼 दिन भर दिमाग़ में क्या चल रहा है उस पर नज़र रखो। क्या क्या सोचा वो जानो।
👉🏼 एक दिन केवल स्वयं के साथ बिताना है। 24 घण्टे केवल स्वयं को ऑब्जर्व करना है।
👉🏼 सूची बनाइये, ऐसी कौन सी चीज़े है जिसे भगवान ने आपको दिया है। जिसे खरीदा या बनाया नहीं जा सकता। अगर भगवान देने से चूक जाते तो उनके बिना ही जीवन गुजारना पड़ता।
👉🏼पूरे शरीर में जोड़े से कौन कौन से अंग है, जैसे दो आंख, दो कान इत्यादि।
👉🏼 अपने पूरे शरीर को ठीक से देखिए, अपने शरीर के नख से लेकर सिख तक पर ध्यान केंद्रित करते हुए महसूस कीजिये।
👉🏼 आप जिंदा हैं, तो अपने आसपास के जीवन को महसूस कीजिये।
👉🏼 जो भी देखिए पूरी निष्ठा और एकाग्रता से देखिए।
👉🏼 विचार कीजिये कि *मैं कौन हूँ?* , जब यह शरीर मैं नहीं, और यह मन भी मैं नहीं। तो फिर मैं कौन हूँ?
👉🏼 बचपन के शरीर में मैं था, नित्य बदलते युवा शरीर में मैं हूँ, वृद्ध होने के बाद उस जर्जर शरीर मे भी मैं होऊगा। वैज्ञानिक कहते हैं कि 7 वर्ष में पूरा शरीर बदलकर नया हो जाता है। पुराने कोष/सेल मरते हैं और नए बनते हैं। शरीर बदल रहा है, मैं ज्यो का त्यों हूँ। मैं कौन हूँ?
👉🏼 इस तरह स्वयं को जानने का अधिक से अधिक प्रयास कीजिये।
👉🏼 स्वयं को जानने में जो मदद करे वो साहित्य भी पढ़ सकते हैं जैसे - *मैं क्या हूँ?*
👉🏼 रात को भगवान को धन्यवाद दीजिये।
👉🏼 स्वयं को ढेर सारा आशीर्वाद देकर सो जाइये।
*नोट :-* इस व्रत के दौरान मनुष्य द्वारा निर्मित मोबाईल, टीवी, कम्प्यूटर से दूर रहें। जो भी प्रकृति प्रदत्त और निर्मित नज़ारे है उन्हें देखिए। उनके साथ वक्त बिताइए।
🙏🏻 *यह व्रत आपको जीवन ऊर्जा से भर देगा, नवीन उत्साह उमंग का संचार करेगा। समस्त विषाद मन के मिटा देगा। जीवन को देखने की एक नई दृष्टि देगा*। 🙏🏻
🙏🏻 श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
👉🏼 सुबह उठकर भगवान को धन्यवाद दें
👉🏼 फिंर स्वयं को ढेर सारा आशीर्वाद दें
👉🏼 एक दिन परमात्मा के अंश निज आत्मा के नाम
👉🏼 स्वयं को शरीर से अलग कल्पना में करके देखो।
👉🏼 जैसे टीवी देखते हो या घर के किसी अन्य सदस्य को देखते हो। बस केवल साक्षी भाव से स्वयं को देखो।
👉🏼 स्वयं के शरीर की गतिविधियों के साथ साथ शरीर जो कुछ भी खा या पी रहा है। उसे ध्यान से देखो। खाओ या पियो तो उसे मुंह मे महसूस करो। फिंर भीतर जाते हुए महसूस करो।
👉🏼 जब कोई अन्य कार्य न कर रहे हो तो अपने भीतर आती जाती श्वांस को देखो। महसूस करो। अंतिम छोर तक महसूस करो।
👉🏼 दिन भर दिमाग़ में क्या चल रहा है उस पर नज़र रखो। क्या क्या सोचा वो जानो।
👉🏼 एक दिन केवल स्वयं के साथ बिताना है। 24 घण्टे केवल स्वयं को ऑब्जर्व करना है।
👉🏼 सूची बनाइये, ऐसी कौन सी चीज़े है जिसे भगवान ने आपको दिया है। जिसे खरीदा या बनाया नहीं जा सकता। अगर भगवान देने से चूक जाते तो उनके बिना ही जीवन गुजारना पड़ता।
👉🏼पूरे शरीर में जोड़े से कौन कौन से अंग है, जैसे दो आंख, दो कान इत्यादि।
👉🏼 अपने पूरे शरीर को ठीक से देखिए, अपने शरीर के नख से लेकर सिख तक पर ध्यान केंद्रित करते हुए महसूस कीजिये।
👉🏼 आप जिंदा हैं, तो अपने आसपास के जीवन को महसूस कीजिये।
👉🏼 जो भी देखिए पूरी निष्ठा और एकाग्रता से देखिए।
👉🏼 विचार कीजिये कि *मैं कौन हूँ?* , जब यह शरीर मैं नहीं, और यह मन भी मैं नहीं। तो फिर मैं कौन हूँ?
👉🏼 बचपन के शरीर में मैं था, नित्य बदलते युवा शरीर में मैं हूँ, वृद्ध होने के बाद उस जर्जर शरीर मे भी मैं होऊगा। वैज्ञानिक कहते हैं कि 7 वर्ष में पूरा शरीर बदलकर नया हो जाता है। पुराने कोष/सेल मरते हैं और नए बनते हैं। शरीर बदल रहा है, मैं ज्यो का त्यों हूँ। मैं कौन हूँ?
👉🏼 इस तरह स्वयं को जानने का अधिक से अधिक प्रयास कीजिये।
👉🏼 स्वयं को जानने में जो मदद करे वो साहित्य भी पढ़ सकते हैं जैसे - *मैं क्या हूँ?*
👉🏼 रात को भगवान को धन्यवाद दीजिये।
👉🏼 स्वयं को ढेर सारा आशीर्वाद देकर सो जाइये।
*नोट :-* इस व्रत के दौरान मनुष्य द्वारा निर्मित मोबाईल, टीवी, कम्प्यूटर से दूर रहें। जो भी प्रकृति प्रदत्त और निर्मित नज़ारे है उन्हें देखिए। उनके साथ वक्त बिताइए।
🙏🏻 *यह व्रत आपको जीवन ऊर्जा से भर देगा, नवीन उत्साह उमंग का संचार करेगा। समस्त विषाद मन के मिटा देगा। जीवन को देखने की एक नई दृष्टि देगा*। 🙏🏻
🙏🏻 श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
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