प्रश्न - *दी, मेरा MBA फाइनल ईयर है, कम्पनियाँ यूनिवर्सिटी में विजिट करने आ रही हैं। अतः मार्गदर्शन करें।*
उत्तर - बेटा, यह जानकर ख़ुशी हुई कि आप की यूनिवर्सिटी प्लेसमेंट के लिए कम्पनियों को बुला रही है। अतः कुछ बातें जो हम चाहते हैं आप ध्यान रखें:-
1- जब आप इंटरव्यू में बैठने जाएं तो उस कम्पनी की वेबसाईट को अच्छी तरह पढ़कर उसके बारे में जान लें, कि वास्तव में उसे क्या क़्वालिटी चाहिए अपने इंटरव्यू में।
2- फ्रेशर कोई नहीं होता, यह शब्द ही ग़लत है। फ्रेशर वो हाल में जन्मा बच्चा भी नहीं होता। क्योंकि आरंभिक दुनियाँ में कम्युनिकेट किस भाषा मे करना है वो गर्भ में ही सीख लेता है। आप तो जन्म से अब तक हज़ारों इन्फॉर्मेशन और नॉलेज ले चुके हो। 20 वर्ष से ज्यादा का अनुभव आपके पास है। अतः स्वयं को फ्रेशर समझ के लापरवाही न करें, 20 वर्ष के मैच्योर अनुभवी ज्ञान के साथ इंटरव्यू में प्रस्तुत हों।
3- शुरुआत के 5 इंटरव्यू आप सीखने के लिए दीजिये। पैटर्न समझिए कि किस प्रकार के प्रश्न पूँछे जा रहे हैं। उन 5 इंटरव्यू में पूँछे प्रश्नों के उत्तर तैयार कीजिये। छठा और सातवां इंटरव्यू आपको पाने के लिए देना है।
4- रटना चीज़ों को बेवकूफी होती है। आइंस्टीन कहता था जो चीज़ें मुझे जरूरत नहीं उन्हें मैं अपने दिमाग़ में नहीं रखता। मैनेजमेंट में चीज़ों के कॉन्सेप्ट समझना और उन कॉन्सेप्ट को पॉइंट टू पॉइंट प्रस्तुत करना तुम्हे आना चाहिए। डिटेल्स गूगल और पुस्तकों में उपलब्ध है, बस आपको यह पता होना चाहिए कि आपको ढूंढना क्या है?
5- कम शब्दों में प्रभावी तरीके से बात करना आपको आना चाहिए। शुरुआत में किस टॉपिक को बोलने जा रहे हैं उसे क्लियर करें, बीच मे डिटेल दें और अंत मे जो कुछ बोला उसकी समरी दो से तीन लाइन में बोलकर अपनी बात को विराम दें।
6- सब अभ्यर्थी को सबकुछ आना जरूरी नहीं है। लेकिन सब अभ्यर्थी को कुछ न कुछ सम्बन्धित विषय का विशेष आना बहुत जरूरी है। यह विशेषता ही आपको सबसे बेहतर साबित करके आपका चयन सुनिश्चित करेगी।
7- सैलरी पैकेज के पीछे मत भागिए, 16 वर्षो के मलिटीनेशनल कम्पनी में काम करने के अनुभव से बता रही हूँ। कम्पनियां जितनी तेजी से हायर(कम्पनी में जॉब देती है) करती हैं उतनी तेजी से फ़ायर(कम्पनी से निकालती हैं) भी करती है। प्लेसमेंट जॉब की गारंटी नहीं है, आपका सम्बन्धित विषय मे दक्षता और मेहनत जॉब की गारण्टी है।
8- जितना बुरा आत्महीनता(under confidence) है, उससे ज्यादा बुरा महानता का व्यामोह(over confidence) है। दोनों ही परिस्थितियों में कैरियर का जहाज डूबना तय है।
9- आत्मविश्वास (confidence) हमेशा मजबूत आधार पर टिका होना चाहिए सन्तुलित होना चाहिए। घबराहट बैचेनी कैरियर के नाव के छेद हैं, यह आमबात है, जिन्हें पता करके उनकी मरम्मत जल्दी से कर लें। घबराहट को स्वीकार लें बोलें मन को पता है तुम घबराओगे। हो गया अब शांत हो जाओ जो होगा बेहतर होगा, या तो आज मैं इंटरव्यू में सफल होउंगी या कुछ सीखकर तैयारी और बेहतर करने में यह इंटरव्यू मददगार होगा। लम्बी गहरी श्वांस लो। आत्मविश्वास के साथ अपने नॉलेज को उनके केवल प्रश्न से सम्बंधित प्रस्तुत करो। आपको ज्यादा आता है, उसने कम पूंछा तो ज्यादा बोलने की गलती मत करो। जो पूँछा केवल उसके प्रत्युत्तर में सम्बन्धित ज्ञान प्रस्तुत करो। जो प्रश्न का उत्तर न आये उसे आत्मविश्वास के साथ बोलें अभी इसका उत्तर मुझे याद नहीं आ रहा। गोल गोल बोलकर इंटरव्यूअर को घुमाएं नहीं। क्योंकि जिस सीट पर आप बैठकर उत्तर दे रहें है, वह भी अनुभव कर चुका है।
10- कुछ युगऋषि के साहित्य पढो आत्मा की शक्ति बढ़ाने के लिए -
📖 सफ़लता आत्मविश्वासी को मिलती है
📖 प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
📖 व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
📖 निराशा को पास न फटकने दो
📖 हारिये न हिम्मत
11- नित्य 3 माला गायत्री जप और उगते सूर्य का ध्यान करो। यह तुम्हे प्राण ऊर्जा से भर देगा।
12- आजकल के बच्चे हो तो फ़िल्म जरूर देखते होंगे। अतः तीन फ़िल्म जरूर देखो, यह यूट्यूब पर फ्री उपलब्ध हैं :- 1 - अक्षय कुमार एवं परेश रावल फ़िल्म - *ओह माय गॉड* (इस फ़िल्म में यह समझो कि भगवान किसी न किसी रूप में मदद करता है, फिंर भी अपनी लड़ाई स्वयं लड़नी पड़ती है) , 2- राजकुमार हिरानी फ़िल्म - *थ्री इडियट* (इस फ़िल्म में यह सीखो कि रटने से बेहतर स्वयं को कॉन्सेप्ट समझने में लगाओ, एक्सलेंस पर ध्यान दो, सैलरी स्वयं पीछे आएगी) , 3 - साउथ इंडियन हिंदी डब फ़िल्म - *रिटर्न ऑफ़ अभिमन्यु*(इन्फॉर्मेशन इस पॉवर, वर्तमान दुनियाँ का खेल इन्फॉर्मेशन की एनालिसिस पर निर्भर है, थोड़ी चूक हुई लूट लिए जाओगे। यहां वही सफल है जो इन्फॉर्मेशन को एनालिसिस करके उपयोग कर सके ) जरूर देखो।
13- तुम शरीर नहीं हो और न ही यह यादाश्त और अनुभव युक्त मन हो। तुम एक आत्मा हो, जो महान ज्ञान के भंडार को जब चाहे तब प्राप्त कर सकती है।
14- तुम पढ़लिखकर इस संसार और अपनी मातृभूमि का उद्धार करने के लिए यह इंटरव्यू देकर जॉब करने जा रहे हो।
15- तुम नारकीय पेट-प्रजनन तक सीमित जीव नहीं हो। तुम एक श्रेष्ठ सशक्त आत्मा हो, स्वयं को पहचानो।
16- तुम स्वयं को सम्बन्धित विषय में योग्य बनाने में उद्यम करो, लक्ष्मी स्वतः तुम्हारे पीछे आयेंगी, उद्यमी पुरुषः बपुतः लक्ष्मी।
17- धन किरण है, जिसे योग्यता-पात्रता के सूर्य की रौशनी में पाया जा सकता है। अतः योग्यता-पात्रता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करो, सैलरी पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत नहीं, सैलरी योग्यता-पात्रता का बाई प्रोडक्ट है, स्वयं मिलेगा।
18- हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं, वही जीवन मे सफल है जिसने जीतने के बाद कैसे स्वयं को सम्हालना है यह सीख लिया, और कभी हार हुई तो कैसे स्वयं को सम्हालना है यह सीख लिया। दोनों ही परिस्थिति को हैंडल करने वाला बाज़ीगर ही इतिहास रचता है। बाकी तो उसके लिखे इतिहास को पढ़ते हैं।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
उत्तर - बेटा, यह जानकर ख़ुशी हुई कि आप की यूनिवर्सिटी प्लेसमेंट के लिए कम्पनियों को बुला रही है। अतः कुछ बातें जो हम चाहते हैं आप ध्यान रखें:-
1- जब आप इंटरव्यू में बैठने जाएं तो उस कम्पनी की वेबसाईट को अच्छी तरह पढ़कर उसके बारे में जान लें, कि वास्तव में उसे क्या क़्वालिटी चाहिए अपने इंटरव्यू में।
2- फ्रेशर कोई नहीं होता, यह शब्द ही ग़लत है। फ्रेशर वो हाल में जन्मा बच्चा भी नहीं होता। क्योंकि आरंभिक दुनियाँ में कम्युनिकेट किस भाषा मे करना है वो गर्भ में ही सीख लेता है। आप तो जन्म से अब तक हज़ारों इन्फॉर्मेशन और नॉलेज ले चुके हो। 20 वर्ष से ज्यादा का अनुभव आपके पास है। अतः स्वयं को फ्रेशर समझ के लापरवाही न करें, 20 वर्ष के मैच्योर अनुभवी ज्ञान के साथ इंटरव्यू में प्रस्तुत हों।
3- शुरुआत के 5 इंटरव्यू आप सीखने के लिए दीजिये। पैटर्न समझिए कि किस प्रकार के प्रश्न पूँछे जा रहे हैं। उन 5 इंटरव्यू में पूँछे प्रश्नों के उत्तर तैयार कीजिये। छठा और सातवां इंटरव्यू आपको पाने के लिए देना है।
4- रटना चीज़ों को बेवकूफी होती है। आइंस्टीन कहता था जो चीज़ें मुझे जरूरत नहीं उन्हें मैं अपने दिमाग़ में नहीं रखता। मैनेजमेंट में चीज़ों के कॉन्सेप्ट समझना और उन कॉन्सेप्ट को पॉइंट टू पॉइंट प्रस्तुत करना तुम्हे आना चाहिए। डिटेल्स गूगल और पुस्तकों में उपलब्ध है, बस आपको यह पता होना चाहिए कि आपको ढूंढना क्या है?
5- कम शब्दों में प्रभावी तरीके से बात करना आपको आना चाहिए। शुरुआत में किस टॉपिक को बोलने जा रहे हैं उसे क्लियर करें, बीच मे डिटेल दें और अंत मे जो कुछ बोला उसकी समरी दो से तीन लाइन में बोलकर अपनी बात को विराम दें।
6- सब अभ्यर्थी को सबकुछ आना जरूरी नहीं है। लेकिन सब अभ्यर्थी को कुछ न कुछ सम्बन्धित विषय का विशेष आना बहुत जरूरी है। यह विशेषता ही आपको सबसे बेहतर साबित करके आपका चयन सुनिश्चित करेगी।
7- सैलरी पैकेज के पीछे मत भागिए, 16 वर्षो के मलिटीनेशनल कम्पनी में काम करने के अनुभव से बता रही हूँ। कम्पनियां जितनी तेजी से हायर(कम्पनी में जॉब देती है) करती हैं उतनी तेजी से फ़ायर(कम्पनी से निकालती हैं) भी करती है। प्लेसमेंट जॉब की गारंटी नहीं है, आपका सम्बन्धित विषय मे दक्षता और मेहनत जॉब की गारण्टी है।
8- जितना बुरा आत्महीनता(under confidence) है, उससे ज्यादा बुरा महानता का व्यामोह(over confidence) है। दोनों ही परिस्थितियों में कैरियर का जहाज डूबना तय है।
9- आत्मविश्वास (confidence) हमेशा मजबूत आधार पर टिका होना चाहिए सन्तुलित होना चाहिए। घबराहट बैचेनी कैरियर के नाव के छेद हैं, यह आमबात है, जिन्हें पता करके उनकी मरम्मत जल्दी से कर लें। घबराहट को स्वीकार लें बोलें मन को पता है तुम घबराओगे। हो गया अब शांत हो जाओ जो होगा बेहतर होगा, या तो आज मैं इंटरव्यू में सफल होउंगी या कुछ सीखकर तैयारी और बेहतर करने में यह इंटरव्यू मददगार होगा। लम्बी गहरी श्वांस लो। आत्मविश्वास के साथ अपने नॉलेज को उनके केवल प्रश्न से सम्बंधित प्रस्तुत करो। आपको ज्यादा आता है, उसने कम पूंछा तो ज्यादा बोलने की गलती मत करो। जो पूँछा केवल उसके प्रत्युत्तर में सम्बन्धित ज्ञान प्रस्तुत करो। जो प्रश्न का उत्तर न आये उसे आत्मविश्वास के साथ बोलें अभी इसका उत्तर मुझे याद नहीं आ रहा। गोल गोल बोलकर इंटरव्यूअर को घुमाएं नहीं। क्योंकि जिस सीट पर आप बैठकर उत्तर दे रहें है, वह भी अनुभव कर चुका है।
10- कुछ युगऋषि के साहित्य पढो आत्मा की शक्ति बढ़ाने के लिए -
📖 सफ़लता आत्मविश्वासी को मिलती है
📖 प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
📖 व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
📖 निराशा को पास न फटकने दो
📖 हारिये न हिम्मत
11- नित्य 3 माला गायत्री जप और उगते सूर्य का ध्यान करो। यह तुम्हे प्राण ऊर्जा से भर देगा।
12- आजकल के बच्चे हो तो फ़िल्म जरूर देखते होंगे। अतः तीन फ़िल्म जरूर देखो, यह यूट्यूब पर फ्री उपलब्ध हैं :- 1 - अक्षय कुमार एवं परेश रावल फ़िल्म - *ओह माय गॉड* (इस फ़िल्म में यह समझो कि भगवान किसी न किसी रूप में मदद करता है, फिंर भी अपनी लड़ाई स्वयं लड़नी पड़ती है) , 2- राजकुमार हिरानी फ़िल्म - *थ्री इडियट* (इस फ़िल्म में यह सीखो कि रटने से बेहतर स्वयं को कॉन्सेप्ट समझने में लगाओ, एक्सलेंस पर ध्यान दो, सैलरी स्वयं पीछे आएगी) , 3 - साउथ इंडियन हिंदी डब फ़िल्म - *रिटर्न ऑफ़ अभिमन्यु*(इन्फॉर्मेशन इस पॉवर, वर्तमान दुनियाँ का खेल इन्फॉर्मेशन की एनालिसिस पर निर्भर है, थोड़ी चूक हुई लूट लिए जाओगे। यहां वही सफल है जो इन्फॉर्मेशन को एनालिसिस करके उपयोग कर सके ) जरूर देखो।
13- तुम शरीर नहीं हो और न ही यह यादाश्त और अनुभव युक्त मन हो। तुम एक आत्मा हो, जो महान ज्ञान के भंडार को जब चाहे तब प्राप्त कर सकती है।
14- तुम पढ़लिखकर इस संसार और अपनी मातृभूमि का उद्धार करने के लिए यह इंटरव्यू देकर जॉब करने जा रहे हो।
15- तुम नारकीय पेट-प्रजनन तक सीमित जीव नहीं हो। तुम एक श्रेष्ठ सशक्त आत्मा हो, स्वयं को पहचानो।
16- तुम स्वयं को सम्बन्धित विषय में योग्य बनाने में उद्यम करो, लक्ष्मी स्वतः तुम्हारे पीछे आयेंगी, उद्यमी पुरुषः बपुतः लक्ष्मी।
17- धन किरण है, जिसे योग्यता-पात्रता के सूर्य की रौशनी में पाया जा सकता है। अतः योग्यता-पात्रता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करो, सैलरी पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत नहीं, सैलरी योग्यता-पात्रता का बाई प्रोडक्ट है, स्वयं मिलेगा।
18- हार कर जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं, वही जीवन मे सफल है जिसने जीतने के बाद कैसे स्वयं को सम्हालना है यह सीख लिया, और कभी हार हुई तो कैसे स्वयं को सम्हालना है यह सीख लिया। दोनों ही परिस्थिति को हैंडल करने वाला बाज़ीगर ही इतिहास रचता है। बाकी तो उसके लिखे इतिहास को पढ़ते हैं।
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन
No comments:
Post a Comment