Tuesday, 4 June 2019

प्रश्न - *गायत्री मंन्त्र सिद्धि से क्या तात्पर्य है? मंन्त्र सिद्धि के लिए कैसे प्रयास करें? मंन्त्र सिद्धि के क्या लक्षण हैं? मंन्त्र सिद्धि के बाद जप के क्या लाभ हैं?*

प्रश्न - *गायत्री मंन्त्र सिद्धि से क्या तात्पर्य है? मंन्त्र सिद्धि के लिए कैसे प्रयास करें? मंन्त्र सिद्धि के क्या लक्षण हैं? मंन्त्र सिद्धि के बाद जप के क्या लाभ हैं?*

उत्तर - *गायत्री मंत्र* एक प्रकार का आध्यात्मिक वाद्य यंत्र है, जिसके सतत जप अभ्यास से प्राण ऊर्जा को बढ़ाया जा सकता है और ऊर्जा केंद्रों जगाया जा सकता है, इसके जप से मन पर नियंत्रण पाया जा सकता, सूक्ष्म जगत से सम्बन्ध स्थापित किया जा सकता है, सृजन एवं विध्वंस सबकुछ संभव है। उपचार भी संभव है और मारण प्रयोग भी संभव है। सबकुछ लौकिक, पारलौकिक जगत से प्राप्त करना संभव है।

👉🏼 योगसिद्धि और मंत्रसिद्धि के समान परिणाम है।

👉🏼 मंन्त्र के जितने अक्षर होते हैं उतने लाख संख्या का का जप मंन्त्र सिद्धि की प्रथम सीढ़ी है। गायत्री मंत्र में 24 अक्षर हैं, अतः कम से कम 24 लाख जप पर यह सिद्ध प्रभाव प्रकट करेगा। छोटे मोटे उद्देश्य की पूर्ति हेतु 24 हज़ार का जप भी लाभान्वित करेगा।

👉🏼 मंन्त्र जप के दौरान सात्विक आहार और शुद्ध निर्मल विचार होने चाहिए।

👉🏼 मंन्त्र सिद्धि की तीन बाधाएं जिन्हें क्रमशः ब्रह्मा, वशिष्ठ और विश्वामित्र का श्राप कहा जाता है, केवल स्वार्थियों के साधना मार्ग में आती हैं। ऐसे साधक जो गुरु से दीक्षा प्राप्त हैं और स्वयं, समाज और सृष्टि के कल्याण के लिए गायत्री मंत्र सिद्धि कर रहे हैं उन्हें इन बाधाओ का सामना नहीं करना पड़ता।

👉🏼 जिस प्रकार संगीत वादक को अपने वाद्य यंत्र पर नित्य अभ्यास से कुशलता मिलती है और मनचाही स्वरलहरियों को निकाल सकता है। उसी तरह मंन्त्र रूपी आध्यात्मिक वाद्य यंत्र का भी नित्य जप और अभ्यास अनिवार्य है।

👉🏼 वाद्य यंत्र में संगीत ध्वनियों को निकालने के लिए राग पर ध्यान केंद्रित करना होता है। ठीक इसी तरह मंन्त्र से शक्तिधाराओं को प्रवाहित करने के लिए उस शक्ति का ध्यान अनिवार्य है।

*मन्त्र सिद्धि में चार तथ्य सम्मिलित रूप से काम करते हैं* -
(1) ध्वनि विज्ञान के आधार पर विनिर्मित शब्द शृंखला का चयन और उसका विधिवत् उच्चारण
 (2) साधक की संयम द्वार, निग्रहित प्राण शक्ति और मानसिक एकाग्रता का संयुक्त समावेश
(3) उपासना प्रयोग में प्रयुक्त होने वाले पदार्थ उपकरणों की भौतिक किन्तु सूक्ष्म शक्ति
(4) भावना प्रवाह, श्रद्धा, विश्वास एवं उच्चस्तरीय लक्ष्य दृष्टिकोण। इन चारों का जहाँ जितने अंश में समावेश होगा वहाँ उतने ही अनुपात से मन्त्र शक्ति का प्रतिफल एवं चमत्कार दिखाई पड़ेगा। इन तथ्यों की जहाँ उपेक्षा की जा रही होगी और ऐसे ही अन्धाधुन्ध गाड़ी धकेली जा रही होगी- जल्दी -पल्दी वरदान पाने की धक लग रही होगी वहाँ निराशा एवं असफलता ही हाथ लगेगी।

मन्त्र विज्ञान भी अन्यान्य विज्ञानों की तरह ही एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया है, जिसे धैर्य एवं सावधानी के साथ अपनाना पड़ता है। उसके हर अंग उपाँग को यथास्थान नियोजित करना पड़ता है। घड़ी का हर कलपुर्जा अपने स्थान पर सही रूप से फिट हो तभी वह ठीक तरह चलती और समय बताती है। इसी प्रकार मन्त्र विज्ञान के उपरोक्त तीनों आधार यदि सतर्कता पूर्वक व्यवस्थित किये जा सकें तो कोई कारण नहीं कि अभीष्ट परिणाम प्राप्त न किया जा सके। मन्त्र विद्या निष्फल एवं उपहासास्पद इसीलिए बनती जाती है कि कुपात्र, उतावले और अवैज्ञानिक दृष्टि वाले लोग साधना की विडम्बना रचते हैं और हथेली पर सरसों न जमे तो तरह - तरह के लाँछन लगाते हैं।

*मंन्त्र सिद्धि के लक्षण*

1- मंन्त्र सिद्ध साधक की प्राण ऊर्जा बढ़ने के कारण चेहरा शांत और कान्तियुक्त तेज लिए होता है।

2- मंन्त्र सिद्ध साधक के सान्निध्य में 15 मिनट बैठने पर असीम शांति मिलती है।

3- मंन्त्र सिद्ध साधक उत्साह, उमंग, उल्लास से भरा होता है।

4- किसी बच्चे या बड़े को नज़र वग़ैरह लगने पर मंन्त्र सिद्ध साधक यदि यज्ञ भष्म को 3 बार गायत्री मंत्र से अभिमंत्रित करके लगा देने पर नजर का प्रभाव तत्काल समाप्त हो जाएगा।

5- मंन्त्र सिद्ध साधक द्वारा किसी भी मनोरथ की पूर्ति के लिए की गई साधना का फल अवश्य मिलता है।

मंन्त्र सिद्ध साधक यदि सिद्धि का दुरुपयोग करता है, तो सिद्धि का क्षय हो जाएगा। लेकिन यदि मंन्त्र सिद्ध साधक उस शक्ति से युगपिड़ा पतन निवारण का कार्य करेगा तो सिद्धि की पावर बढ़ती जाएगी।

यदि शिष्य समर्पित होकर गुरु चेतना से जुड़ जाए और शिष्य के अंदर *करिष्ये वचनम तव* का भाव उभर जाए तो ऐसे शिष्य की मंन्त्र सिद्धि तत्काल गुरूकृपा से हो जाती है।

आप मंन्त्र सिद्धि का यह अखण्डज्योति आर्टिकल भी पढ़ें

http://literature.awgp.org/akhandjyoti/1975/March/v2.9

और आदरणीय चिन्मय पंड्या जी का यह यूट्यूब वीडियो लिंक मंन्त्र के ज्ञान विज्ञान का देखिए:-

https://youtu.be/saalKt6EPZw

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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