Sunday, 16 June 2019

प्रश्न - *दी, मीनोपॉज(menopause) का समय चल रहा है, दिन भर घबराहट होती है, खाना अच्छा नहीं लगता औऱ दिमाग़ गर्म रहता है, थोड़ी थोड़ी बात पर गुस्सा आता है? स्वयं पर नियंत्रण कैसे करूँ, स्वयं को इस स्थिति में कैसे सम्हालूँ?

प्रश्न - *दी, मीनोपॉज(menopause) का समय चल रहा है, दिन भर घबराहट होती है, खाना अच्छा नहीं लगता औऱ दिमाग़ गर्म रहता है, थोड़ी थोड़ी बात पर गुस्सा आता है?  स्वयं पर नियंत्रण कैसे करूँ, स्वयं को इस स्थिति में कैसे सम्हालूँ? मार्गदर्शन करें!*

उत्तर - आत्मीय बहन,
हालाँकि मीनोपॉज (menopause in hindi) एक कुदरती प्रक्रिया है, कोई रोग नहीं, लेकिन कई महिलाओं के शरीर में हो रहें बदलाव उनके रोज़-मर्रा की ज़िन्दगी में समस्याएं खड़ी कर सकते हैं|

एक उम्र के बाद, ovaries में ovulation, यानि की अंडे का उत्पादन, बंद हो जाता है| इस कारण से शरीर में एस्ट्रोजन की कमी होती है और कई लक्षण (menopause symptoms) महसूस होते हैं जैसे की –

👉🏼अनियमित ढंग से periods का होना
👉🏼अचानक से तेज गर्मी लगना (hot flushes)
नींद में समस्या आना
👉🏼वज़न का बढ़ना
👉🏼बालों का झड़ना
👉🏼योनि का सूखापन (vaginal dryness)
👉🏼मनो-दशा में बदलाव (mood swings)
👉🏼त्वचा में परिवर्तन जैसे रूखी त्वचा

हालाँकि मीनोपॉज का diagnosis माहवारी के 12 महीनें न होने पर ही किया जाता है, लेकिन आप ultrasound और ब्लड टेस्ट करवा कर भी मीनोपॉज प्रमाणित कर सकतें हैं|

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने इस बारे में कहा कि पेरीमीनोपॉज के लक्षण हर किसी में अलग होते हैं, जिनमें अनियिमित अत्यधिक रक्तस्राव, अनिद्रा, रात को पसीना आना, खराब पीएमएस, माइग्रेन, वेजीनल ड्राइनेस और पेट का मोटापा बढ़ना आदि समस्याएं होती हैं. इसके अलावा महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य में भी बदलाव आते हैं."

उन्होंने कहा कि हार्मोन में बदलाव से बेचैनी, अवसाद, चिड़चिड़ापन और तेजी से मूड बदलने जैसे लक्षण हो सकते हैं. कई महिलाओं को सीने में दर्द या धुड़की लगना आदि समस्याएं होती हैं. ऐसा लगातार होने पर डॉक्टर से राय लेना आवश्यक होता है."

डॉ. अग्रवाल कहते हैं, "सेहतमंद खानपान और अच्छी नींद इसका सबसे बेहतर हल है. गंभीर मामलों में गोली, स्किन पैच, जैल या क्रीम के रूप में एस्ट्रोजिन थैरेपी से इलाज किया जाता है. आम तौर पर पेरीमेनोपॉजल और मेनूपॉजल हॉट फ्लैशेस और रात को आने वाले पसीने के इलाज के लिए इनका प्रयोग किया जाता है. उचित तरीके से हड्डियों के नुकसान को रोकने में एस्ट्रोजन मदद करता है."

उन्होंने बताया कि योग और सांस की क्रियाएं कम खतरे वाले इलाज हैं, जो इन स्थितियों में तनाव घटाते हैं और इस बीमारी को रोकने में मदद करते हैं. इन स्थितियों में हर्बल और डाईट्री सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए."

इन बातों पर करें गौर  और  अपनाएं:

👉🏼 *प्राणाकर्षण औऱ नाड़ीशोधन प्राणायाम अवश्य करें*

👉🏼 *पूर्णिमा के चांद का ध्यान करते हुए गायत्री मंत्र का जप करें, चन्द्र गायत्री मंत्र की एक माला नित्य पूजन में सम्मिलित कर लें ।*

👉🏼 *रोज नादयोग अवश्य सुने शीतल चन्द्रमा की किरणों से स्वयं को स्नान करते हुए महसूस करें।हार्मोन असंतुलन में यह अवसाद से राहत देने में मददगार होगा*

👉🏼 *हर रोज 10 मिनट प्राणायाम और 20 मिनट तक व्यायाम करें. हार्मोन असंतुलन में यह अवसाद से राहत देने में मददगार होगा*

👉🏼 *20 मिनट अच्छी पुस्तको का स्वाध्याय करें*

👉🏼 *अगर धूम्रपान करते हैं तो छोड़ दें, क्योंकि इससे रक्तचाप बढ़ता है और दिल की समस्याओं को प्रोत्साहित करता है*

👉🏼 *हर रोज अच्छी नींद लें, योगनिद्रा का अभ्यास करें*

👉🏼 *संतुलित वजन बनाए रखें*

👉🏼 *आहार में कैल्शियम की उचित मात्रा लें. केला, पालक और नट्स काफी अच्छे विकल्प हैं, नित्य दूध अवश्य पियें*

👉🏼 *कोई भी सप्लीमेंट या मल्टीविटामिन लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें*

👉🏼 मीनोपॉज में कभी भी अनजाने रिसाव हो जाता है, यदि मान लो पूजा के वक्त ध्यान में खोए हो और उठे तो ज्ञात होने पर पाप का बोध करने की आवश्यकता नहीं। ज्ञात होने पर नियम का पालन कर लें।

👉🏼 जब जब छोटी छोटी बातों पर गुस्सा आये तो यदि बैठ सकें तो चेयर पर बैठ जाएं। या नहीं बैठने की सुविधा है तो खड़े खड़े पैरों में अंतर कर लें। गहरी श्वांस लें औऱ स्वयं से बात करके स्वयं को बताएं कि सामने वाला आपकी मनःस्थिति से अंजान है। आपको अपना नियंत्रण नहीं खोना है। इस परिस्थिति को विवेक पूर्वक हैंडल करना है।

👉🏼 थोड़ी किशमिश साथ रखें जब भी घबराहट हो गहरी श्वांस ले और किशमिश को धीरे धीरे खायें।

🙏🏻 परिवार के अन्य सदस्यों को इस समय स्त्री का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस समय  बदलते हार्मोन्स और बदलती शारीरिक स्थिति  उस स्त्री उग्र, अशांत और व्यग्र कर देती है, जिसके  कारण चिड़चिड़ापन  होता है,  इस कारण स्वयं को सम्हालने में कभी कभी असमर्थ हो जाती है। अतः धैर्य के साथ स्त्री को सम्हाले।  स्त्री अपने पति के सहयोग से ही इस अवस्था में सम्हलना सम्भव हो पाता है।🙏🏻

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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