Monday, 24 June 2019

प्रश्न - *हड्डी जल्दी से जुड़े, इसके लिए कोई special हवन सामग्री बनी है क्या?*

प्रश्न - *हड्डी जल्दी से जुड़े, इसके लिए कोई special हवन सामग्री बनी है क्या?*

उत्तर - हड्डियों को जोड़ने में वही औषधियों की हवन सामग्री उपयोगी व सहायक है जो जोड़ो के दर्द में विशिष्ट सामग्री सहायक होती है।  इसमें वो समस्त औषधियाँ है जो हड्डी को जोड़ने, मज़बूत बनाने और स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं।

हड्डियों की मजबूती, स्वास्थ्य के लिए विशिष्ट हवन सामग्री के लिए 📖  यज्ञ चिकित्सा पेज नम्बर 120 और 130 देखें।

👉🏼 *जब तक प्लास्टर न उतरे तब तक नित्य निम्नलिखित खाने से भी लाभ मिलेगा:-*

1- लहसन देशी को अत्यंत बारीक काट के गर्म गुनगुने पानी से सुबह एक बार दवा की तरह ले लें।

2- हमारे शरीर को 1% कैल्शियम की जरूरत होती है, शरीर के दैनिक कार्य हेतु। यदि यह आपूर्ति आप बाहर कैल्शियम युक्त भोजन से नहीं करेंगे, तो शरीर आपकी हड्डियों से वो कैल्शियम लेता जाएगा। कैल्शियम की कमी  से हड्डियां कमजोर बनेगी। दुनियाँ में जितनी भी कैल्शियम की दवाई है उसके मूल में चूना ही होता है। पान की दुकान से चूना ले आइये। सरसों के दो दाने बराबर (अत्यंत थोड़ा) नित्य गर्म पानी मे मिलाकर या दाल के पानी मे मिलाकर पीने को दीजिये। टूटी हड्डियों को जोड़ने और उन्हें पुनः स्वास्थ्य प्रदान करने और दर्द मिटाने में सहायक है।

👉🏼 *निम्नलिखित ध्यान व प्राणायाम हड्डी जल्दी जोड़ने और उस स्थान में प्राण संचार करने में सहायक है।*

1-  प्राणाकर्षण एवं नाड़ी शोधन प्राणायाम नित्य करें;*(कम से कम 10 से 20 बार)

2- शरीर के रोगों की जड़ पेट और मन मे होती है, अतः दोनों को साफ़ रखें। पेट के लिए सन्तुलित आहार लें, और मन के लिए सन्तुलित विचार(स्वाध्याय) द्वारा लें। नित्य स्वाध्याय अवश्य करें। रात को सोने से पूर्व गुनगुना पानी पीकर और अच्छे विचार स्वाध्याय द्वारा पढ़कर सोएं। सुबह पेट और मन दोनों हल्का रहेगा। पेट में कब्ज ज्यादा हो तो त्रिफला वटी या लघु हरीतकी वटी दो गोली रात को लेकर सोएं।

3- ध्यान मन चित्रों की कल्पना के सहारे करता है। प्राणिक हीलिंग, रेकी व समस्त प्राण ऊर्जा के उपचार का आधार विचार और एकाग्रचित्त कल्पनाएं ही हैं। विचार और कल्पना तत्सम्बन्धी भावनाएं/इमोशन निर्मित करेंगे। इन इमोशन के कारण तत्सम्बन्धी हार्मोन्स का स्त्राव होगा। हार्मोन्स के स्राव से प्राण ऊर्जा निकलेगी और स्वास्थ्य ठीक करने में मदद मिलेगी।  जो पिंड में है वही ब्रह्माण्ड में है। ऊर्जा का स्रोत आपके भीतर ही है , ध्यान में आप इसी श्रोत से जुड़ते है।

ध्यान में बैठिए, और नेत्र बन्द करके ध्यान कीजिये कि नीले ब्रह्मांडीय आकाश में गुरूदेव प्रकट हुये, और उन्होंने ब्रह्माण्ड से तीव्र नीली रौशनी जिस जगह चोट लगी है उस जगह प्रेषित की। जिससे चोटिल भाग नीले नीले प्रकाश से भर गया। यह प्राण ऊर्जा तुम्हारी चोट ठीक कर रही है, हाथ को स्वास्थ्य प्रदान कर रही है। हाथ स्वस्थ हो रहा है।

4- दिन में कम से कम 324 बार अर्थात 3 माला गायत्री मंन्त्र की हाथ के स्वास्थ्य के लिए जरूर जपें।

5- खुशियां बांटने से बढ़ती है, ख़ुशी की लहर जहां हो तो वहां दर्द की लहर नहीं टिकती।

6- स्वयं के साथ एकांत में एक घण्टे बिताएं, बिना फ़ोन और टीवी के, स्वयं के भीतर जगत को समझने की कोशिश करें। युगऋषि कहते हैं कि अंतर्जगत की ऊर्जा से जुड़ने के बाद पके नारियल की तरह शरीर में रहते हुए भी योगियों की तरह आत्मचेतना में स्थित रहना सम्भव होगा।

7- तपस्वियों और योगियों को कभी कभी अनायास विशेष दर्द और दुर्घटना का सामना करना पड़ता है। यह कुछ विशेष शिक्षण देने के लिए आता है और बड़ी दुर्घटना जो प्रारब्ध में लिखी थी वो छोटे से घटनाक्रम में क़ट जाती है।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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