Friday 19 July 2019

प्रश्न - *दी, समय के प्रबंधन की आवश्यकता क्यों है?*

प्रश्न - *दी, समय के प्रबंधन की आवश्यकता क्यों है?*

उत्तर - आत्मीय भाई, प्रबन्धन अर्थात मैनेजमेंट की प्रत्येक क्षेत्र में आवश्यकता है। सबसे ज्यादा आवश्यकता समय प्रबन्धन की है।

यदि आपको कोई कहे कि रोज आपके अकाउंट में 86400 रुपये डाले जाएंगे जो पूरे एक दिन के लिए होंगे। शर्त यह है कि यदि आपने इसका सही उपयोग नहीं किया तो यह रात को 12 बजे पुनः 0 हो जाएंगे। तो आप कितना दिमाग़ लगा के उसे ख़र्च करोगे?

अफ़सोस यह है कि आपके धन प्रबन्धन के लिए बैंकों और फाइनेंस की कम्पनियां सलाह प्रदान करती हैं। लेकिन धन से महत्त्वपूर्ण समय के प्रबंधन के लिए कोई आधिकारिक एजेंसी उपलब्ध नहीं।

यह समय रूपी धन वास्तव में 86400 सेकण्ड है, जो प्रत्येक दिन आपके समय अकाउंट में क्रेडिट हो जाते हैं। (24 घण्टे×60 मिनटx 60 सेकण्ड)

आपने इसे जहाँ खर्च किया वह वस्तु आपको मिल जाएगी। यदि ईश्वर आराधना में समय ख़र्च किया ईश्वर की कृपा मिल जाएगी। पढ़ाई में खर्च किया विद्या मिल जाएगी। खेलकूद के अभ्यास में खर्च किया वहां सम्बन्धित कुशलता मिल जाएगी। किचन में समय खर्च किया तो भोजन मिल जाएगा। खेत किसानी में खर्च किया तो फसल मिलेगी। जॉब व व्यवसाय में खर्च किया तो वहां सफ़लता मिलेगी।

आलस्य में खर्च किया तो आलसी बन जाओगे, टीवी के समक्ष सीरियल व फ़िल्म देखने मे खर्च किया तो एंटरटेनमेंट पाओगे। निठल्ले पन और गपशप में खर्च किया तो चुगली चपाटी में एक्सपर्ट बन जाओगे।

समय धन है, जो चाहो वो पा लो। पैसे से जहर से मृत्यु भी खरीद सकते हो और दवा से जीवन भी खरीद सकते हो। इसी तरह सही जगह समय खर्च करके सफ़लता भी खरीद सकते हो और गलत जगह समय खर्च करके असफलता भी खरीद सकते हो। यह तो आपके निर्णय पर निर्भर करता है। आप कर्म करने में स्वतन्त्र हैं।

पास होने के लिए पढ़ाई के टाइमटेबल की आवश्यकता है, फेल होने के लिए कुछ भी पढ़ने की जरूरत नहीं। असफ़ल होने के लिए कुछ भी करने या पढ़ने की जरूरत नहीं है।

अतः सफल होने के लिए निम्नलिखित समय प्रबन्धन के सूत्र अपनाइए, युगऋषि की लिखी पुस्तक - *समय का सदुपयोग* पढ़िये।

1- Do & Don't list - क्या करना है व क्या नहीं करना है। यह पहले क्लियर कर लीजिये। बिना इसके समय प्रबन्धन का कोई महत्त्व नहीं।

2- Todo list - सुबह उठकर या एक रात पहले ही नित्य की क्या करना है आज के दिन की लिस्ट *आत्मबोध* के वक्त बना लीजिए। उस लिस्ट के अनुसार दिनचर्या बनाइये। रात को सोते वक्त *तत्त्वबोध* के समय todo list आज की पूरी हुई या नहीं जांच ले।

3- एक दिन के समय को 4 मुख्य भागों में विभाजित करें:-

👉🏼 1. *महत्वपूर्ण और तत्काल (Important & Urgent)*-  तत्काल और महत्वपूर्ण गतिविधियों के दो अलग-अलग प्रकार हैं: वे जिन्हें आप आगे नहीं बढ़ा सकते थे, और अन्य जो आपने अंतिम मिनट तक छोड़ दिए हैं। आगे की योजना बनाकर और विलंब से बचकर आप अंतिम समय की गतिविधियों को समाप्त कर सकते हैं। हालाँकि, आप हमेशा कुछ मुद्दों और संकटों की भविष्यवाणी या उससे बच नहीं सकते। यहां, अप्रत्याशित मुद्दों और अनियोजित महत्वपूर्ण गतिविधियों को संभालने के लिए अपनी अनुसूची में कुछ समय छोड़ने के लिए सबसे अच्छा तरीका है। (यदि कोई बड़ा संकट उत्पन्न होता है, तो आपको अन्य कार्यों को फिर से करने की आवश्यकता होगी।) यदि आपके पास बहुत सी जरूरी और महत्वपूर्ण गतिविधियां हैं, तो पहचानें कि इनमें से कौन आपको पूर्वाभास करा सकता है, और इस बारे में सोचें कि आप समय से पहले इसी तरह की गतिविधियों को कैसे शेड्यूल कर सकते हैं, ताकि वे तत्काल न बनें।

👉🏼 2. *महत्वपूर्ण लेकिन तत्काल नहीं(Important but not urgent)* - ये ऐसी गतिविधियाँ हैं जो आपके व्यक्तिगत और व्यावसायिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करती हैं, और महत्वपूर्ण काम पूरा करती हैं। सुनिश्चित करें कि आपके पास इन चीजों को ठीक से करने के लिए पर्याप्त समय है, ताकि वे जरूरी न हो जाएं। इसके अलावा, अप्रत्याशित समस्याओं से निपटने के लिए अपने शेड्यूल में पर्याप्त समय छोड़ना याद रखें। यह ट्रैक पर रखने के आपके अवसरों को अधिकतम करेगा, और आपको काम के तनाव को आवश्यकता से अधिक जरूरी होने से बचाने में मदद करेगा।

👉🏼3. *महत्वपूर्ण नहीं बल्कि तत्काल(Not Important but Urgent)* - तत्काल लेकिन महत्वपूर्ण कार्य ऐसी चीजें हैं जो आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने से रोकती हैं। अपने आप से पूछें कि क्या आप उन्हें पुनर्निर्धारित कर सकते हैं या उन्हें सौंप सकते हैं। इस तरह की गतिविधियों का एक सामान्य स्रोत अन्य लोग हैं। कभी-कभी लोगों को विनम्रता से "ना" कहना उचित होता है, या स्वयं समस्या को हल करने के लिए प्रोत्साहित करना।

वैकल्पिक रूप से, जब आप उपलब्ध हों तो टाइम स्लॉट्स का प्रयास करें, ताकि लोगों को पता हो कि वे तब आपके साथ बोल सकते हैं। ऐसा करने का एक अच्छा तरीका उन लोगों के साथ नियमित बैठकों की व्यवस्था करना है जो आपको अक्सर बाधित करते हैं, ताकि आप एक ही बार में उनके सभी मुद्दों से निपट सकें। तब आप अपनी महत्वपूर्ण गतिविधियों पर अधिक समय तक ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।

👉🏼4. *महत्वपूर्ण नहीं और तत्काल नहीं (Not Important and also not urgent)* ये गतिविधियां सिर्फ एक व्याकुलता हैं - यदि संभव हो तो उनसे बचें। आप बस उनमें से कई को अनदेखा या रद्द कर सकते हैं। हालांकि, कुछ ऐसी गतिविधियां हो सकती हैं, जो अन्य लोग चाहते हैं कि आप करें, भले ही वे आपके स्वयं के वांछित परिणामों में योगदान न करें। फिर से, "नहीं" विनम्रता से कहें, यदि आप कर सकते हैं, और समझाएं कि आप ऐसा क्यों नहीं कर सकते। यदि लोग देखते हैं कि आप अपने उद्देश्यों और सीमाओं के बारे में स्पष्ट हैं, तो वे अक्सर आपसे भविष्य में "महत्वपूर्ण नहीं" गतिविधियाँ करने के लिए कहने से बचेंगे।

🙏🏻 *जितने भी महापुरुष हुए हैं, उनमें एक ही बात कॉमन है कि, उन्होंने जीवन लक्ष्य प्राप्ति में समय के प्रत्येक पल को नियोजित किया है। युगऋषि परमपूज्य गुरूदेव ने 3200 से अधिक क्रांतिकारी साहित्य/पुस्तकों के लेखन को सम्भव समय प्रबन्धन से ही बनाया है।*🙏🏻

आइंस्टीन हो या न्यूटन या पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम इत्यादि इनकी वैज्ञानिक खोज़ की सफ़लता का आधार धैर्य पूर्वक केंद्रित होकर एक लक्ष्य पर समय का सही नियोजन ही है।

समय को साध लो तो जीवन स्वतः सध जाएगा।

समय ही धन है, जो पल खर्च हो जाएगा वो पुनः जीवन मे कभी लौटकर नहीं आएगा।

जो समय को नष्ट करते हैं समय उन्हें नष्ट कर देता है। जो समय को सावधानी पूर्वक जतन करके खर्च करते हैं समय उन्हें महान बना देगा।

*सर आइजनहावर का अर्जेंट / महत्वपूर्ण सिद्धांत* आपको उन गतिविधियों की शीघ्रता से पहचान करने में मदद करता है जिन पर आपको ध्यान केंद्रित करना चाहिए, साथ ही साथ जिन लोगों को आपको अनदेखा करना चाहिए।

जब आप अपने समय को प्राथमिकता देने के लिए इस उपकरण का उपयोग करते हैं, तो आप वास्तव में जरूरी मुद्दों से निपट सकते हैं, उसी समय जब आप महत्वपूर्ण, दीर्घकालिक लक्ष्यों की ओर काम करते हैं।

टूल का उपयोग करने के लिए, अपने सभी कार्यों और गतिविधियों को सूचीबद्ध करें, और प्रत्येक को निम्नलिखित श्रेणियों में से एक में रखें:

👉🏼महत्वपूर्ण/जरूरी और जरूरी(Important & Urgent)।
👉🏼जरूरी लेकिन तत्काल नहीं (Important but not urgent)।
👉🏼जरूरी नहीं लेकिन तत्काल ( Not Important but Urgent)
👉🏼जरूरी नहीं और तत्काल नहीं(Not Import & Not Urgent)

फिर कार्यों और गतिविधियों को उनके महत्व और तात्कालिकता के आधार पर निर्धारित करें।
👇🏻👇🏻👇🏻
🌸 सफल व्यक्ति की सफलता का राज जानने के लिए देखिए कि वो सबसे ज्यादा समय कहाँ खर्च कर रहा है।
🐷 असफ़ल व्यक्ति की असफलता का कारण जानने के लिए भी देखिए कि वो सबसे ज्यादा समय अपना कहाँ खर्च कर रहा है।
😇 यदि कोई आपको गिफ्ट दे रहा है तो वो आपको प्रेम करता है या नहीं इसकी गारंटी नहीं। लेकिन कोई यदि आपके साथ समय व्यतीत कर रहा है तो आपसे 100% प्रेम करता है।
🎊 हम केवल वहीं समय नियोजित करते हैं जिस कार्य से या व्यक्ति से हम प्रेम करते हैं। यही कार्य व रिश्तों में सफलता का आधार है।
🤔 यदि आपके पास ईश्वर के पास उपासना में बैठने का वक्त नहीं है। तो आप ईश्वर से प्रेम नहीं करते, जब प्रेम ही नहीं तो ईश्वर की कृपा आप पर बरसेगी भी नहीं। अतः ईश्वर से प्रेम करने के लिए उपासना के लिए वक्त निकालिए।
🎯 लक्ष्य की पूर्ति के लिए लक्ष्य प्राप्ति में सहायक कार्यो को करने में ज्यादा वक्त खर्च कीजिये।
👨‍👩‍👦‍👦 परिवार के साथ वक्त व्यतीत कीजिये अन्यथा रिश्ते मजबूत नहीं होंगे।

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

(हम सब गुरूदेव के अंग अवयव व परिवार के सदस्य है। मोबाइल में लिमिट है। हम सभी ग्रुप के सदस्य नहीं बन सकते, लेक़िन आपके सहयोग से सभी ग्रुप तक  विचारक्रांति यह पोस्ट जरूर पहुँच सकती है। घर मे भोजन कोई बनाता है और परोसता कोई और है। यही कार्य्रकम यहां भी अपनाए और पोस्ट को फ़ारवर्ड व शेयर करना न भूलें)

No comments:

Post a Comment

प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद्यमहे’, ' धीमही’ और 'प्रचोदयात्’ का क्या अर्थ है?

 प्रश्न - रुद्र गायत्री मंत्र में *वक्राय* (vakraya) उच्चारण सही है या *वक्त्राय* (vaktraya) ?किसी भी देवताओं के गायत्री मंत्र में ' विद...