प्रश्न- *क्रांतिधर्मी साहित्य की पुस्तकों का नाम बताइये।*
उत्तर- युगऋषि कहते हैं कि
*बेटे, ये २० किताबें सौ बार पढ़ना और कम से कम १०० लोगों को पढ़ाना और वो भी सौ लोगों को पढ़ाएँ। हम लिखें तो असर न हो, ऐसा न होगा।*’’.....
‘‘आज तक हमने सूप पिलाया, अब क्रान्तिधर्मी के रूप में भोजन करो।’’.....
‘‘ *प्रत्येक कार्यकर्ता को नियमित रूप से इसे पढ़ना और जीवन में उतारना युग-निर्माण के लिए जरूरी है। तभी अगले चरण में वे प्रवेश कर सकेंगे*। ’’.....
क्रान्तिधर्मी साहित्य की पुस्तको के नाम—
1. इक्कीसवीं सदी बनाम उज्ज्वल भविष्य-भाग १
2. इक्कीसवीं सदी बनाम उज्ज्वल भविष्य-भाग २
3. युग की माँग प्रतिभा परिष्कार-भाग १
4. युग की माँग प्रतिभा परिष्कार-भाग २
5. सतयुग की वापसी
6. परिवर्तन के महान क्षण
7. जीवन साधना के स्वर्णिम सूत्र
8. महाकाल का प्रतिभाओं को आमंत्रण
9. प्रज्ञावतार की विस्तार प्रक्रिया
10. नवसृजन के निमित्त महाकाल की तैयारी
11. समस्याएँ आज की समाधान कल के
12. मन: स्थिति बदले तो परिस्थिति बदले
13. स्रष्टा का परम प्रसाद-प्रखर प्रज्ञा
14. आद्य शक्ति गायत्री की समर्थ साधना
15. शिक्षा ही नहीं विद्या भी
16. संजीवनी विद्या का विस्तार 17. भाव संवेदनाओं की गंगोत्री
18. महिला जागृति अभियान 19. जीवन देवता की साधना-आराधना
20. समयदान ही युग धर्म
21. नवयुग का मत्स्यावतार
22. इक्कीसवीं सदी का गंगावतरण
23. प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
24. व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
इन पुस्तकों को पढ़कर *युगनिर्माण की पृष्ठभूमि, हमें करना क्या है, जीवन ऊंचा कैसे उठेगा। यह सब समझ आ जायेगा।*
🙏🏻श्वेता, दिया
उत्तर- युगऋषि कहते हैं कि
*बेटे, ये २० किताबें सौ बार पढ़ना और कम से कम १०० लोगों को पढ़ाना और वो भी सौ लोगों को पढ़ाएँ। हम लिखें तो असर न हो, ऐसा न होगा।*’’.....
‘‘आज तक हमने सूप पिलाया, अब क्रान्तिधर्मी के रूप में भोजन करो।’’.....
‘‘ *प्रत्येक कार्यकर्ता को नियमित रूप से इसे पढ़ना और जीवन में उतारना युग-निर्माण के लिए जरूरी है। तभी अगले चरण में वे प्रवेश कर सकेंगे*। ’’.....
क्रान्तिधर्मी साहित्य की पुस्तको के नाम—
1. इक्कीसवीं सदी बनाम उज्ज्वल भविष्य-भाग १
2. इक्कीसवीं सदी बनाम उज्ज्वल भविष्य-भाग २
3. युग की माँग प्रतिभा परिष्कार-भाग १
4. युग की माँग प्रतिभा परिष्कार-भाग २
5. सतयुग की वापसी
6. परिवर्तन के महान क्षण
7. जीवन साधना के स्वर्णिम सूत्र
8. महाकाल का प्रतिभाओं को आमंत्रण
9. प्रज्ञावतार की विस्तार प्रक्रिया
10. नवसृजन के निमित्त महाकाल की तैयारी
11. समस्याएँ आज की समाधान कल के
12. मन: स्थिति बदले तो परिस्थिति बदले
13. स्रष्टा का परम प्रसाद-प्रखर प्रज्ञा
14. आद्य शक्ति गायत्री की समर्थ साधना
15. शिक्षा ही नहीं विद्या भी
16. संजीवनी विद्या का विस्तार 17. भाव संवेदनाओं की गंगोत्री
18. महिला जागृति अभियान 19. जीवन देवता की साधना-आराधना
20. समयदान ही युग धर्म
21. नवयुग का मत्स्यावतार
22. इक्कीसवीं सदी का गंगावतरण
23. प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
24. व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
इन पुस्तकों को पढ़कर *युगनिर्माण की पृष्ठभूमि, हमें करना क्या है, जीवन ऊंचा कैसे उठेगा। यह सब समझ आ जायेगा।*
🙏🏻श्वेता, दिया
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