Thursday 25 July 2019

प्रश्न - *क्या उपासना(गायत्री जप एवं ध्यान), यज्ञ, विविध तप, स्वाध्याय करने से अकाल मृत्यु, बीमारियों से बचाव होगा, कभी कोई जीवन में परेशानी नहीं होगी। ऐसी कोई गारण्टी संभव है?*

प्रश्न - *क्या उपासना(गायत्री जप एवं ध्यान), यज्ञ, विविध तप, स्वाध्याय करने से अकाल मृत्यु, बीमारियों से बचाव होगा, कभी कोई जीवन में परेशानी नहीं होगी। ऐसी कोई गारण्टी संभव है?*

उत्तर - आत्मीय बेटी,

जिस प्रकार कुशल गाड़ी चालक बनने पर इस बात की कोई गारण्टी नहीं दी जा सकती कि रास्ते में गढ्ढे नहीं मिलेंगे, और एक्सीडेंट जीवन मे कभी नहीं होगा,
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जिस प्रकार कुशल डॉक्टर बनने पर यह गारण्टी नहीं दी जा सकती कि कभी स्वयं को या परिवार को रोग नहीं होगा और कोई बीमारी से नहीं मरेगा,
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ठीक इसी प्रकार ऊपरोक्त उपासना-साधना-आराधना करने वाले व्यक्ति के जीवन मे अकाल मृत्यु, दुर्घटना या बीमारी नहीं होगी इसकी कोई गारंटी नहीं दी जा सकती।
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तो प्रश्न यह उठता है कि🤔 *उपासना(गायत्री जप एवं ध्यान), यज्ञ, विविध तप, स्वाध्याय करने से क्या फिंर कोई लाभ है भी या नहीं?*
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जिस प्रकार कुशल वाहन चालक अधिकतर एक्सीडेंट से कुशलता पूर्वक बच जाता है, गड्ढों से गाड़ी निकाल लेता है। सफ़र का आनन्द ले सकता है।
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जिस प्रकार कुशल डॉक्टर अधिकतर बीमारियों से स्वयं और परिवार को बचा सकता है, घरवालों को स्वस्थ रखने का प्रयास कर सकता है।
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ठीक इसी प्रकार उपासना(गायत्री जप एवं ध्यान), यज्ञ, विविध तप, स्वाध्याय करने से अधिकतर समस्याओं का समाधान, अधिकतर दुर्घटनाओं से बचाव, अधिकतर बीमारियों से बचाव सम्भव है। स्वयं एवं परिवार वालो का शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य पाया जा सकता है।  मन मे उत्साह एवं उमंग बना रहेगा, कार्य की कुशलता बढ़ेगी, अधिकतर समय हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी। जीवन जीने की कला में अध्यात्म कुशल बनाएगा। जीवन के सफर का आनन्द ले सकेंगे। वस्तुतः अध्यात्म के अभ्यास से तुम जिंदगी का कुशल ड्राइवर बनोगी और आध्यात्मिक उपचार में माहिर बनोगी।
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अपवाद सर्वत्र है, इसलिए कोई वाहन चलाना या चिकित्सक बनना नहीं छोड़ता। जो कर सकता है वैसे करता है। वैसे ही आध्यात्मिक बनने के कई प्रत्यक्ष और कई अप्रत्यक्ष लाभ मिलेंगे। अनुभूति होगी। अतः आओ जीवन की कुशल ड्राइवर बनो, अभी तुम्हारे जीवन की गाड़ी का ड्राइवर चंचल मन है जो तुम्हारे जीवन के सफर के आनन्द में बाधा पहुंचा रहा है। आओ आध्यात्मिक उपचार सीखो स्वयं के मन के उपचार के साथ साथ लोगो के मानसिक उपचार में उनकी मदद करो।

पहले कुछ वर्ष जीवन की गाड़ी बताई गई विधि से आध्यात्मिक कुशलता से चलाकर देखो, यदि लाभ न हो तो पुनः आकर हमसे मिलो। और पूरे विश्वास से आकर मुझे चैलेंज भरी सभा मे करो कि मैंने आपकी बताई विधि से तीन वर्ष आध्यात्मिक जीवन जिया लेकिन मुझे जीवन मे आनन्द नहीं मिला? अभी जिस पथ का ज्ञान नहीं उस पर तर्क कुतर्क करने से कोई लाभ नहीं।

👉🏼 स्वर्ग नर्क एक स्वचालित प्रक्रिया है, जिसका रिमोट कंट्रोल मानव मष्तिष्क में उठते विचार, उन पर विश्वास और भावनाओं का प्रवाह ही है। इसी धरती पर कोई स्वर्गीय आनन्द में साधारण आय में एन्जॉय कर रहा है और कोई बहुत आय होने पर भी नारकीय शारीरिक-मानसिक यातना सह रहा है।👈🏻
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भावनाएं एवं चेतन जगत देखा नहीं जा सकता, मगर इसके प्रत्यक्ष प्रभाव की अनुभूति सब कर सकते है।

*इसे और बेहतर तरीके से समझने के लिए निम्नलिखित तीन पुस्तक पढ़िये*:-

1- अध्यात्म विद्या का प्रवेश द्वार
2- गहना कर्मणो गति:(कर्मफ़ल का सिंद्धान्त)
3- स्वर्ग नरक की स्वचालित प्रक्रिया

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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