Wednesday 31 July 2019

प्रश्न - *आज़कल स्कूल एवं कॉलेज में बच्चे गंदे, अभद्र, अश्लील, घृणित एवं वासनात्मक अभिव्यक्ति युक्त गालियां बोलचाल में, मैसेज में, व्हाट्स एप में बोलते हैं। यदि मेरी बेटी के साथ कोई लड़का या लड़की ऐसे गन्दे व्हाट्सएप मैसेज करे तो क्या एक्शन लेना चाहिए।*

प्रश्न - *आज़कल स्कूल एवं कॉलेज में बच्चे गंदे, अभद्र, अश्लील, घृणित एवं वासनात्मक अभिव्यक्ति युक्त गालियां बोलचाल में, मैसेज में, व्हाट्स एप में बोलते हैं। यदि मेरी बेटी के साथ कोई लड़का या लड़की ऐसे गन्दे व्हाट्सएप मैसेज करे तो क्या एक्शन लेना चाहिए।*

उत्तर - आत्मीय भाई, युवा लड़के व लड़की यह अच्छी तरह जानते हैं कि किससे उन्हें क्या बात करना है? किस हद तक जाना है? कौन किस टाइप का है? एक दो बार उन्हें टोंक दो तो वो नहीं बोलते। युवा लड़के लड़कियों की आँखों मे स्कैनर फिट है, वो समझ जाते है कौन किस टाइप है ? किसके साथ फ्लर्ट कर सकते हैं और किसके साथ नहीं?

रावण भी श्री सीता जी का अपहरण तब कर सका जब उन्होंने लक्ष्मण रेखा पार की। दुर्योधन भी पांडवों के साथ छल तब कर सका, जब पांडवों ने जुआ खेलने की सहमति दी। सतर्क चैतन्य और होश में रहना जरूरी है। धर्मग्रथ पढ़ो तो मार्गदर्शन मिलता है, इसलिए यह लीला चरित्र लिखे जाते हैं। लोग इन भूलों को समझें और न दोहराएँ।

मेरी दी की बेटी इस वक्त दिल्ली के डीयू कॉलेज से MBA फाइनल ईयर में है, इससे पहले उसने चार वर्ष गुरुग्राम के कॉलेज से B Tech किया है। उसे कभी किसी लड़के या लड़की ने व्हाट्सएप या मेसेज में गन्दे अभद्र शब्दो का प्रयोग नहीं किया। आपसे में गन्दे बोलने वाले लड़के लड़कियां भी उसके समक्ष सभ्य शब्द में ही बात करते हैं। उसने अपने कॉलेज के मेस में गुरूदेव के सदवाक्य लगवाए हैं, साथ ही डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन की वह मेम्बर है उसने कॉलेज की शुरुआत में ही सबको बता दिया था। उसके सभ्य वस्त्र, अच्छी ज्ञानयुक्त बातों ने, पढ़ाई के प्रति सीरियस व्यवहार ने सबको क्लियर मैसेज दे दिया था कि वो किस प्रकार की लड़की है। अतः गन्दे बच्चो ने उससे स्वयंमेव दूरी बना ली थी।

उसे हमने और उसकी मम्मी ने एक बात समझाई थी, बेटे चींटी को बुलाना हो तो इनविटेशन कार्ड  छपवाने की जरूरत नहीं है, मात्र गुड़ या मीठा रख दो वो चींटियां स्वयं आ जाएंगी। कॉकरोच के लिए गन्दगी काफ़ी है बुलाने के लिए, चिड़ियों के लिए रोज आंगन में दाने डालना काफ़ी है, उन्हें बुलाने के लिए। अतः जब तक तुम्हारे तरफ से कुविचार, अभद्र वस्त्र व व्यवहार का इंडिकेशन गन्दे लोगों को नहीं मिलेगा, तब तक को तुम्हारे नजदीक नहीं आएंगे।

यदि कोई लड़का या लड़की आपकी बेटी से गन्दे शब्दों में व्हाट्सएप कर रहा है, तो पहली गलती आपकी है कि आपने बेटी को टोंकना एवं ऐसी चीज़ों को हैंडल करना नहीं सिखाया। कहीं न कही आपकी बेटी ने उस गन्दे लड़के या लड़की को उसकी अभद्रता के लिए मना नहीं किया। तथा आपकी बेटी के व्यवहार में दबंगई नहीं है, आत्मविश्वास की कमी है। आपकी बेटी परम पूज्य गुरूदेव लिखित युगसाहित्य नहीं पढ़ती और उसके जीवन में अध्यात्म नहीं है।

दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि आपकी बेटी इन गन्दे लोगों की मित्र है, इसे गम्भीरता से नहीं ले रही, उसके लिए अश्लील गन्दे शब्दों का प्रयोग कोई बड़ी बात नहीं है, ये सब कॉलेज में चलता है। its ok, no big deal। जो शब्द आपको चुभ रहे हैं हो सकता है उससे आपकी बेटी को कोई फर्क ही न पड़ रहा हो, वह उसे केसुअल ले रही है। कहीं न कहीं आपकी बेटी के मन में कुविचारों का संग्रह है, इसलिए गन्दे लोग उसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं।

*युगऋषि परमपूज्य गुरूदेव कहते हैं, कि यदि बदलाव चाहते हो तो उस बदलाव का स्वयं हिस्सा बनो (If you want change be the change). हम सुधरेंगे युग सुधरेगा। हम बदलेंगे युग बदलेगा।*
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लड़के के माता-पिता या टीचर-प्रोफेसर से उसकी शिकायत करने का आज के जमाने मे कोई लाभ नहीं है। टीचर लड़को से डरते है। जो बच्चा गन्दे अभद्र शब्द का प्रयोग कर रहा है इसका शिक्षण कहीं न कहीं उसने घर से ही लिया है। उसे माता पिता से अच्छे सँस्कार मिले नहीं है, बड़ा हो चुका है तो उससे उसके माता-पिता भी घर में दुःखी होंगे, उससे ही डरते होंगे। वो आउट ऑफ कंट्रोल होगा। टीचर-प्रोफेसर तब तक एक्शन में नहीं आएंगे जब तक दुर्घटना न हो जाये। कोई समझदार टीचर हुआ तो ही वो आपकी मदद करेगा अन्यथा आपकी शिकायत का उल्टा असर ही सामने आएगा।

पुलिस एवं कानून बर्बादी के बाद एक्शन में आते हैं, बर्बादी को रोकने के लिए अत्यंत कोई बिरला   नेकनीयत पुलिस ही आपकी मदद करेगा। अन्यथा यदि आप आर्थिक रूप से सक्षम व दबंग न हुए तो बाकी पुलिस वाले आपको ही परेशान करेंगे।

*समस्या जहां है समाधान वहीं है।* आपकी बेटी ही स्वयं बड़े आसानी से इस मामले से निपट सकती है। स्वयं को मानसिक तौर पर मजबूत बनाकर उन गन्दे लड़के लड़कियों को टोंक सकती है, मना कर सकती है। देखो, मुझे ऐसे अपशब्द पसन्द नहीं है। यदि मुझसे बात करनी है तो ठीक से बात करो।

*गांधीगिरी की तरह युगऋषि गिरी अपना सकती है, फेसबुक एवं व्हाट्सएप पर रोज अच्छे सदवाक्य शेयर कर सकती है, स्कूल कॉलेज में अच्छे साहित्य बाँट सकती है, अच्छे अच्छे आठ दस प्रवचन झाड़ना मनोबल के साथ सीख जाए तो स्वयंमेव गन्दे लड़के लड़की उससे या तो दूर हो जाएंगे या सभ्य शब्दो से बात करने लगेंगे।*

बेटियों को दुर्गा व लक्ष्मीबाई बनाइये, उन्हें अपनी लड़ाई स्वयं लड़ने के लिए तैयार कीजिये। बेटियों को मानसिक अपाहिज न बनाये, अन्यथा कब तक उसके लिए कितने लोगों से लड़ते रहेंगे? स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, ससुराल सर्वत्र उसे देवता व दानव दोनों प्रवृत्ति के लोग मिलेंगे। उन्हें हैंडल करना उसे आना चाहिए। कृष्ण बनिये व सलाह दीजिये, उसके साथ हर पल रहिए, लेकिन बेटी को अर्जुन की तरह अपना युद्ध स्वयं लड़ने दीजिये। गीता का ज्ञान बेटी को दीजिये, उसे गीता के 18 अध्याय पढ़ाईये, जीवन युद्ध को लड़ने के लिए तैयार कीजिये।
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*जीवन संघर्ष है, यह आपके दिए विचार, सँस्कार व मनोभाव तय करेंगे कि आपकी बेटी विजयी होंगी या पराजित। दुसरो को दोष देने में वक्त नष्ट मत कीजिये, स्वयं की बेटी को दुर्गा व लक्ष्मीबाई बनाने में जुट जाईये।*

👉🏼 *आपकी बेटी को चयन करना पड़ेगा कि वो किसे चुनेगी देगी:-* 👈🏻
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*असुरता युक्त उपाधि* - (Modern Hot Girl, Sexy Girl) , चार दिन की ज़िंदगी है ऐश करो, लड़के लड़कियों एक दूसरे को डेट करो। *कोई लड़का या लड़की अपनी बॉडी दिखाते फेसबुक या व्हाट्सएप पर फोटो भेजे तो रिप्लाई में बोलना - You are looking cool, Hot, etc*

या
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*दैवीय युक्त उपाधि* - माते, बहनजी, ओल्ड फ़ैशन, प्राचीन विचार धारा, भाई कॉलेज पढ़ने आये हैं ऐश करने नहीं। यह पढ़ाई नींव है मेरे सुखमय भविष्य की। *कोई लड़का या लड़की अपनी बॉडी दिखाते फेसबुक या व्हाट्सएप पर फोटो भेजे तो रिप्लाई में बोलना - ईश्वर को धन्यवाद दो कि उसने तुम्हरा शरीर सुंदर बनाया। लेकिन याद रखो शरीर नश्वर है और आत्मा शाश्वत है, जितनी मेहनत चिता में जलने वाले इस नश्वर शरीर के लिए कर रहे हो, उतनी मेहनत अपनी आत्मा के लिए भी कर लो तो धन्य हो जाओगे।*

*आपकी बेटी दूसरे के बहकावे में गलत राह पर तभी आएगी जब उसके दिमाग़ में युगऋषि के विचार व कृष्ण की गीता नहीं होगी*। *युगऋषि गिरी* करोगे तो कोई परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा।

*अन्य सांसारिक उपाय* - किसी अच्छे वकील के पास जाईये, उसकी मोटी फीस दीजिये। उससे एक सम्मन लेटर लड़के के माता पिता के नाम लिखवाइए जिसमे वार्निंग मेसेज हो कि आपका बेटा अश्लील शब्दों को मेरी बेटी के मोबाइल में भेजता है। कारण बताओ नोटिस- कि आपके बेटे को जेल क्यों न भेजा जाए। माता-पिता व उनका बेटा वक़ील से डर जायेगा।

ऐसे केस में डायरेक्ट पुलिस के पास बिना वकील के कभी न जाएं, अन्यथा आपकी बेटी परेशान हो जाएगी। मामला बिगड़ेगा औऱ नई नई परेशानी खड़ी करेगा।

लेक़िन यदि बेटी स्वयं दुर्गा न बनी तो यह सांसारिक उपाय कितने लड़कों के लिए करेंगे और कब तक? यह भी विचार लें।

जब पुलिस, वक़ील व कानून किसी भी घटना में सम्मिलित हो जाते हैं, तो कोई भी साधारण घटना असाधारण बन जाती है। इसका लाभ भी है और बड़ी हानि भी। बदले की भावना में बिगड़ैल लड़के और बिगड़ जाते हैं।

🙏🏻 श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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