*दीदी मेरे 10 प्रश्नों के उत्तर देने का कष्ट कीजिये*
प्रश्न -1- *दीदी एक विद्यार्थी की सबसे बड़ी कमजोरी किया है?*
उत्तर - उसका स्वयं के मन पर नियंत्रण न होना
प्रश्न- 2- *श्रेष्ठ विद्यार्थी कौन है?*
उत्तर - जिसको पता हो कि वो क्यों पढ़ रहा है? साथ ही जब वह पढ़ने बैठे तो उसका ध्यान न भटके।
प्रश्न 3- *विद्यार्थी के पाँच लक्षण क्या है?*
उत्तर - *काक चेष्टा, बको ध्यानं, स्वान निद्रा तथैव च ।*
*अल्पहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणं ॥*
अर्थात विद्यार्थी के पांच लक्षण -
कौवे की तरह जानने की चेष्टा,
बगुले की तरह ध्यान,
कुत्ते की तरह सोना / निंद्रा
अल्पाहारी, आवश्यकतानुसार खाने वाला और गृह-त्यागी/घर में पड़े नहीं रहने वाला होना चाहिए
प्रश्न 4- *क्या विद्यार्थी को आस्तिक होना चाहिए?*
उत्तर- हाँजी, विद्यार्थी को स्वयं पर व स्वयं को बनाने वाले ईश्वर पर भरोसा होना चाहिए। यह जीवन मेरा है, कर्मफ़ल के सिद्धांत के अनुसार मैं ही अपने भाग्य का निर्माता हूँ। जो आज बोयेंगे वही कल काटेंगे। अच्छे भविष्य के लिए मेहनत आज करनी होगी।
प्रश्न - 5- *क्या विद्यार्थी को धार्मिक होना चाहिए?*
उत्तर - हाँजी, धर्म अर्थात कर्तव्यबोध व उसका पालन। प्रत्येक विद्यार्थी को स्वयं के प्रति कर्तव्य, माता-पिता के प्रति कर्तव्य, परिवार के प्रति कर्तव्य, समाज के प्रति कर्तव्य व राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों का ज्ञान होना चाहिए व निष्ठा पूर्वक उसका पालन होना चाहिए।
प्रश्न - 6- *विद्यार्थी का दृष्टिकोण कैसा होना चाहिए?*
उत्तर- जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण होना चाहिए। विद्यार्थी समस्या गिनने वाला नहीं होना चाहिए, विद्यार्थी को समस्या का समाधान ढूंढने वाला होना चाहिए।
प्रश्न - 7- *विद्यार्थी मन को नियंत्रित करने के लिए नित्य क्या करे?*
उत्तर - सुबह उठकर भगवान को धन्यवाद देना, मन ही मन 5 बार दोहराना मैं सर्वशक्तिमान व बुद्धिमान परमात्मा की सर्वशक्तिमान व बुद्धिमान सन्तान हूँ। नित्य 5 बार ॐ का दीर्घ स्वर में उच्चारण, 24 बार गायत्री मंत्र जप, 5 बार महामृत्युंजय मंत्र जप, 5 से 15 मिनट का ध्यान आती जाती श्वांस पर नेत्र बन्द कमर सीधी कर ध्यान, रोज सोने से पूर्व कुछ लाइन मन्त्र लेखन, एक पेज अच्छी प्रेरणापद पुस्तको का स्वाध्याय।
प्रश्न -8- *विद्यार्थी को समय प्रबन्धन कैसे करना चाहिए?*
उत्तर - किसी भी कार्य को करने के लिए योजना बनाएं अर्थात प्लॉनिंग करें, टाइम टेबल बनाएं और उसके अनुसार ही समय पर कार्यों का निष्पादन करें। इसके लिए एक डायरी में किए जाने वाले कार्यों को लिखें यानि सूची बनाएं और जैसा आपने तय किया है उसके अनुसार उसी क्रम और समय के अनुसार अपने कार्यों को करते जाएं। योजना बनाते समय आपको अपने कार्यो की प्राथमिकता स्वयं ही तय करना होगा कि किस काम को पहले करना है और किस काम को बाद में करना है। काम करने के दौरान उस कार्य का आंकलन भी करते जाए कि जैसा आपने सोचा था वैसा ही काम हो रहा है कि नहीं।
प्रश्न 9- *जब विद्यार्थी का पढ़ने में मन न लगे तो वो क्या करे?*
उत्तर - जोर ज़ोर से यह गीत गुनगुनाये
कुछ इतिहास रचने आते हैं,
और कुछ इतिहास पढ़ने आते हैं,
कुछ समाधान देने आते है,
और कुछ समाधान रटने आते हैं।
मैं इस जगत में,
कुछ न कुछ बढ़ा कर गुज़रने आया हूँ,
एक नया इतिहास रचने आया हूँ,
एक नया समाधान देने आया हूँ,
भारत को एक नई पहचान देने आया हूँ।
मैं बेनाम मर नहीं सकता,
मैं बिना कुछ किये रह नहीं सकता,
मेरी सफलता का रास्ता,
इन पुस्तकों से ही मिलेगा,
जब कोई यह पुस्तक लिख सकता है,
तो भला मैं क्यूँ पढ़ नहीं सकता।
मैं पढ़ सकता हूँ हाँ मैं पढ़ सकता हूँ,
मैं सफलता के आसमान को,
हां हाँ हाँ मैं ही छू सकता हूँ।
साथ में पुस्तक - *हारिये न हिम्मत* पढ़िए।
प्रश्न - 10 - *पढ़ाई के तनाव को कैसे कम करें?*
उत्तर - प्रत्येक 50 मिनट पढ़ने के बाद 5 मिनट का मनोमन्जक ब्रेक (Edutainment break) लें । जो बच्चे मनोरंजन ब्रेक(Entertainment break) लेते हैं, वो डिस्ट्रैक्ट हो जाते हैं। कठिन विषय फिर सरल विषय फिर कठिन इस तरह बदल बदल के पढो। स्वयं पर भरोसा रखो। क्या कहेंगे लोग परवाह मत करो। पुस्तको से दोस्ती करो। जब भी डाउन फील करो एक ग्लास पानी को देखते हुए हाथ मे लेकर 5 बार गायत्री मंत्र और एक बार महामृत्युंजय मंत्र जप लो और घूंट घूंट करके पी लो। अच्छा महसूस करोगे।
तुम्हारी बहन
🙏🏻श्वेता, DIYA
प्रश्न -1- *दीदी एक विद्यार्थी की सबसे बड़ी कमजोरी किया है?*
उत्तर - उसका स्वयं के मन पर नियंत्रण न होना
प्रश्न- 2- *श्रेष्ठ विद्यार्थी कौन है?*
उत्तर - जिसको पता हो कि वो क्यों पढ़ रहा है? साथ ही जब वह पढ़ने बैठे तो उसका ध्यान न भटके।
प्रश्न 3- *विद्यार्थी के पाँच लक्षण क्या है?*
उत्तर - *काक चेष्टा, बको ध्यानं, स्वान निद्रा तथैव च ।*
*अल्पहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणं ॥*
अर्थात विद्यार्थी के पांच लक्षण -
कौवे की तरह जानने की चेष्टा,
बगुले की तरह ध्यान,
कुत्ते की तरह सोना / निंद्रा
अल्पाहारी, आवश्यकतानुसार खाने वाला और गृह-त्यागी/घर में पड़े नहीं रहने वाला होना चाहिए
प्रश्न 4- *क्या विद्यार्थी को आस्तिक होना चाहिए?*
उत्तर- हाँजी, विद्यार्थी को स्वयं पर व स्वयं को बनाने वाले ईश्वर पर भरोसा होना चाहिए। यह जीवन मेरा है, कर्मफ़ल के सिद्धांत के अनुसार मैं ही अपने भाग्य का निर्माता हूँ। जो आज बोयेंगे वही कल काटेंगे। अच्छे भविष्य के लिए मेहनत आज करनी होगी।
प्रश्न - 5- *क्या विद्यार्थी को धार्मिक होना चाहिए?*
उत्तर - हाँजी, धर्म अर्थात कर्तव्यबोध व उसका पालन। प्रत्येक विद्यार्थी को स्वयं के प्रति कर्तव्य, माता-पिता के प्रति कर्तव्य, परिवार के प्रति कर्तव्य, समाज के प्रति कर्तव्य व राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों का ज्ञान होना चाहिए व निष्ठा पूर्वक उसका पालन होना चाहिए।
प्रश्न - 6- *विद्यार्थी का दृष्टिकोण कैसा होना चाहिए?*
उत्तर- जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण होना चाहिए। विद्यार्थी समस्या गिनने वाला नहीं होना चाहिए, विद्यार्थी को समस्या का समाधान ढूंढने वाला होना चाहिए।
प्रश्न - 7- *विद्यार्थी मन को नियंत्रित करने के लिए नित्य क्या करे?*
उत्तर - सुबह उठकर भगवान को धन्यवाद देना, मन ही मन 5 बार दोहराना मैं सर्वशक्तिमान व बुद्धिमान परमात्मा की सर्वशक्तिमान व बुद्धिमान सन्तान हूँ। नित्य 5 बार ॐ का दीर्घ स्वर में उच्चारण, 24 बार गायत्री मंत्र जप, 5 बार महामृत्युंजय मंत्र जप, 5 से 15 मिनट का ध्यान आती जाती श्वांस पर नेत्र बन्द कमर सीधी कर ध्यान, रोज सोने से पूर्व कुछ लाइन मन्त्र लेखन, एक पेज अच्छी प्रेरणापद पुस्तको का स्वाध्याय।
प्रश्न -8- *विद्यार्थी को समय प्रबन्धन कैसे करना चाहिए?*
उत्तर - किसी भी कार्य को करने के लिए योजना बनाएं अर्थात प्लॉनिंग करें, टाइम टेबल बनाएं और उसके अनुसार ही समय पर कार्यों का निष्पादन करें। इसके लिए एक डायरी में किए जाने वाले कार्यों को लिखें यानि सूची बनाएं और जैसा आपने तय किया है उसके अनुसार उसी क्रम और समय के अनुसार अपने कार्यों को करते जाएं। योजना बनाते समय आपको अपने कार्यो की प्राथमिकता स्वयं ही तय करना होगा कि किस काम को पहले करना है और किस काम को बाद में करना है। काम करने के दौरान उस कार्य का आंकलन भी करते जाए कि जैसा आपने सोचा था वैसा ही काम हो रहा है कि नहीं।
प्रश्न 9- *जब विद्यार्थी का पढ़ने में मन न लगे तो वो क्या करे?*
उत्तर - जोर ज़ोर से यह गीत गुनगुनाये
कुछ इतिहास रचने आते हैं,
और कुछ इतिहास पढ़ने आते हैं,
कुछ समाधान देने आते है,
और कुछ समाधान रटने आते हैं।
मैं इस जगत में,
कुछ न कुछ बढ़ा कर गुज़रने आया हूँ,
एक नया इतिहास रचने आया हूँ,
एक नया समाधान देने आया हूँ,
भारत को एक नई पहचान देने आया हूँ।
मैं बेनाम मर नहीं सकता,
मैं बिना कुछ किये रह नहीं सकता,
मेरी सफलता का रास्ता,
इन पुस्तकों से ही मिलेगा,
जब कोई यह पुस्तक लिख सकता है,
तो भला मैं क्यूँ पढ़ नहीं सकता।
मैं पढ़ सकता हूँ हाँ मैं पढ़ सकता हूँ,
मैं सफलता के आसमान को,
हां हाँ हाँ मैं ही छू सकता हूँ।
साथ में पुस्तक - *हारिये न हिम्मत* पढ़िए।
प्रश्न - 10 - *पढ़ाई के तनाव को कैसे कम करें?*
उत्तर - प्रत्येक 50 मिनट पढ़ने के बाद 5 मिनट का मनोमन्जक ब्रेक (Edutainment break) लें । जो बच्चे मनोरंजन ब्रेक(Entertainment break) लेते हैं, वो डिस्ट्रैक्ट हो जाते हैं। कठिन विषय फिर सरल विषय फिर कठिन इस तरह बदल बदल के पढो। स्वयं पर भरोसा रखो। क्या कहेंगे लोग परवाह मत करो। पुस्तको से दोस्ती करो। जब भी डाउन फील करो एक ग्लास पानी को देखते हुए हाथ मे लेकर 5 बार गायत्री मंत्र और एक बार महामृत्युंजय मंत्र जप लो और घूंट घूंट करके पी लो। अच्छा महसूस करोगे।
तुम्हारी बहन
🙏🏻श्वेता, DIYA
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