*कल मुझे वरिष्ठ लोगों के ऊपर। कोई कविता वोलना है मुझे मार्गदर्शन दे*
किन शब्दो मे हम,
आप सबका आभार व्यक्त करें,
वरिष्ठता, नैतिकता व नैष्ठिकता की,
किस तरह आप सी मिशाल बनें।
ख़्वाब देखो जुट जाओ,
यह हमने आप से सीखा,
असम्भव को सम्भव बनाओ,
यह हमने आप से ही सीखा।
नौकरी में ईमानदारी बरतना,
यह हमने आपसे सीखा।
एक टीम बनकर काम करना,
यह हमने आपसे सीखा।
हम सबकी मेहनत से,
बिजली घर घर पहुँचती,
देश को रौशन करने से,
हम सबको ख़ुशी मिलती।
हम धन्य हैं,
जो सब वरिष्ठों का सान्निध्य मिला,
बिजली विभाग में,
आप सबका सतत मार्गदर्शन मिला।
आप सबको धन्यवाद,
पुनः प्रेषित करते हैं,
आप सबका हृदय से,
पुनः अभिवादन करते हैं।
🙏🏻श्वेता, DIYA
किन शब्दो मे हम,
आप सबका आभार व्यक्त करें,
वरिष्ठता, नैतिकता व नैष्ठिकता की,
किस तरह आप सी मिशाल बनें।
ख़्वाब देखो जुट जाओ,
यह हमने आप से सीखा,
असम्भव को सम्भव बनाओ,
यह हमने आप से ही सीखा।
नौकरी में ईमानदारी बरतना,
यह हमने आपसे सीखा।
एक टीम बनकर काम करना,
यह हमने आपसे सीखा।
हम सबकी मेहनत से,
बिजली घर घर पहुँचती,
देश को रौशन करने से,
हम सबको ख़ुशी मिलती।
हम धन्य हैं,
जो सब वरिष्ठों का सान्निध्य मिला,
बिजली विभाग में,
आप सबका सतत मार्गदर्शन मिला।
आप सबको धन्यवाद,
पुनः प्रेषित करते हैं,
आप सबका हृदय से,
पुनः अभिवादन करते हैं।
🙏🏻श्वेता, DIYA
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