Saturday, 17 August 2019

प्रश्न- *मेरी शादी को 2 साल हो गए है प्रेम विवाह था माता पिता की सहमति से हुई है हमारी शादी, मेरे पति बियर कंपनी में काम करते है मैं पहले से जानती थी वो बियर पीते है। अब शादी को 2 साल हो गए है

प्रश्न-  *मेरी शादी को 2 साल हो गए है प्रेम विवाह था माता पिता की सहमति से हुई है हमारी शादी, मेरे पति बियर कंपनी में काम करते है मैं पहले से जानती थी वो बियर पीते है। अब शादी को 2 साल हो गए है हम इनका पीना बांध नही हुआ हमारे बीच मे झगड़े का कारण भी यही है क्योंकि उसके बाद वो क्या बोल जाते है नही जानते मेरे माता पिता भी अपमान करते है और सिर्फ अपनी माता को ही ऊपर मानते है , उनकी माँ भी गलत आदतों का गलत बातो का साथ देती ह सपोर्ट नही है ससुराल से , मेरे परेशानी का कारण है उनका ज्यादा नशा करने इस वजह से अपनी जिम्मदारी से पीछे चले जाते है, मैं माँ बनना चाहती हु लेकिन अपने पति की ये हरकते देख कर में आगे बढ़ने से रुक रही हूँ।*
*क्या करूँ मै जी मे आता है छोड़ कर चली जाऊ सबकुछ। क्या करूँ मैं कोई रास्ता बताये ?*

उत्तर - आत्मीय बेटी,

जो साधारण मानव बियर की दुकान में कार्य करेगा वो  बियर 100% पियेगा। अतः उससे महानता व शराब मुक्ति की चाह करना ही व्यर्थ है।

मात्र शब्दों के उच्चारण से परिवर्तन नहीं होता। चरित्र से चरित्र बदलता है। तुम्हारा चरित्र चिंतन व्यवहार अभी इतना कमज़ोर है कि तुम्हारा पति का चरित्र चिंतन व्यवहार तुम पर हावी है और तुम्हारा प्रभाव उस पर नहीं पड़ रहा है।

पत्थर पर बच्चों की तरह सर से प्रहार करोगी तो तुम्हारा ही सर फूटेगा। पत्थर को मूर्तिकार की तरह तराश सकोगी तभी मनचाही मूर्ति निकाल सकोगी। क्या तुम मूर्तिकार की योग्यता-पात्रता रखती हो जो पति के व्यक्तित्व को मनचाहा गढ़ने की चाह रख रही हो? क्या तुममें ऋषि श्रद्धानन्द की पत्नी की तरह धैर्य, सेवा, निःश्वार्थ प्रेम और उसे महामानव बनाने की लगन है?

अतः  अपनी सास और पति की गलतियों को गिनने में व्यर्थ समय मत नष्ट करो। उससे विवाह जान बूझकर निर्णय तुम्हारा था। अब इस निर्णय को सही साबित करने के लिए मेहनत करो।

या

तो दूसरी मनचाही मूर्ति ख़रीद लो अर्थात दूसरा विवाह कर लो या खुद मूर्तिकार(सतीत्व धारण) बन करके पति के अनगढ़ व्यक्तित्व(पत्थर) से मनचाहा व्यक्तित्व(मूर्ति) बना सकते हो। कितना वक्त परिवर्तन में लगेगा यह तुम्हारी योग्यता पात्रता तय करेगी?
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*स्वयं कुशल मूर्तिकार बनने के लिए - स्वयं में सुधार करने के लिए निम्नलिखित आध्यात्मिक उपाय 3 वर्षो तक अनवरत अपनाएं*:-

1- कम से कम 10 माला गायत्री मन्त्र की जपें
गायत्री मंत्र - *ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योन: प्रचोदयात*

2- एक माला चन्द्र गायत्री मन्त्र की जपें
चन्द्र गायत्री मंत्र - *ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे, अमृतत्वाय धीमहि, तन्नो चन्द्र: प्रचोदयात*

3- प्रत्येक गुरुवार को और प्रत्येक माह की पूर्णिमा को व्रत रखें।
4- गुरुवार और पूर्णिमा को पीला वस्त्र ही पहनें और चन्द्र को चाँदी के बर्तन से अर्घ्य दें।
5- *पूर्णिमा के चन्द्र का ध्यान करें व शांत स्थिर चित्त बनें, ध्यान विधि निम्नलिखित वीडियो से सीखें:*-
https://youtu.be/umAfVbaGWhw

6- *विचारों के प्रदूषण को दूर करने के लिए निम्नलिखित साहित्य पढ़े*:-
📖 विचारों की सृजनात्मक शक्ति
📖 हारिये न हिम्मत
📖 जीवन देवता की साधना आराधना
7- *दूसरों के हृदय तक अपनी बात पहुंचाने का हुनर सीखने के लिए पढ़े*:-
📖 भाव सम्वेदना की गंगोत्री
📖 परिवर्तन के महान क्षण
📖 मित्रभाव बढ़ाने की कला
📖 अपना सुधार ही संसार की सबसे बड़ी सेवा है।

8- *गर्भस्थ शिशु का मनचाहा व्यक्तित्व गढ़ने के लिए पढ़े*:-
📖 आओ गढ़े संस्कारवान पीढ़ी- भाग 1 और 2
📖 युग की मांग प्रतिभा परिष्कार- भाग 1 और 2
📖 मरकर जो अमर हो गए
📖 महापुरुषों की जीवनियां

9- पूरे घर में सकारात्मक चिंतन व व्यवहार पैदा करने के लिए उपासना के बाद सूर्य भगवान को जल चढ़ाकर थोड़ा जल बचा लें और गायत्री मंत्र पढ़ते हुए उससे रोटी का आटा गूथें व रोटी बनाएं साथ ही नित्य बलिवैश्व यज्ञ करें। प्रेम व सद्भाव से भोजन परोसें।

10- मन ही मन पति और सास को देख के बोलिये आप को हम प्रेम व सम्मान देते हैं। आप बदल रहे हो, देवता बन रहे हो, आपका चरित्र चिंतन व्यवहार सकारात्मक हो रहा है।

🙏🏻 भूलकर भी मुंह से पति और सास को ज्ञान मत दीजियेगा। उनके सामने अपने ज्ञान का प्रदर्शन न करें। अन्यथा महाभारत घर में होगी।

🙏🏻 उन्हें ज्ञान व्हाट्सएप पर अच्छे सकारात्मक मेसेज और वीडियो भेजकर दें, जैसे कि निम्नलिखित वीडियो में नशे की अपार हानि बताई गई है वो भेजें व दिखाएं:-

https://youtu.be/G2MON3WVhnI

https://youtu.be/WZ053EyDffY

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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