प्रश्न - *दी, तुलसी की कितनी प्रजातियां होती है? कौन कौन सी प्रजाति घर में गमले में लगाई जा सकती है? औषधीय लाभ बताएं?*
उत्तर- आत्मीय भाई,
*तुलसी की सामान्यतः निम्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं:*
1- ऑसीमम सैक्टम (इसमें दो प्रजातियां है रामा/श्वेताभ तुलसी हरी पत्ते की व कृष्णा/श्यामा तुलसी गहरी बैगनी आभा वाली)
2- ऑसीमम अमेरिकन (काली तुलसी) गम्भीरा या मामरी।
3- ऑसीमम वेसिलिकम (मरुआ तुलसी) मुन्जरिकी या मुरसा।
4- ऑसीमम वेसिलिकम मिनिमम।
5- आसीमम ग्रेटिसिकम (राम तुलसी / वन तुलसी / अरण्यतुलसी)।
6- ऑसीमम किलिमण्डचेरिकम (कर्पूर तुलसी)।
7- ऑसीमम विरिडी।
*इनमें ऑसीमम सैक्टम को प्रधान या पवित्र तुलसी माना गया जाता है, इसकी भी दो प्रधान प्रजातियाँ हैं- श्री तुलसी जिसकी पत्तियाँ हरी होती हैं तथा कृष्णा तुलसी जिसकी पत्तियाँ निलाभ-कुछ बैंगनी रंग लिए होती हैं। श्री तुलसी के पत्र तथा शाखाएँ श्वेताभ होते हैं जबकि कृष्ण तुलसी के पत्रादि कृष्ण रंग के होते हैं। गुण, धर्म की दृष्टि से काली तुलसी को ही श्रेष्ठ माना गया है, परन्तु अधिकांश विद्वानों का मत है कि दोनों ही गुणों में समान हैं। तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और लोग इसे अपने घर के आँगन या दरवाजे पर या बाग में लगाते हैं। भारतीय संस्कृति के चिर पुरातन ग्रंथ वेदों में भी तुलसी के गुणों एवं उसकी उपयोगिता का वर्णन मिलता है। इसके अतिरिक्त ऐलोपैथी, होमियोपैथी और यूनानी दवाओं में भी तुलसी का किसी न किसी रूप में प्रयोग किया जाता है।*
घर में गमलों में इन्हें ही लगाएं। तुलसी के औषधीय लाभ जानने के लिए पढ़ें पुस्तक:-
📖 *तुलसी के चमत्कारिक गुण*
*Book URL* - http://literature.awgp.org/book/Tulsi_Ke_Chamatkari_Gun/v2
तुलसी की खेती कैसे करें और व्यवसाय के रूप में कैसे अपनाएं?
*Youtube URL* -
https://youtu.be/aGS8H1nS_PQ
तुलसी के प्रजातियों के बारे में और जानकारी के निम्नलिखित लिंक विजिट करें:-
http://hi.vikaspedia.in/agriculture/crop-production/91593e93094d92f92a94d93092393e93293f92f94b902-91593e-938902915941932/91493792794092f-92a94c92794b902-915940-916947924940/924941932938940
🙏🏻श्वेता, DIYA
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*तुलसी की सामान्यतः निम्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं:*
1- ऑसीमम सैक्टम (इसमें दो प्रजातियां है रामा/श्वेताभ तुलसी हरी पत्ते की व कृष्णा/श्यामा तुलसी गहरी बैगनी आभा वाली)
2- ऑसीमम अमेरिकन (काली तुलसी) गम्भीरा या मामरी।
3- ऑसीमम वेसिलिकम (मरुआ तुलसी) मुन्जरिकी या मुरसा।
4- ऑसीमम वेसिलिकम मिनिमम।
5- आसीमम ग्रेटिसिकम (राम तुलसी / वन तुलसी / अरण्यतुलसी)।
6- ऑसीमम किलिमण्डचेरिकम (कर्पूर तुलसी)।
7- ऑसीमम विरिडी।
*इनमें ऑसीमम सैक्टम को प्रधान या पवित्र तुलसी माना गया जाता है, इसकी भी दो प्रधान प्रजातियाँ हैं- श्री तुलसी जिसकी पत्तियाँ हरी होती हैं तथा कृष्णा तुलसी जिसकी पत्तियाँ निलाभ-कुछ बैंगनी रंग लिए होती हैं। श्री तुलसी के पत्र तथा शाखाएँ श्वेताभ होते हैं जबकि कृष्ण तुलसी के पत्रादि कृष्ण रंग के होते हैं। गुण, धर्म की दृष्टि से काली तुलसी को ही श्रेष्ठ माना गया है, परन्तु अधिकांश विद्वानों का मत है कि दोनों ही गुणों में समान हैं। तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और लोग इसे अपने घर के आँगन या दरवाजे पर या बाग में लगाते हैं। भारतीय संस्कृति के चिर पुरातन ग्रंथ वेदों में भी तुलसी के गुणों एवं उसकी उपयोगिता का वर्णन मिलता है। इसके अतिरिक्त ऐलोपैथी, होमियोपैथी और यूनानी दवाओं में भी तुलसी का किसी न किसी रूप में प्रयोग किया जाता है।*
घर में गमलों में इन्हें ही लगाएं। तुलसी के औषधीय लाभ जानने के लिए पढ़ें पुस्तक:-
📖 *तुलसी के चमत्कारिक गुण*
*Book URL* - http://literature.awgp.org/book/Tulsi_Ke_Chamatkari_Gun/v2
तुलसी की खेती कैसे करें और व्यवसाय के रूप में कैसे अपनाएं?
*Youtube URL* -
https://youtu.be/aGS8H1nS_PQ
तुलसी के प्रजातियों के बारे में और जानकारी के निम्नलिखित लिंक विजिट करें:-
http://hi.vikaspedia.in/agriculture/crop-production/91593e93094d92f92a94d93092393e93293f92f94b902-91593e-938902915941932/91493792794092f-92a94c92794b902-915940-916947924940/924941932938940
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