Monday 26 August 2019

प्रश्न- *दी, जब मैं दुबई में बिजनेस करता था, मैंने मेरे एक भाई को घर और एक भाई को गाड़ी दी थी, लेकिन दोनों मेरे नाम है। माता-पिता को तीर्थ यात्रा के साथ साथ देश विदेश घुमाया था। मेरा बिज़नेस डूब गया क्योंकि मेरे पार्टनर ने मुझे धोखा दिया।

प्रश्न- *दी, जब मैं दुबई में बिजनेस करता था, मैंने मेरे एक भाई को घर  और एक भाई को गाड़ी दी थी, लेकिन दोनों मेरे नाम है। माता-पिता को तीर्थ यात्रा के साथ साथ देश विदेश घुमाया था। मेरा बिज़नेस डूब गया क्योंकि मेरे पार्टनर ने मुझे धोखा दिया। केस चल रहा है, मेरी समझ नहीं आ रहा कि मैं उनसे गाड़ी वापस लूँ और अपने भाइयों से घर खाली करवाऊँ या नहीं? वो दोनों बहुत साधारण सेल्समैन की जॉब करते हैं, उनकी इतनी कमाई नहीं कि घर खरीद सकें।*

उत्तर- आत्मीय भाई, आपकी विशाल हृदय से किये गए परिवार हेतु उपकार सराहनीय है।

लेक़िन किसी को बेघर करके अपने घर में आप सुखी कैसे रह पाओगे? किसी से वाहन छीन के कैसे वाहन सुख भोग पाओगे?
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पौराणिक कथा में राजा हरिश्चंद्र ने स्वप्न में देखा कि उन्होंने समस्त राज्य का दान महर्षि विश्वामित्र को कर दिया। सुबह महर्षि विश्वामित्र प्रकट हुए और बोले मेरा राज्य मुझे दो क्योंकि तुमने यह स्वप्न में दान दिया था। राजा ने तुरंत अविलम्ब दान दे दिया। कितनी ही विपत्ति सही लेक़िन धर्म नहीं छोड़ा, उनकी नाम व कीर्ति अमर हुई। तुमने तो स्वप्न में नहीं हकीकत में दान दिया जिसमें कई वर्षों से वह फैमिली रह रही है, अतः उन्हें बेघर मत करो।

*सत्य घटना*- एक गुजराती भाई बिजनेसमैन थे, सब भगवान की दया से जब अच्छा चल रहा था तो उन्होंने अपने उन भाई- बहनों को घर व गाड़ी दी थी जो आर्थिक रूप से कमज़ोर थे, उनके बिजनेस में लॉस हुआ तो उन्होंने भाई-बहनों से घर व गाड़ी वापस ले ली और उसे बेंच कर उसका पैसा बिजनेस में लगा दिया। वाहन वापस लिए दो महीने भी नहीं बीते थे कि उनकी मर्सिडीज का बुरी तरह एक्सीडेंट हुई, उनका गाड़ी इंश्योरेंस के बाद भी ऐसा खर्च हुआ कि वो आज तक गाड़ी नहीं खरीद पाए व वर्तमान में किराए के मकान में रह रहे हैं। जितना उन्होंने भाई बहनों से वापस लिए घर और गाड़ी को बेंच के पैसा लिया था उससे कहीं ज्यादा उनका ख़र्च हो गया।

🙏🏻 अतः मेरी आपको सलाह यह है कि दान किया हुआ घर व गाड़ी वापस लेने का विचार त्याग दीजिये। यह मानिए कि वह आपने उनकी किस्मत का कमाया था, पिछले जन्मों का उधार चुकाया था।

🙏🏻हमारा दिमाग़ एक गूगल की तरह है, जो टाइप करोगे उससे सम्बंधित रिजल्ट देगा।

👉🏻 कहोगे मेरा जीवन समस्या से भरा है, तो उत्तर में हज़ारो समस्या की लिस्ट एवं तनावग्रस्त करने के कारण रिजल्ट में दे देगा।

👉🏻 कहोगे वर्तमान समस्याओं का मुझे समाधान करना है, हां मैं कर सकता हूँ तो दिमाग समस्याओं के समाधान के उपाय एवं रास्ता देगा। आप समस्या से उबर पाओगे।

🙏🏻 ईश्वर पर और अपनी भुजाओं पर भरोसा रखो, यह मांगने के लिए नहीं दान देने के लिए हैं। जैसे शेर का बच्चा शेर होता है वैसे ही तुम ईश्वर के पुत्र सर्वशक्तिमान बुद्धिमान हो। पुनः प्रयास करो और पहले से बड़ा बिजनेस खड़ा कर सकोगे। तुम्हारे पास कनेक्ट व बिजनेस का ज्ञान है, तुम्हारा पार्टनर धन चुरा सकता है तुम्हारा ज्ञान नहीं।
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*स्टीव जॉब्स* के बिना *एप्पल मोबाइल एवं कम्प्यूटर* की कल्पना नहीं की जा सकती, वो मध्य १९७४, में आध्यात्मिक ज्ञान की खोज में जॉब्स अपने कुछ रीड कॉलेज के मित्रो के साथ कारोली बाबा से मिलने भारत आए, तब करोली बाबा की मृत्यु हो चुकी थी व अन्य उनके शिष्यों से मिले। *7 महीने भारतीय ऋषियों के सान्निध्य में बिताया और वहाँ से अमेरिका आकर 1976 में एप्पल कम्पनी खोली*। जब एप्पल बुलन्दियों पर थी तो उन्हें धोखाधड़ी का शिकार होना पड़ा, जिस कम्पनी को इतनी मेहनत से बुलन्दियों पर पहुंचाया उससे ही निकाल दिए गए। तब उन्होंने भारतीय ऋषियों की कही बात स्मरण की *विपत्तियों में टूटना नहीं चाहिए, विपत्तियों में नए मुक़ाम बनाने में जुटना चाहिए* । अतः रोने में वक्त नहीं बिताया अपितु नई दो कम्पनी *पिक्सर* एवं *नेक्स्ट* खड़ी कर दी। लोग उनका धन व कम्पनी छीन सके, लेकिन क्या स्टीव जॉब्स का *ज्ञान, साहस व धैर्य* छीन सके? एप्पल कम्पनी डूबने लगी तो पुनः स्टीव जॉब्स को कम्पनी में लिया। बुद्धि कोई चुरा सकता है क्या?

अतः इस विपत्ति में प्राचीन ऋषियों के जिस ज्ञान को स्टीव जॉब्स ने जीवन मे अपनाया, वही तुम भी अपनाओ। ईश्वर पर भरोसा करके पुनः नए सृजन में जुट जाओ।

कभी भीख देने पर भिखारी के कटोरे से पैसे वापस लेने की मत सोचना, कभी मंदिर में चढ़ाए दान को वापस लेने की मत सोचना, कभी किसी की मदद की तो उससे वापस मत माँगना।

इसकी जगह यह सोचना और ज्यादा कमाऊंगा तो पुनः और ज्यादा दान दक्षिणा दूँगा, ग़रीबों की मदद करूँगा। विपत्ति मुझे और मजबूत बनाने आई है, *मैं विजेता था, विजेता हूँ और विजेता रहूंगा। कुछ न कुछ पुनः बेहतर कर ही लूँगा। धन गया है, लेकिन धन कमाने का ज्ञान, बुद्धिबल, साहस व धैर्य हमारे पास है।* जिस पार्टनर ने मुझे धोखा दिया उससे बड़ा अम्पायर पुनः खड़ा करूंगा।

🙏🏻दस दिन ब्रेक लीजिये, 24 हज़ार गायत्री मंत्र जप तीर्थ स्थल - शान्तिकुंज हरिद्वार या तपोभूमि मथुरा  जाकर कीजिये। इस दौरान अपने दिमाग की सर्विसिंग निम्नलिखित पुस्तक पढ़ते हुए कीजिये। नई तप ऊर्जा और नए दृष्टिकोण से पुनः नया बिजनेस खड़ा करने में जुट जाइये।

1- हारिये न हिम्मत
२- प्रबन्ध व्यवस्था एक विभूति एक कौशल
3- व्यवस्था बुद्धि की गरिमा
4- सफलता के सात सूत्र साधन
5- दृष्टिकोण ठीक रखें

🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाइन इंडिया यूथ असोसिएशन

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