प्रश्न - *गायत्री मंत्र का जप का उचित समय कब है?*
उत्तर- आत्मीय भाई, सूर्यास्त के दो घण्टे बाद और सूर्योदय के दो घण्टे पहले तक उपांशु जप किया जाता है, सूर्यास्त के बाद सूर्य की किरणों के अभाव में उपांशु जप की जगह मौन मानसिक जप करना चाहिए।
सूर्य के प्रकाश की अनुपस्थिति में उपांशु जप नही करना चाहिए।
सूर्य की उपस्थिति में और किसी अन्य मनुष्य के अन्य बातों के स्वर की अनुपस्थिति में उपांशु जप किया जाता है।
सूर्य की उपस्थिति में, यज्ञाग्नि की उपस्थिति हो तो सस्वर जोर से उच्चारण किया जाता है।
सूर्य की उपस्थिति में और अनेकों मनुष्य जब गायत्री मंत्र में स्वर मिलाने के इच्छुक हों तो सस्वर जप किया जासकता है।
समूह शक्ति के प्रयोग हेतु मौन मानसिक गायत्री मंत्र जप या उपांशु जप एक वक़्त में एकउद्देष्य हेतु करके उसे समूहिककृत किया जा सकता है।
गाड़ी चलाते वक्त व यात्रा के वक्त मौन मानसिक मन्त्र जरूर जपें जिससे सूक्ष्मप्राण मन्त्र संचार के माध्यम से प्रकृति के कण कण में हो जहाँ से आप गुजरे।
👏श्वेता, DIYA
उत्तर- आत्मीय भाई, सूर्यास्त के दो घण्टे बाद और सूर्योदय के दो घण्टे पहले तक उपांशु जप किया जाता है, सूर्यास्त के बाद सूर्य की किरणों के अभाव में उपांशु जप की जगह मौन मानसिक जप करना चाहिए।
सूर्य के प्रकाश की अनुपस्थिति में उपांशु जप नही करना चाहिए।
सूर्य की उपस्थिति में और किसी अन्य मनुष्य के अन्य बातों के स्वर की अनुपस्थिति में उपांशु जप किया जाता है।
सूर्य की उपस्थिति में, यज्ञाग्नि की उपस्थिति हो तो सस्वर जोर से उच्चारण किया जाता है।
सूर्य की उपस्थिति में और अनेकों मनुष्य जब गायत्री मंत्र में स्वर मिलाने के इच्छुक हों तो सस्वर जप किया जासकता है।
समूह शक्ति के प्रयोग हेतु मौन मानसिक गायत्री मंत्र जप या उपांशु जप एक वक़्त में एकउद्देष्य हेतु करके उसे समूहिककृत किया जा सकता है।
गाड़ी चलाते वक्त व यात्रा के वक्त मौन मानसिक मन्त्र जरूर जपें जिससे सूक्ष्मप्राण मन्त्र संचार के माध्यम से प्रकृति के कण कण में हो जहाँ से आप गुजरे।
👏श्वेता, DIYA
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