प्रश्न - *क्या प्रणीता पात्र का जल व यज्ञ भष्म घुटने के दर्द की जगह लगाया जा सकता है?*
उत्तर - जब यज्ञ भेषज और औषधीय उपचार के लिए किया जाता है, तो उसे औषधी रूप में प्रणाम कर यज्ञ भष्म व प्रणीता पात्र का जल अपने पैर के घुटनों में लगाया जाता है। यही नियम तुलसी पत्र व गंगाजल से बने औषधीय लेप के साथ भी है। लेकिन ध्यान रहे मन ही मन भगवान से अनुमति प्राप्त कर लें।
धर्म व युगधर्म में अंतर समझना यहाँ जरूरी है। धर्म सामान्य परिस्थिति में पालन होता है, लेकिन युगधर्म विशेष परिस्थिति में पालन होता है।
जब आप रोगी है और पिता चिकित्सक तो आपके घुटनो में उनका हाथ लगे बगैर उपचार किस कदर सम्भव होगा। लेकिन साधारण परिस्थिति में तो आप पिता को अपने घुटनों में हाथ लगाने नहीं देंगे। यज्ञ भगवान भी पिता स्वरूप चिकित्सक हैं।
🙏🏻श्वेता, DIYA
उत्तर - जब यज्ञ भेषज और औषधीय उपचार के लिए किया जाता है, तो उसे औषधी रूप में प्रणाम कर यज्ञ भष्म व प्रणीता पात्र का जल अपने पैर के घुटनों में लगाया जाता है। यही नियम तुलसी पत्र व गंगाजल से बने औषधीय लेप के साथ भी है। लेकिन ध्यान रहे मन ही मन भगवान से अनुमति प्राप्त कर लें।
धर्म व युगधर्म में अंतर समझना यहाँ जरूरी है। धर्म सामान्य परिस्थिति में पालन होता है, लेकिन युगधर्म विशेष परिस्थिति में पालन होता है।
जब आप रोगी है और पिता चिकित्सक तो आपके घुटनो में उनका हाथ लगे बगैर उपचार किस कदर सम्भव होगा। लेकिन साधारण परिस्थिति में तो आप पिता को अपने घुटनों में हाथ लगाने नहीं देंगे। यज्ञ भगवान भी पिता स्वरूप चिकित्सक हैं।
🙏🏻श्वेता, DIYA
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